ऑनलाईन आलोचना रोकने के लिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की हॉटलाईन

बीजिंग – चीन पर हुकूमत जतानेवाली कम्युनिस्ट पार्टी के विरोध में होने वाली ऑनलाईन आलोचना की तुरंत जानकारी दीजिए, ऐसा आवाहन करके चीन ने इसके लिए हॉटलाईन की घोषणा की है। ‘सायबरस्पेस ऍडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चायना’ (सीएसी) द्वारा यह घोषणा की गई है। अपने विरोध में की जानेवाली आलोचना के बारे में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत दिखा रही यह चरमसीमा की असहिष्णुता और अतिसंवेदनशीलता यही संकेत दे रही है कि यह हुकूमत अधिक से अधिक असुरक्षित बनी है।

china-hotlineचीन में पहले से ही इंटरनेट पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। अन्य देशों में मुख्य रूप से इस्तेमाल किए जानेवाला सोशल मीडिया चीन में नहीं है। चीन ने पहले से ही सोशल मीडिया कंपनियों को अपने देश में प्रवेश करने से रोका है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का स्वतंत्र सोशल मीडिया होकर, उस पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विरोध में किसी भी प्रकार की आलोचना अथवा टिप्पणियाँ बर्दाश्त नहीं कीं जातीं। ऐसा होते हुए सीएसी ने हॉटलाईन शुरू करके, अपनी विरोध में उठनेवाली हर एक आवाज़ को कुचलने की तैयारी की है।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना को जुलाई महीने में १०० साल पूरे होनेवाले हैं। उससे पहले अपने विरोध में किसी भी प्रकार की आलोचना ना की जाए, इसके लिए यह अतिसंवेदनशीलता दिखाई जा रही दिख रही है। कम्युनिस्ट पार्टी का इतिहास और अब तक कम्युनिस्ट पार्टी ने किए प्रदर्शन के विरोध में अपप्रचार करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करनेवाला हर कोई सहयोग करें और ऐसे अपप्रचार की जानकारी हॉटलाइन पर दे दें, ऐसा आवाहन सीएसी ने किया है।

पिछले ही हफ्ते चीन के गान्शू प्रांत के १९ वर्षीय युवा को राष्ट्रविरोधी बयान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उससे भी पहले लद्दाख की एलएसी पर भारत के साथ हुए संघर्ष में चीन ने निश्चित रूप में कितने जवान गवाएँ और उन जवानों को राष्ट्रीय सम्मान क्यों नहीं दिया गया, ऐसा सवाल करनेवालों को जेल भेजा गया था। लद्दाख की गलवान वैली में हुए संघर्ष में शहीद हुए अपने सैनिकों को भारत में राष्ट्रीय सम्मान दिया। लेकिन चीन ने वैसा नहीं किया, इसपर युवाओं ने चीन के सोशल मीडिया पर नाराज़गी जाहिर की थी।

china-hotlineयह इन युवाओं ने किया बहुत बड़ा गुनाह होने का दोषारोपण करके उनपर कार्रवाई की गई। आनेवाले समय में चीन में ऐसी कार्रवाइयों की तीव्रता अधिक ही बढ़ाई जाएगी, ऐसा इस हॉटलाइन की घोषणा से स्पष्ट हुआ था। चीन जैसा आर्थिक, राजनीतिक और लष्करी दृष्टि से खुद को ताकतवर माननेवाला देश, इंटरनेट पर हो रही आलोचना से असुरक्षित बन रहा होने का बहुत ही विसंगत चित्र इससे दुनिया के सामने आ रहा है।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हुकूमत के विरोध में उठने वाली आवाज़ें तीव्र हुईं, तो उसका रूपांतरण बगावत में होगा, इस डर से इस हुकूमत को ग्रस्त किया है, यह भी इस उपलक्ष्य में फिर एक बार दुनिया के सामने आया है। चीन में कम्युनिस्ट हुकूमत का प्रशासन अन्य देशों से बहुत ही अलग है। कम्युनिस्ट पार्टी की हुकूमत यानी देश, ऐसी धारणा इस हुकूमत ने रूढ़ की है। इतना ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में बोया गया लोकतंत्र चीन में ना आयें, इसके लिए कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा फौलादी व्यवस्था का निर्माण किया गया है। चीन का लष्कर कम्युनिस्ट हुकूमत के साथ एकनिष्ठ रहेगा, ऐसी संरचना की गई है। इस व्यवस्था की कोई भी आलोचना ना करें और उसमें होनेवाले दोष तथा विसंगति इनपर टिप्पणी ना करें, ऐसी ही उम्मीद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी रखती है। उसमें दरारें पड़ जायेंगी इसका कम्युनिस्ट पार्टी की हुकूमत को प्रतीत हो रहा डर, यही स्पष्ट रूप से दर्शा रहा है कि इस देश में सब कुछ आलबेल नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.