फ्रान्स की सुरक्षा को अंतर्गत और बाह्य घटकों का अभूतपूर्व खतरा – भूतपूर्व गुप्तचर प्रमुख की चेतावनी

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पैरिस – फ्रान्स की सुरक्षा को अंतर्गत और बाह्य शक्तियों से अभूतपूर्व खतरा है और आतंकवाद जैसे खतरों से लड़ने में वह असफल साबित हो रहा है। ऐसी चेतावनी फ़्रांस के भूतपूर्व गुप्तचर प्रमुख बर्नार्ड स्क्वार्सिनी ने दी है। रशियन न्यूज़ चैनल को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने आतंकवादी समूह शरणार्थियों के जाल के माध्यम से फ़्रांस में घुसने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा कहा है।

‘फ़्रांस सुरक्षित नहीं रहा है। फ़्रांस को सीमा पार से और अंतर्गत घटकों से भी खतरा है। फ़्रांस के लोग इंटरनेट के माध्यम से उनका कुटिल हेतु सफल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पहले कभी नहीं हुआ होगा इतना अभूतपूर्व खतरा फ़्रांस की सुरक्षा को निर्माण हुआ है। इन खतरों का मुकाबला करने के लिए फ़्रांस उतना सक्षम नहीं है और कोशिश करता दिखाई दे रहा है’, ऐसी स्क्वार्सिनी ने चेतावनी दी है।

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यूरोप आतंकवादियों को ढूंढने में पूरी तरह से सफल नहीं रहा है। यह बात आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की पद्धति में अधिक सुधारना करने की आवश्यकता है, यह साबित करती है, इस बात को भी स्क्वार्सिनी ने स्पष्ट किया है। आतंकवादी और शरणार्थियों के समूहों का परस्पर संबंध है, इसको रेखांकित करके यह जाल यूरोपीय महासंघ के मूल मुद्दों को चुनौती देता है, ऐसा कहा है।

आतंकवादी हमले और शरणार्थियों के समूह इससे यूरोप में राजनीतिक समस्या निर्माण हुई है और इटली जैसे देश को असुरक्षितता की भावना की वजह से सीमा बंद करनी पड़ी थी, ऐसा दावा भी स्क्वार्सिनी ने किया है। फ़्रांस ऐसा कड़ा कदम उठाकर सिमा बंद नहीं कर सकेगा ऐसा भी स्क्वार्सिनी ने कहा है। फ़्रांस अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प जैसे दिवार खडी नहीं कर सकता। ऐसा स्क्वार्सिनी ने कहा है।

यूरोप में नए प्रकार के आतंकवादी तैयार हो रहे हैं और उनको विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है और उनको पहचानना अधिक जटिल है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया है। फ़्रांस में पिछले चार वर्षों में कई आतंकवादी हमले हुए हैं और उससे फ्रेंच और यूरोपीय सुरक्षा यंत्रणाओं को असफलता सामने आ रही है। फ्रेंच सरकार ने आपातकाल और लष्करी तैनाती जैसे उपाय करके भी आतंकवादी हमले रुके नही है, इस वजह से सुरक्षा विषयक नीति पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

 

 

 

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