फ्रान्स ने गुगल को ५० करोड़ यूरो का जुर्माना सुनाया

पैरिस – फ्रान्स ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की शीर्ष गुगल कंपनी को भारी ५० करोड़ यूरो जुर्माना सुनाया है। यूरोपिय महासंघ के ‘कॉपीराईट’ कानून का भंग करने के मामले में फ्रान्स की ‘कॉम्पिटिशन ऑथोरिटी’ ने की हुई यह सबसे बड़ी कार्रवाई होने की जानकारी ‘ऑथोरिटी’ के प्रमुख इसाबेल डिसिल्वा ने साझा की। गुगल ने इस कार्रवाई पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। फ्रान्स ने बीते दो वर्षों के दौरान गुगल के खिलाफ की हुई यह चौथी बड़ी कार्रवाई है।

France-Google-fine-394x217‘फ्रान्स के प्रसार माध्यमों के ‘कंटेंट’ का इस्तेमाल करने के मुद्दे पर बातचीत करने में नाकाम होने से गुगल पर यह कार्रवाई की गई, यह जानकारी ‘कॉम्पिटिशन ऑथोरिटी’ ने प्रदान की। जुर्माना सुनाने के साथ ही ‘गुगल’ ने फ्रान्स की माध्यम कंपनीयों को कंटेंट का इस्तेमाल करने पर हर्जाना देने का प्रस्ताव पेश करने के आदेश भी दिए गए हैं। यह प्रस्ताव देने में कंपनी नाकाम होती है तो गुगल को प्रति दिन ९ लाख यूरो अतिरिक्त जुर्माना अदा करना पड़ेगा, ऐसा इशारा भी दिया गया है।

प्रसारमाध्यमों के कंटेंट को ‘गुगल सर्चइंजन’ में दिखाया जाता है। इस कंटेंट के बल पर गुगल ‘ऑनलाईन विज्ञापन’ के माध्यम से भारी महसूल प्राप्त कर रही है। लेकिन, कंटेंट तैयार करनेवाली माध्यम कंपनियों को इस महसूल का वैध हिस्सा नहीं दिया जा रहा है। यूरोपिय महासंघ ने ‘डिजिटल कॉपिराईट’ से संबंधित कानून पारित किया है, इसके बावजूद गुगल ने इसका उचित पद्धति से पालन नहीं किया। इसके विरोध में फ्रान्स की शीर्ष वृत्तसंस्था ‘एजन्सी फ्रान्स प्रेस’ (एएफपी) ने ‘कॉम्पिटिशन ऑथोरिटी’ के सामने शिकायत दर्ज़ की थी। इस पर निर्णय सुनाते हुए गुगल को ५० करोड़ यूरो जुर्माना लगाया गया है।

France-Google-fine-01-400x240फ्रेंच प्रशासन ने बीते महीने ही गुगल पर २२ करोड़ यूरो का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की थी। इंटरनेट पर जारी हो रहीं ‘ऑनलाईन ऐडस्‌’ के मामले में गुगल ने बाज़ार में अपने वर्चस्व का गलत इस्तेमाल करने की बात स्पष्ट होने से यह जुर्माना लगाया गया था, ऐसा फ्रान्स की ‘कॉम्पिटिशन ऑथोरिटी’ ने कहा था। इससे पहले वर्ष २०१९ में फ्रान्स ने गुगल को दो अलग अलग मामलों में १.१५ अरब यूरो जुर्माना अदा करने के लिए मज़बूर किया था। इन सभी मामलों में गुगल ने अपनी गलती स्वीकारकर जुर्माना भरने की बात स्वीकारी थी। लेकिन, नई कार्रवाई पर गुगल ने नाराज़गी व्यक्त की है और यह निर्णय काफी निराशाजनक होने की प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

बीते कुछ वर्षों के दौरान सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों को प्राप्त हो रहा उत्पन्न, उनका मुनाफा, कर अदा ना करने की हरकत और बाज़ार में स्थापित वर्चस्व के मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं। अमरीका, ब्रिटेन, रशिया और ऑस्ट्रेलिया समेत यूरोपिय देशों ने इसके खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाना शुरू किया है। कई देशों में बड़ी कंपनियों के खिलाफ अलग अलग तरह की कानूनी कार्रवाईयाँ हो रही हैं और कुछ मामलों में जुर्माना एवं अन्य सजाएं भी सुनाई गई हैं।

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