चीन के क्षेपणास्त्रों को जवाब देने के लिए गुआम को नयी हवाई सुरक्षा यंत्रणा चाहिए – इंडो-पैसिफिक कमांडप्रमुख ऍडमिरल फिलिप डेव्हिडसन

अगाना – चीन के क्षेपणास्त्रों से, गुआम द्वीप पर स्थित अमरिकी जनता और जवानों की सुरक्षा को खतरा कायम है। इस कारण इंडो-पैसिफिक कमांड को नई हवाई सुरक्षा यंत्रणा की आवश्यकता है, ऐसी माँग इस कमांड के ऍडमिरल फिलिप डेव्हिडसन ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने रखी। उसी के साथ इंडो-पैसिफिक कमांड के रक्षा खर्च में भी दोगुनी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव ऍडमिरल डेव्हिडसन ने रखा है।

chinese-missilesपिछले हफ्ते से चीन ने ‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में महीने भर के युद्धाभ्यास की घोषणा की है। चीन ने क्षेपणास्त्रों से लैस होनेवाले अपने विध्वंसक पोतों को इस युद्धाभ्यास में सहभागी कराया है। साथ ही, स्वदेशी बनावट का विमानवाहक युद्धपोत नौसेना की सेवा में दाखिल होने की घोषणा भी चीन ने की है। अमरीका के इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख ऍडमिरल डेव्हिडसन ने दो दिन पहले अमरिकी कांग्रेस के सामने बात करते हुए चीन के इस बढ़ते चले जा रहे खतरे का अहसास करा दिया।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता के लिए अमरीका को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़ेंगे, ऐसा ऍडमिरल डेव्हिडसन ने कहा। आने वाले दौर में अमरीका और चीन में यदि संघर्ष भड़का, तो ‘फर्स्ट आयलँड चेन’ की सुरक्षा को ठेंठ चुनौती मिल सकती है। इस ‘फर्स्ट आयलँड चेन’ में जापान का कुरील तथा र्‍युक्यू द्वीपसमूह, ताइवान, फिलिपीन्स, बोर्नियो इन द्वीपों और देशों का समावेश है। संबंधित देशों और द्वीपों की सुरक्षा के लिए ‘इंटिग्रेटेड जॉईंट फोर्स’ की आवश्यकता है, ऐसा ऍडमिरल डेव्हिडसन ने बताया।

साथ ही, ‘सेकंड आयलँड चेन’ के गुआम, इंडोनेशिया और मारियानास द्वीपसमूहों की सुरक्षा के लिए अमरीका को नई हवाई सुरक्षा यंत्रणा की जरूरत है। इस क्षेत्र में यदि स्थिरता बनाये रखनी है, तो गुआम द्वीप का सामरिक महत्व बरकरार रखना अमरीका के लिए आवश्यक है’, ऐसा इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख ने डटकर कहा है।

chinese-missilesगुआम के लिए नई हवाई सुरक्षा यंत्रणा की माँग के साथ ही, ऍडमिरल डेव्हिडसन ने इंडो-पैसिफिक कमांड के रक्षा खर्च में दोगुनी बढ़ोतरी करने की माँग भी की। इंडो-पैसिफिक कमांड के लिए दिये जानेवाले रक्षाखर्च में दोगुनी बढ़ोतरी करके ४.७ अरब डॉलर्स इतना किया जाए, ऐसा प्रस्ताव डेव्हिडसन ने अमरिकी कॉंग्रेस के सामने रखा।

अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड के तहत इस क्षेत्र में एक लाख ३२ हज़ार जवानों को तैनात किया गया है। इनमें जापान में सर्वाधिक ५५ हज़ार, दक्षिण कोरिया में २८ हज़ार तथा गुआम द्वीप पर १२ हज़ार जवान तैनात हैं। गुआम द्वीप चीन से लगभग चार हज़ार किलोमीटर की दूरी पर है। इस कारण गुआम द्वीप चीनविरोधी कार्रवाई के लिए सबसे अहम साबित हो सकता है, इसपर चीन के लष्करी विश्लेषकों ने कुछ महीने पहले गौर फरमाया था।

गुआम द्वीप पर अमरीका के परमाणु अस्त्र वाहक बाँबर विमान भी तैनात हैं। ऐसी परिस्थिति में, गुआम द्वीपों पर नयी हवाई रक्षा यंत्रणा तैनात की जाए, यह ऍडमिरल डेव्हिडसन ने की माँग, इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा होने के संकेत देने वाली है। इस कारण चीन से होनेवाले खतरे की ओर अमरीका अत्यंत गंभीरता से देख रही है , यह बात स्पष्ट होती है।

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