अरबपति जॉर्ज सोरोस की ‘सेंट्रल युरोपियन युनिव्हर्सिटी’ हंगेरी से निष्कासित

Third World Warबुडापेस्ट: सोविएत संघराज्य के विघटन के बाद हंगेरी में स्थापित की गई ‘सेंट्रल युरोपियन युनिव्हर्सिटी’ को आखिरकार निष्कासित किया गया है| अरबपति व्यवसायी ‘जॉर्ज सोरोस’ इनकी ‘ओपन फाऊंडेशन’ ने इस विद्यापीठ की स्थापना की थी| लेकिन हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन इन्होंने, सोरोस इनकी कार्रवाईयों के विरोध में शुरू की मुहीम के अंतर्गत ‘सेंट्रल युरोपियन युनिव्हर्सिटी’ सब कुछ बटोर के बाहर निकलने पर विवश होना पडा है|

अरबपति, जॉर्ज सोरोस, सेंट्रल युरोपियन युनिव्हर्सिटी, हंगरी, निष्कासितयुरोप में पिछले कुछ वर्षों से लगातार इस्लामधर्मी शरणार्थियों के झुंड बडी मात्रा में घुसपैठ कर रहे है| युरोप का इस्लामीकरण करने के कुटिल षडयंत्र के तहत युरोप में शरणार्थियों के यह झुंड पहुंच रहे है और इस के पीछे सोरोस इनका हाथ है, यह आरोप हंगेरी के प्रधानमंत्री ने किया था| व्यवसायी सोरोस, इनकी स्वयंसेवी संगठन ‘ओपन सोसायटी फाऊंडेशन’ और सहयोग गुटों की सहायता से युरोपीय देशों में शरणार्थी दाखिल हो रहे है और उन्हें शरणी भी दी जा रही है, यह दावा प्रधानमंत्री ऑर्बन इन्होंने किया था|

हंगेरी के प्रधानमंत्री ऑर्बन इन्होंने कुछ महीनों पहले सोरोस के विरोध में खुले आम मुहीम शुरू की थी| इसी के तहत स्वयंसेवी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने वाले ‘स्टॉप सोरोस’ विधेयक को मंजुरी दी थी| उसी समय ‘सेंट्रल युरोपियन युनिव्हर्सिटी’ के विरोध में कार्यवाही करने के संकेत दिए गए थे| हंगेरी की राजधानी बुडापेस्ट में शुरू इस विद्यापीठ पर नए विद्यार्थी और पाठ्यक्रम स्वीकारने के लिए ऑर्बन ने प्रतिबंध जारी किए थे|

हंगेरी सरकार के इस निर्णय के विरोध में युरोप और अमरिका से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही थी| हंगेरी के साथ युरोपीय देशों के कुछ संगठनों ने एक होकर ऑर्बन इनके निर्णय के विरोध में आंदोलन भी शुरू किया था| लेकिन, राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थक प्रधानमंत्री ऑर्बन इन्होंने किसी भी विरोध के ओर ध्यान दिए बिना अपने निर्णय पर कायम रहने की हिम्मत दिखाई| इस वजह से यह विद्यापीठ सब कुछ बटोरने पर विवश हुआ था और यह विद्यापीठ अब अपना उपक्रम वियना और बर्लिन में स्थलांतरित करेगा, यह कहा जा रहा है|

सोरोस इनके समर्थकों ने ‘सेंट्रल युरोपियन युनिव्हर्सिटी’ का निष्कासन युरोप और हंगेरी के लिये काला दिन है, यह आलोचना की है|

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