बांगलादेश-असम के बीच नदी के रास्ते माल ढुलाई शुरू

गुवाहाटी – बांगलादेश से सिमेंट की बोरियों से भरा जहाज़ नदी के रास्ते असम के करीमगंज में दाखिल हुआ। ‘प्रोटोकॉल फॉर इनलैन्ड वॉटर ट्रेड ॲण्ड ट्रान्झिट’ (पीआयडब्ल्यूटीटी) के तहत यह जहाज़ ९ नवंबर के दिन असम पहुँचने की जानकारी बांगलादेश में स्थित भारतीय दूतावास ने साझा की। सितंबर महीने में बांगलादेश से त्रिपुरा के बीच नदी के रास्ते माल ढुलाई करने का परीक्षण किया गया था। इस जलमार्ग की वजह से ईशान्य भारत और बांगलादेश के व्यापार में बढ़ोतरी होगी, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की।

Aasam-Bangladesh९ नवंबर के दिन बांगलादेश से नदी के रास्ते निकला ‘एमव्ही प्रिमीयर जहाज’ पहली बार असम के करीमगंज की दिशा में रवाना हुआ। पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के नज़रिये से भारत-बांगलादेश की यह जल-परिवहन अहम साबित होता है, यह बयान भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने किया है। भारत और बांगलादेश के बीच सड़क, समुद्री मार्ग से पहले से व्यापार होता रहा है। अब नदी के रास्ते भी व्यापारी माल ढुलाई शुरू होने से दोनों देशों के व्यापारी संबंध अधिक मज़बूत होंगे, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है।

‘पीआयडब्ल्यूटीटी’ के अनुसार अबतक भारत और बांगलादेश के बीच आठ जलमार्ग शुरू हुए हैं। बीते वर्ष इस मार्ग से ३.५ मेगा मेट्रिक टन (एमएमटी) माल ढुलाई की गई थी। त्रिपुरा एवं असम के बाद ईशान्य भारत के अन्य जल-परिवहन प्रकल्पों पर काम शुरू है, यह जानकारी भी दी गई है। ईशान्य भारत के इन मार्ग से भारत और बांगलादेश को नए अवसर उपलब्ध हुए हैं और परिवहन का यह विकल्प समय की बचत करनेवाला मार्ग भी बना है।

इसी बीच, भारत-बांगलादेश की सीमा पर ‘पेट्रापोल-बेनापोल इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट’ में भारतीय सेना और बांगलादेश की सेना के प्रतिनिधिमंडलों की बैठक हुई। इसमें बांगलादेश में स्थित भारतीय उच्चायुक्तालय के अधिकारी भी मौजूद थे। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध मज़बूत करने के लिए भारत ने बांगलादेश को २० प्रशिक्षित लष्करी घोड़े एवं १० माईन डिटेक्शन डॉग्ज का उपहार दिया। उन्हें भारतीय सेना की ‘रिमाउंट ॲण्ड व्हेटरनरी कोअर’ ने प्रशिक्षित किया है।

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