बांगलादेश की तरह हमें भी पाकिस्तान से आजाद करें – सिंध, बलोच और पश्तू जनता ने किया भारत के प्रधानमंत्री को निवेदन

ह्यूस्टन – ‘वर्ष १९७१ में बांगलादेश को आजादी प्राप्त करने के लिए जैसे भारत ने सहयोग किया था| वैसी ही सहायता करके भारत फैसिस्ट और आतंकी पाकिस्तान के कब्जे सें सिंध की जनता को रिहा करें’, यह निवेदन अमरिका के सिंदी कार्यकर्ताओं ने बडी भावना के साथ किया है| लगभग इन्हीं शब्दों में पाकिस्तान के अन्याय का सामना कर रहे बलोच और पश्तू जनता के प्रतिनिधि भी भारतीय प्रधानमंत्री को सहायता करने के लिए निवेदन कर रहे है|

अमरिका के ह्यूस्टन में भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए बडे जोश के साथ कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है| इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी यहां से निकलते समय हम सिंधी कार्यकर्ता उन्हें निवेदन करने के लिए हाथ में बैनर लेकर खडे रहेंगे और उनतक सिंधी जनता का संदेशा पहुचाएंगे, ऐसा सिंधी कार्यकर्ता जफर ने कहा है| पाकिस्तान अन्याय करनेवाला देश है और पाकिस्तान की सेना और आईएसआई आतंकी संगठन ही है| उन्हें आतंकी घोषित करें, यह मांग हम इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से करेंगे, ऐसा जफर ने आगे कहा|

यह मांग करने के लिए करीबन सौ से भी अधिक सिंधी कार्यकर्ता ह्यूस्टन पहुंचे है| पाकिस्तान में सिर्फ सिंधी ही नही, बल्कि बलोच और पश्तू समुदाय पर हो रहे अत्याचार दुनिया के सामने रखने के लिए उनके कार्यकर्ता समारोह की जगह तक जा पहुंचे है| हमें पाकिस्तान से आजाद करने के लिए हमारी सहायता करें, यह निवेदन यह कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से करेंगे| वर्ष १९७१ में भारत ने सहायता करने से ही पूर्वीय पाकिस्तान के बंगाली नागरिकों को पाकिस्तान से अलग होकर बांगलादेश का निर्माण करना मुमकिन हुआ था| अब भी भारत वैसा ही करें, यह निवेदन ‘बलोच नैशनल मुव्हमेंट’ इस संगठन के अमरिका में मौजूद प्रतिनिधि नाबी बक्क्षा बलोच ने किया है|

बलोचिस्तान की जनता का मानव अधिकार पाकिस्तान पांव के निचे कुचल रहा है, इसकी याद नाबी ने दिलाई| साथ ही पाकिस्तान में पश्तूओं पर हो रहे अत्याचारों का दाखिला देकर पश्तूं के नेता भी सिंधी और बलोच कार्यकर्ताओं की तरह भारत से सहायता प्रदान करने के लिए निवेदन कर रहे है| इस वजह से प्रधानमंत्री मोदी के ह्यूस्टन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान को एक ही समय पर कई झटके लगने की बात दिखाई दे रही है| बलोच, सिंधी, पश्तू जनता की मांगों पर विचार करके इस समस्या का राजनियक राह से हल निकालने की सच्ची कोशिश पाकिस्तान ने कभी नही की है| इसका असर पाकिस्तान को अगले समय में भुगतना होगा, यह बात स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगी है|

पाकिस्तान बलोच, सिंधी और पश्तू कार्यकर्ताओं का दमन करके अपने विरोध में उठ रही आवाज दबाने का काम कर रहा है| लेकिन, अब पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के विरोध में क्रोधित हुई जनता इन अत्याचारों के विरोध में भडक उठी है| उसी की गुंज पाकिस्तान में सुनाई देने लगी है| ऐसे में अब क्या, अपने देश के टुकडें होंगे, यह सवाल इस देश के कुछ जिम्मेदार विश्‍लेषक पुछने लगे है|

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