हंगेरियन सरकार के दुष्प्रचार की वजह से यूरोप का काला इतिहास फिर से दोहराया गया – निवेशक जोर्ज सोरोस की टीका

 

बुडापेस्ट, दि.१२: अमीर उद्यमकर्त्ता जोर्ज सोरोस ने घन-घोर टीका करते हुए कहा है कि, ‘हंगेरी सरकार मेरे विरोध में कर रही दुष्प्रचार मतलब ज्यू वंश के द्वेष का एक हिस्सा है और यह यूरोप के काले इतिहास को दोहराने जैसा है।’पिछले कुछ हफ़्तों से हंगेरी की सत्तारूढ़ पार्टी ने सोरोस के खिलाफ खोले हुए मोर्चे कोसोरोस की ओर से पहली बार प्रत्युत्तर दिया गया।

यूरोप में घुस रहे शरणार्थियों के समूहों को लेकर कुछ यूरोपियन देशों में गंभीर मतभेद निर्माण हुए हैं।लेकिन हंगेरियन सरकार ने किसी भी हालत में अपने देश में शरणार्थियों को न लेने का कडा रुख अपनाया है।इसके लिए यूरोपियन महासंघ के विरोध का सामना करने के लिए भी हंगेरियन सरकार तैयार है।ऐसे में अमीर उद्यमकर्त्ता जोर्ज सोरोस ने हंगेरी से शरणार्थियों का स्वीकार करने की माँग की थी।इस बात के लिए सोरोस का जोर धरना मतलब पूर्वनियोजित षड्यंत्र का एक हिस्सा है, ऐसा आरोप हंगेरी सरकारने लगाया है।

हंगेरी सरकार का देश पर से नियंत्रण हटाने के लिए सोरोस शरणार्थियों को स्वीकार करने की माँग कर रहे हैं, ऐसा आरोप प्रधानमंत्री विक्टोर ओर्बन ने लगाया था।साथ ही प्रधानमंत्री ओर्बन ने सोरोस की ओर से वित्तसहाय की आपूर्ति होने वाली ‘सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी’ को बंद करने का विवादस्पद निर्णय लिया था।इसके साथ ही सन२०१८ के अप्रैल महीने में हंगेरी में होनेवाले चुनाव का प्रचार प्रधानमंत्री ओर्बन की सत्तारूढ़ पार्टी ने अभी से शुरू किया है।इस प्रचार के दौरान ‘सोरोस को जीत की मुस्कराहट दिलाने की गलती न करना,’ ऐसी अपील करने वाले पोस्टर्स चिपकाए जा रहे हैं।इस पर सोरोस ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

नाजी काल में जर्मनी में ज्यू वंशियों के खिलाफ ऐसे ही जहरीला प्रचार किया जाता था।हंगेरी मेंअपने विरोध में चल रहा प्रचार मतलब यूरोप के उस काले इतिहास को दोहराने जैसा है, ऐसा कहकर सोरोस ने उस पर आपत्ति जताई।सोरोस ने अब तक हंगेरी को शिक्षा और मानवाधिकार की रक्षा के लिए तक़रीबन ४० करोड़ डॉलर्स दान दिया था, इस बात को भी सोरोस की ओर से प्रसिद्ध किए गए निवेदन में सामने लाया गया है। इसके साथ ही सोरोस शरणार्थियों को यूरोपियन देशों में प्रवेश देने का आवाहन क्यों कर रहे हैं,इस बात का भी खुलासा इस निवेदन में किया गया है।

नाजी के ज्यू द्वेषी नीति का अनुभव लिए सोरोस को शरणार्थियों के दुःख का एहसास है।इसीलिए वो इराक और सिरिया से आए शरणार्थियों को यूरोपियन देशों में प्रवेश देने का आवाहन कर रहे हैं।इनके यह विचार यूरोपियन मूल्यों सेमिलतेजुलतेहैं, इस बात कोभी इस निवेदन में स्पष्ट किया गया है।

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