क्रॉस-एक्झॅमिनेशन में हेड़ली से सनसनीख़ेज़ जानकारी प्राप्त

हेड़ली की सांत्वना के लिए उसके घर गये थे पाक़िस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री

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 डेव्हिड़ हेड़ली के पिताजी की मृत्यु  के पश्चात् पाक़िस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री युसूफ़ रझा गिलानी सांत्वना के लिए उसके घर गये होने की सनसनसीख़ेज़ बात सामने आयी है । डेव्हिड़ हेड़ली ने शुक्रवार को हुए उसके क्रॉस-एक्झॅमिनेशन के दौरान यह जानकारी दी । साथ ही, ‘सन २००४ में गुजरात में मुठभेड़ में मारी गयी इशरतजहाँ यह ‘लष्कर-ए-तोयबा’ की सदस्य थी’ यह जबानी में कहने के लिए भारत की ‘राष्ट्रीय तहकिक़ात संस्था’ (एनआयए) ने मुझपर दबाव नहीं डाला था, ऐसा हेड़ली ने कहा है ।

मुंबई आतंकवादी हमले के सिलसिले में अमरीका की जेल में बंद रहनेवाले हेड़ली का व्हिड़िओ कॉन्फरन्सिंग के ज़रिये क्रॉस-एक्झॅमिनेशन चल रहा है । इस क्रॉस-एक्झॅमिनेशन में से सनसनीख़ेज़ जानकारी बाहर आने लगी है । पाक़िस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री युसुफ़ रझा गिलानी के साथ हेड़ली के अच्छे ताल्लुक़ात थे, ऐसा हेड़ली ने क्रॉस-एक्झॅमिनेशन के दौरान बताया। ‘मुंबई पर आतंकवादी हमला होने के कुछ ही हफ़्तों बाद मेरे पिताजी की मृत्यु हुई थी। प्रधानमंत्री गिलानी उसके कुछ दिन बाद मेरे घर सांत्वना के लिए आये थे’ ऐसा हेड़ली ने न्यायालय में बताया।

‘सन १९७१ के युद्ध के दौरान भारतीय विमानों द्वारा किये गए बम-हमलों में मेरे स्कूल का भी नुकसान हुआ था, उन हमलों में कुछ लोग मारे भी गये थे। तब से लेकर मेरे मन में भारत के प्रति क्रोध की भावना थी। ‘लष्कर-ए-तोयबा’ में शामिल होने का यह एक अहम कारण था’ ऐसा हेड़ली ने बताया। इसी बीच, ‘ख़ोजयंत्रणाएँ ‘इशरतजहाँ ‘लष्कर-ए-तोयबा’ की सदस्य थी’ यह बात हेड़ली पर दबाव डालकर उससे उगलवा रही हैं’ इस आरोप का भी हेडली ने सुस्पष्ट रूप में खंडन किया।

अबु जुंदाल के वक़ील ने हेड़ली से कुछ सवाल पूछे थे। उनका जवाब देते हुए, ‘इशरत को लेकर किसीने भी मुझपर दबाव नहीं डाला है’ ऐसा हेड़ली ने कहा है। इशरत जहाँ यह ‘लष्कर-ए-तोयबा’ की आतंकवादी थी, यह हेड़ली ने फिर एक बार दृढ़तापूर्वक दोहराया। ‘डेव्हिड़ हेड़ली ने आजतक दी हुई ज़बानी का भरोसा नहीं किया जा सकता’ ऐसा पैंतरा बहुत पहले से ही पाक़िस्तान ने लिया था। लेकिन पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी डेव्हिड़ हेड़ली के अमरीका स्थित घर गये थे, यह बाब उसका पाक़िस्तान की यंत्रणा में रहनेवाला महत्त्वपूर्ण स्थान स्पष्ट कर रही है।

इस जानकारी का इन्कार करना पाक़िस्तान के लिए मुश्किल साबित हो सकता है। ‘दाऊद गिलानी’ यह मूल नाम रहनेवाले डेव्हिड़ हेड़ली के साथ अपना कुछ भी ताल्लुक़ न होने का दावा पाक़िस्तानी गुप्तचर यंत्रणा के द्वारा किया जाता है। यह दावा अब सबूतों के आधार पर टिक नहीं सकेगा, ऐसा हेड़ली के क्रॉस-एक्झॅमिनेशन के दौरान स्पष्ट हो रहा है।

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