फ्रान्स ने भारत को ‘जी-७’ के लिए आमंत्रित किया

नई दिल्ली: फ्रान्स में हो रही ‘जी-७’ देशों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया है| फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने उन्हें आमंत्रित किया है| वैश्‍वीकरण का पुरस्कार और पर्यावरण की रक्षा के मुद्दे पर भारत का काफी अहम योगदान हो रहा है, यह कहकर इसके लिए फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मॅक्रॉन ने भारत की प्रशंसा की| दुनिया भर में भारत का प्रभाव बढ रहा है, यही बात इस निमंत्रण से स्पष्ट हो रही है, ऐसा भारत के विदेशमंत्रालय ने कहा है|

अगस्त महीने की २४ तारीख को फ्रान्स में ‘जी-७’ परिषद का आयोजन हो रहा है| अमरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रान्स, जर्मनी, इटली और जापान इन विकसित देश ‘जी-७’ के सदस्य है| कुछ वर्ष पहले रशिया भी इस संगठन का सदस्य था| उस दौरान यह संगठन ‘जी-८’ के तौर पर जानी जा रही थी| लेकिन, रशिया को इस गुट से बाहर निकालने का निर्णय किया गया और निर्णय के साथ ही यह संगठन ‘जी-७’ के तौर पर जानी जा रही है| इस संगठन के सत्र में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री को प्राप्त हुआ निमंत्रण काफी अहम घटना है|

फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन बॅप्टिस लेमॉय भारत की यात्रा कर रहे है| इस दौरान सोमवार के दिन उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को ‘जी-७’ के लिए आमंत्रित किया| फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन के संदेश के साथ यह निमंत्रण दिया गया है| ‘वर्णित परिषद के लिए आपकी उपस्थिति की अपेक्षा है, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने भारत-फ्रान सहयोग का दाखिला भी बयान किया| जनतांत्रिक भारत और फ्रान्स समान मुल्यों पर विश्‍वास रखते है, यह कहकर भारत ने वैश्‍वीकरण एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए की हुई पहल को लेकर मॅक्रॉन ने सराहना की| भारत के इस योगदान का पूरे विश्‍व को लाभ होगा, यह विश्‍वास भी राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन ने व्यक्त किया है| भारत के विदेश मंत्रालय ने इस निमंत्रण के समाचार का समर्थन किया है|

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन के बीच बना मित्रता से भरा सहयोग और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का बढता प्रभाव ‘जी-७’ के निमंत्रण की वजह से रेखांकित हुआ है, यह बात भारतीय विदेशमंत्रालय ने कही है| साथ ही प्रमुख आर्थिक शक्ति के तौर पर भारत की पहचान हो रही है, यह बात भी इससे स्पष्ट होने का दावा विदेशमंत्रालय ने किया है| पिछले कुछ वर्षों से फ्रान्स ने भारत को अनुकूल सहायता से भरी भूमिका अपनाई है और इस वजह से भारत-फ्रान्स संबंध हर स्तर पर व्यापक हो रहे है| खास तौर पर आतंकवाद के विरोध में भारत ने शुरू की हुई मुहिम को फ्रान्स का समर्थन प्राप्त हो रहा है|

पुलवामा में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाईंड ‘जैश ए मोहम्मद’ का प्रमुख? मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी करार देने के लिए फ्रान्स ने पहल की थी| इस कारण रखा गया प्रस्ताव रोकने की कोशिश कर रहे चीन के विरोध में भी फ्रान्स ने आक्रामकता दिखाई थी| साथ ही आतंकवाद के विरोध में अंतरराष्ट्रीय परिषद का आयोजन करने की भारत ने रखी मांग का भी फ्रान्स समर्थन कर रहा है|

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