जर्मन पुलिस दल मे अरब टोलियों की घुसपैठ- वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का इशारा

बर्लिन: जर्मनी में रहनेवाले अरब वंशीय के गुनहगारी टोलियाँ राजधानी बर्लिन के साथ देश के अन्य भाग के सुरक्षा यंत्रणा में घुसपैठ करने का प्रयत्न कर रहे हैं, ऐसा सनसनीखेज आरोप जर्मनी के वरिष्ठ पुलिस अधिकारीने किया है। इसके पीछे होने वाला सत्य जर्मन जनता के सामने आना ही चाहिए, ऐसी मांग बर्लिन में जर्मन पुलिस यूनियन के प्रमुख बोडोफाल्सग्राफ ने किया है।

कुछ दिनों पहले जर्मनी के गुप्तचर यंत्रणाने प्रसिद्ध की एक रिपोर्ट में चांसलर मर्केल इनके ‘ओपन डोर’ पॉलिसी की वजह से जर्मनी यूरोप में आतंकवादियों का केंद्र बनने का दावा किया था। इस पृष्ठभूमि पर यह नया आरोप ध्यान केंद्रित करने वाला है।

जर्मनी के पुलिस की प्रमुख संघटना होनेवाले ‘जर्मन पुलिस यूनियन’ के राजधानी बर्लिन में मुख्य होने वाले बोडोफाल्सग्राफ ने झेडडीएफ इस वृत्त माध्यम को दिए मुलाकात में जर्मनी में वास्तव्य करने वाले अरब टोलियों से बनाए जानेवाला षड्यंत्र उजागर किया गया है। जर्मनी में रहनेवाले अरब वंशियो के गुनाहगारी टोलियों ने घुसपैठ के लिए योजना तैयार की है। उसके अनुसार इन टोलियोंके कुछ सदस्य गुन्हेगारी कारवाईयो से दूर रखे गए हैं।यह प्रयासम, इन सदस्यों को जर्मनी के विविध सुरक्षा तथा सरकारी यंत्रणा में घुसाने के लिए यह किया गया है, ऐसा आरोप फाल्सग्राफ ने किया है।

जर्मन सरकार प्रशासन एवं पुलिस यंत्रणा कैसे काम करती है, यह टोलियों को मालूम है और इस बारे में उन्हें सभी जानकारी है, ऐसा दावा जर्मन पुलिस यूनियन के अधिकारीने किया है। इन सभी घटनाक्रम कोजर्मन यंत्रणाओंने तत्काल एवं बारीकी से ध्यान देने की जरूरत होने की मांग भी उन्होंने की है। जर्मनी की पुलिस भर्ती के नियम अधिक कठोर करने की आवश्यकता होकर, पिछले अनेक वर्षों में उनमें बदलाव नहीं हुए हैं, जिसकी वजह से पुलिस को वास्तविकता का ज्ञान नहीं है, ऐसी कड़ी टीका फाल्सग्राफने की है।

घुसपैठ

जर्मन पुलिस अधिकारीने किए इस दावे के पीछे, हालही में सामने आए एक गंभीर मामले की पृष्ठभूमि है। पिछले महीने में कानून का शिक्षण लेनेवाली एक अरब वंशीय छात्रा ने पुलिस के गोपनीय दस्तावेजों के छायाचित्र लिए थे। यह छायाचित्र मैसेंजर सर्विस की सहायता से अज्ञात व्यक्ति को भेजने की बात उजागर हुई थी।

इस मामले के बाद जर्मनी के प्रसार माध्यमों में इस स्वरूप के अनेक खबरें प्रसिद्ध हुई थी। उनमें जर्मन पुलिस को भेजे गए पत्र का समावेश होकर जर्मनी के पुलिस की नौकरियाँ गुनहगारी टोलियों के लिए खुले होने का आरोप किया गया था। बर्लिन में पुलिस दल के प्रमुख क्लॉस केंट एवं उपप्रमुख मार्गारेट कॉपर्स ने इस बारे में सभी आरोप झूठलाये हैं। जर्मन संसद में हुई सुनवाई के बाद केंट और कॉपर्स ने ऐसा कुछ भी ना होने का दावा किया है।

पिछले वर्ष में जर्मनी के विविध सुरक्षा तथा गुप्तचर यंत्रणाओ ने देश में बढ़ती आतंकी खतरों के बारे में इशारे दिए हैं और उनमें शरणार्थियों का बहुत बड़ा समभाग होने का दावा किया गया है। उसकी वजह से आतंकवादियों को रोकने के लिए सुरक्षा तथा कानून विषयक यंत्रणा कम पड़ने की शिकायतें भी सामने आ रही है। इस पृष्ठभूमि पर अरब वंशियों के जर्मनी में गुनहगारी टोलियों अंतर्गत व्यवस्था में सक्रिय होने के लिए होनेवाले प्रयत्न जर्मनी की सुरक्षा का खतरा अधिक बढ़ा रहे हैं।

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