‘तेहरिक-ए-तालिबान’ के ड़र से हफिज सईद को ‘नजरबंद’ किया गया : पाकिस्तानी मीडिया का दावा

नई दिल्ली/इस्लामाबाद, दि. २: ‘हफ़ीज़ सईद पर कार्रवाई करने के लिये भारत के पास सबूत माँगनेवाले पाकिस्तान के पास इसके लिए पर्याप्त सबूत हैं| सईद पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति की ज़रूरत है’, ऐसा ताना भारत के विदेशमंत्रालय ने दे मारा| सईद को घर में नज़रबंद कर देने पर भारत द्वारा दी गयी प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए, पाकिस्तान ने भारत के पास सईद के खिलाफ़ सबूत माँगे थे| सईद को घर में नज़रबंद किया जाना, यह पाकिस्तान ने इस आतंकवादी नेता पर कार्रवाई की है, ऐसा नाटक रचा जा रहा है| लेकिन दरअसल यह नजरबंद किया जाना यानी सईद को दी हुई सुरक्षा है, ऐसी ख़बर भी सामने आयी है| वहीं, ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ इस आतंकवादी संगठन से सईद को ख़तरा होने के कारण, उसे उसके ही घर में नजरबंद कर रखने का फैसला पाकिस्तान ने लिया, ऐसी चर्चा भी शुरू है|

pakमुंबई पर हुए आतंकी हमले का सूत्रधार रहनेवाले हफ़ीज़ सईद को घर में ही नज़रबंद कर रखने की खबर प्रकाशित हुई| लेकिन भारत के विदेशमंत्रालय ने इसपर आशंका जताते हुए, यह नजरबंदी यानी आँखो में धूल झोंकने जैसा है, ऐसा कहा था| इसपर पाकिस्तान के गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने, हमें भारत के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं है, ऐसा कहा था| आतंकवादियो पर कार्रवाई करने को लेकर पाकिस्तान को भाषणबाजी सुनानेवाला भारत खुद अपने आतंकवादी कारनामें रोकें, ऐसा पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने कहा था| साथ ही, हफ़ीज़ सईद पर कार्रवाई करने के लिए भारत ने पाकिस्तान को पुख़्ता सबूत देने चाहिए, ऐसी माँग पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने की थी| हफ़ीज़ सईद की राजनीतिक गतिविधियों का फ़ायदा उठाकर भारत पाकिस्तान की प्रतिमा मलिन करने की साज़िश कर रहा है, ऐसा आरोप भी इस देश के विदेशमंत्रालय ने किया|

hafiz_saeedगुरुवार को पाकिस्तान के इन बयानों का भारत के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने जवाब दिया| ‘हफीज सईद पर कार्रवाई करने के लिये पाकिस्तान को सबूतों की ज़रूरत नहीं| इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की ज़रूरत है| मुंबई पर आतंकवादी हमले की साज़िश पाकिस्तान में रची गई थी| यह हमला करनेवाले आतंकवादी पाकिस्तान से भारत में आये थे| उन्हें सभी प्रकार की सहायता पाकिस्तान से ही मिली थी| इसलिए इसके सारे सबूत पाकिस्तान में ही उपलब्ध हैं’, ऐसा स्वरूप ने कहा|

इतना ही नहीं, बल्कि हफ़ीज़ सईद ने खुद, मैंने भारत में आतंकवादी हमले कराये, ऐसा क़बूल किया था| इससे अधिक पुख़्ता सबूत और क्या हो सकते हैं, ऐसा कहते हुए विकास स्वरूप ने पाकिस्तान की निर्भर्त्सना की| सईद की नजरबंदी के खिलाफ पाकिस्तान के लाहोर शहर में प्रदर्शन शुरू हो गये हैं| लेकिन यह नजरबंदी राष्ट्रीय हित ध्यान में रखते हुए की गई है, ऐसी जानकारी पाकिस्तानी सेना ने दी| सईद के बाहर घूमनेफिरने पर भी पाबंदी लगाई गयी होकर, यह सारी कार्रवाई आतंकवादविरोधी कार्रवाई होने का एक नाटक पाकिस्तान कर रहा है| पाकिस्तान में फैल रहे आतंकवाद पर चिंता जताते हुए, आनेवाले समय में पाकिस्तानी निवासियों को भी अमरीका में प्रवेशबंदी की जा सकती है, ऐसे संकेत अमरीका के ‘व्हाईट हाऊस’ ने दिये थे|

इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान ने सईद को नज़रबंद कर रखने का फैसला किया है, ऐसा कहा जाता है| वहीं इसके पीछे चीन का दबाव होने के दावे कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने किये हैं| पाकिस्तान की आतंकवादी प्रतिमा चीन के लिए मुसिबत साबित हो रही होकर, यह प्रतिमा बदलने के लिए पाकिस्तान ने कोशिश करनी चाहिए, ऐसी चीन की माँग है| इसके तहत सईद को नजरकैद में रखना, यह पाकिस्तान को मजबूर होकर करना पड़ा, ऐसा कहा जाता है| वहीं, ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ इस आतंकवादी संगठन से सईद की जान को ख़तरा होने के कारण, उसे सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह नजरकैद है, ऐसी चर्चा पाकिस्तानी मीडिया में शुरू हुई है|

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