रफायल का इंजन तैयार करनेवाली फ्रेंच कंपनी ने भारत के सामने रखा प्रस्ताव

पैरिस – फ्रेंच निर्माण के पहले रफायल विमान का स्वीकार करने की औपचारिकता भारत ने पूरी की है| इसके बाद इस विमान के लिए इंजन तैयार करनेवाली कंपनी ने भारत के सामने प्रस्ताव रखा है| रफायल का इंजन तैयार करनेवाली सफ्रान कंपनी ने भारत को लडाकू विमान के इंजन तैयार करके देने की उत्सुकता दिखाई है| इस संबंधी प्रस्ताव भी सफ्रान ने ‘डीआरडीओ’ को दिया है, ऐसा कहा जा रहा है| इस वजह से लडाकू विमानों का निर्माण देश में ही करने की कोशिश कर रहे भारत को इस मोर्चे पर बडी सफलता मिलने की संभावना दिखाई दे रही है|

अतिप्रगत वर्ग के लडाकू विमानों का निर्माण देश में ही करने का उद्देश्य भारत ने सामने रखा है| भारत दुसरें देशों से लडाकू विमानों की खरीद कर रहा है, फिर भी लडाकू विमानों का देश में निर्माण करने की ओर अनदेखा नही किया जाएगा, यह बात वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार भदौरिया ने हाल ही में घोषित की थी| फिलहाल भारत ‘तेजस’ विमानों का निर्माण कर रहा है| फिर भी प्रगत लडाकू विमानों के लिए आवश्यक इंजन का निर्माण करना भारत के सामने अभी भी चुनौती रही है| इस पृष्ठभूमि पर, सफ्रान कंपनी ने भारत को यह प्रस्ताव दिया है|

रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने अपनी फ्रान्स यात्रा के दौरान सफ्रान कंपनी की परियोजना को भेंट दी थी| इस वजह से यह प्रस्ताव प्राप्त होने से पहले बातचीत होने के संकेत भी प्राप्त हो रहे है| रक्षामंत्री ने अपनी इस यात्रा में फ्रान्स की रक्षा सामान का निर्माण कर रही कंपनियों को भारत में निवेष करने का निवेदन किया था| इस पर सफ्रान ने प्रतिसाद दिया है| भारत खरीद रहे रफायल विमानों का इंजन सफ्रान ने तैयार किया है| इस कंपनी ने अब भारत के ‘तेजस’ के लिए भी इंजन तैयार करने की तैयारी दिखाई है| इस विषय का प्रस्ताव सफ्रान ने डीआरडीओ को दिया है| सफ्रान के सीईओ ऑलिव्हर आंद्रेस ने यह जानकारी सार्वजनिक की है|

फिलहाल डीआरडीओ इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है| भारत के साथ परियोजना शुरू करने के लिए तकनीक प्रदान करने की शर्त रखी जाती है| यह तकनीक प्रदान करने के लिए अपनी कंपनी तैयार है, यह भी आंद्रेस ने स्पष्ट किया| इस वजह से यह प्रस्ताव आगे बढने की बडी संभावना दिख रही है| भारतीय अधिकारियों ने यह प्रस्ताव आगे बढा तो ‘मेक इन इंडिया’ को बडी गति प्राप्त होगी, यह दावा भी किया है| इस वजह से रफायल विमानों का इस्तेमाल कर रहे किसी भी देश को भारत इन इंजन की बिक्री कर सकेगा, इस ओर भी संबंधित अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया| इसी बीच अन्य कंपनियां भी भारत के सामने इसी तरह के प्रस्ताव रख रही है और भारत के साथ भागीदारी करने के लिए उत्सुकता दिखा रही है|

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