भारत-ताजिकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग के लिए बड़ा अवसर – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

दुसांबे – ताजिकिस्तान में अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर हो रही ‘हार्ट ऑफ एशिया’ परिषद में शामिल हुए भारत के विदेशमंत्री ने ताजिकिस्तान के विदेशमंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच सभी स्तरों पर सहयोग बढ़ाकर दोनों देशों के बीच व्यापार को गति प्रदान करने पर विदेशमंत्री जयशंकर और विदेशमंत्री महुरिद्दीन की सहमति हुई। भारत और ताजिकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग के लिए काफी बड़ा अवसर होने का बयान विदेशमंत्री जयशंकर ने किया।

ताजिकिस्तान

ताजिकिस्तान में भारत कुछ विकास प्रकल्प चला रहा है और इसमें राजधानी दुसांबे और चोरतूत शहरों में आठ लेन के राजमार्ग के काम का समावेश है। अगले वर्ष तक इसका काम पूरा होगा। भारत अगले दिनों में ताजिकिस्तान में नए प्रकल्प शुरू करेगा, ऐसा ऐलान विदेशमंत्री जयशंकर ने किया है। इसमें ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र के प्रकल्पों का समावेश है। भारत इसके लिए ताजिकिस्तान को कर्ज़ भी प्रदान करेगा, यह जानकारी भी विदेशमंत्री जयशंकर ने इस अवसर पर प्रदान की।

ताजिकिस्तान के स्कूलों के लिए फिलहाल आयटी उपकरण, अन्न प्रक्रिया केंद्र, अभियांत्रिकी कार्यशाला, दवाईयों के निर्माण केंद्र, आयटी सेंटर्स और पनबिजली निर्माण प्रकल्पों के आधुनिकीकरण के लिए भारत सहायता प्रदान कर रहा है, यह जानकारी भी विदेशमंत्री जयशंकर ने साझा की। इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बरकरार रहे, यही भारत और ताजिकिस्तान के हित में रहेगा। इसी वजह से रक्षा और सुरक्षा के मोर्चे पर भारत और ताजिकिस्तान का सहयोग अधिक मज़बूत करने पर दोनों देशों की सहमति हुई है। ताजिकिस्तान के रक्षामंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्ज़ो के साथ हुई चर्चा सफल होने की बात जयशंकर ने स्पष्ट की।

संयुक्त राष्ट्रसंघ और अन्य संगठनों के माध्यम से भारत और ताजिकिस्तान एक दूसरे से सहयोग करते हैं, इस बात पर भी भारतीय विदेशमंत्री ने इस दौरान ध्यान आकर्षित किया। इसी बीच ताजिकिस्तान एवं अन्य सेंट्रल एशियाई देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए भारत उत्सुक है। लेकिन, अफ़गानिस्तान के रास्ते सेंट्रल एशियाई देशों के साथ व्यापारी परिवहन के लिए पाकिस्तान ने रास्ता उपलब्ध कराने से इन्कार किया था। इस वजह से भारत का सेंट्रल एशियाई देशों के साथ व्यापार सीमित रहा। लेकिन, ईरान का छाबहार बंदरगाह विकसित करके भारत ने अफ़गानिस्तान के साथ जारी व्यापार को गति प्रदान की है। आनेवाले दिनों में अफ़गानिस्तान के रास्ते सेंट्रल एशियाई देशों के साथ व्यापार को गति प्रदान करने के लिए भारत की कोशिश जारी है।

ताजिकिस्तान, किरगिज़िस्तान, कज़ाकस्तान, उज़बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान यह सेंट्रल एशिया के नैसर्गिक संपत्ति से भरे देश हैं। इन देशों के साथ व्यापार बढ़ाने में भारत को सफलता प्राप्त हुई तो भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और गति बदल सकती है। सेंट्रल एशिया के यह देश भी भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए उतने की उत्सुक हैं। अब इसके लिए छाबहार बंदरगाह का मार्ग खुला होने से इस व्यापार की नई-नई संभावनाएं सामने आ रही हैं। इस वजह से भारत के विदेशमंत्री ने ताजिकिस्तान के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए शुरू की हुई कोशिश ध्यान आकर्षित करती है।

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