‘साउथ चाइना सी’ फ्रान्स के विध्वंसकों की गश्त जारी रहेगी – फ्रान्स के विदेशमंत्री ने किया ऐलान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमनीला: अमरिका के बाद जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रान्स ‘साउथ चाइना सी’ में चीन की आक्रामक गतिविधियों को चुनौती दे रहे हैं| सागरी परिवहन की सुरक्षा के लिए फ्रान्स के विध्वंसक साउथ चाइना सी में आगे चलकर भी गश्त शुरू रखेंगे, यह घोषणा फ्रान्स के विदेश मंत्री ‘जीन बैप्टिस्ट लिमोये’ ने की है| फ्रान्स की विध्वंसक ने ‘साउथ चाइना सी’ के क्षेत्र से यात्रा करने के बाद विदेशमंत्री ने यह जानकारी दी है| साउथ चाइना सी के क्षेत्र में संघर्ष की स्थिति निर्माण हुई है और फ्रान्स के विदेशमंत्री की घोषणा चीन के सामने नई चुनौती मानी जा रही है|

फ्रान्स की विध्वंसक ने ‘साउथ चाइना सी’ के क्षेत्र में गश्त बढ़ाई है और कुछ हफ्तों पहले फ्रान्स ने गश्त बढाने का ऐलान भी किया था| फ्रान्स के विध्वंसक की गश्त के बारे में फिलिपाईन्स के वृत्त माध्यम से बोलते हुए विदेशमंत्री लिमोये ने साउथ चाइना सी में गश्त करना अपने देश की जिम्मेदारी होने की बात कही है| हालही में संपन्न हुए ‘शांग्री-ला’ बैठक में फ्रान्स के साउथ चाइना सी के बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट की थी, इसकी याद विदेशमंत्री लिमोये ने दिलाई है|

फ्रान्स यह ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश है| इस क्षेत्र में फ्रान्स के ७००० सैनिक तैनात हैं| जिसकी वजह से इस क्षेत्र में सागरी परिवहन की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी फ्रान्स पर भी है, ऐसा कहकर लिमोये ने साउथ चाइना सी में गश्त बंद नहीं करेंगे, यह स्पष्ट किया है| फ्रान्स के इस ऐलान पर चीन से प्रतिक्रिया अपेक्षित है|

कुछ हफ्तों पहले फ्रान्स के विध्वंसक ने तैवान के खाड़ी क्षेत्र से यात्रा की थी| फ्रान्स के विध्वंसक की इस कार्रवाई पर चीन ने आक्षेप लिया था| तैवान यह अपना ही सार्वभौम भाग होने का दावा भी किया था| तथा तैवान ने फ्रान्स के विध्वंसक की गश्त का स्वागत किया था|

दौरान साउथ चाइना सी के क्षेत्र से लगभग ३ ट्रिलियन डॉलर से अधिक माल का परिवहन किया जाता है| पर्शियन खाड़ी क्षेत्र के बाद सबसे संवेदनशील सागरी क्षेत्र के तौर पर साउथ चाइना सी को देखा जा रहा है| वहां के अधिकतम क्षेत्र पर चीन ने अपना कब्जा जताया है| साथ ही इस सागरी क्षेत्र में चीन ने लगभग १०० से अधिक कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करके उसका लष्करीकरण शुरू किया है| अमरिका एवं मित्र देशों ने चीन की इस हरकत के विरोध में आपत्ति दर्ज की है और साउथ चाइना सी में गश्ती बढ़ाई है|

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