आसियान के चार देशों ने चीन को आड़े हाथ लिया

हनोई – कोरोना वायरस का फैलाव और ‘साउथ चायना सी’ में बने तनाव के मुद्दे पर वियतनाम ने ‘आसियान’ की बैठक में चीन के विरोध में कड़ी आलोचना की है। पिछले कई वर्षों में खड़ी की हुई अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस की महामारी की वज़ह से ढ़ह गई है, इन शब्दों के साथ वियतनाम के प्रधानमंत्री न्यूएन शुआन फुक ने आलोचना की है। साथ ही, ‘साउथ चायना सी’ में बनीं स्थिति और बिगड़ें नहीं इसके लिए, इस क्षेत्र में शुरू हरकतें चीन बंद करें, ऐसी फटकार भी वियतनाम के प्रधानमंत्री लगाई है। वियतनाम की तरह ही फिलिपाईन्स, मलेशिया और ब्रुनेई इन देशों ने भी इस बैठक के दौरान ‘साउथ चायना सी’ में जारी चीन की हरकतों को विरोध जताया है।

China-Asean‘कोहेसिव्ह ॲण्ड रिस्पोंसिव्ह आसियान’ इस शीर्षक के तहत आयोजित की गई आग्नेय एशियाई देशों की ३६ वीं बैठक शुक्रवार के दिन हुई। इस बैठक के अध्यक्ष रहें वियतनाम ने इस दौरान, स्पष्ट ज़िक्र किए बिना चीन के विरोध में कड़ी आलोचना की। ‘एक देश से फैली कोरोना वायरस की महामारी की वज़ह से आग्नेय एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हुई है’, इन शब्दों में वियतनाम के प्रधानमंत्री फुक ने चीन को लक्ष्य किया। इस महामारी की पृष्ठभूमि पर, जापान ने एशियाई देशों को वैद्यकीय सहायता प्रदान करने का ऐलान भी किया। वहीं, ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र पर हक जता रहे चीन के विरोध में वियतनाम, फिलिपाईन्स, मलेशिया और ब्रुनेई इन चारों देशों ने संयुक्त निवेदन जारी किया।

पूरा विश्‍व कोरोना वायरस का मुकाबला करने में जुटा है और तभी कुछ देश अपनी गैरज़िम्मेदाराना हरकतों से आंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करके इस क्षेत्र में तनाव निर्माण कर रहे हैं, ऐसी ज़हरिली आलोचना भी प्रधानमंत्री फुक ने इस दौरान की। ‘साउथ चायना सी’ के क्षेत्र में स्थिति और बिगड़कर वहाँ पर तनाव निर्माण ना हों, इसके लिए इस क्षेत्र पर हक जता रहे देश, वहाँ पर जारी लष्करी गतिविधियाँ पूरी तरह से बंद करें, यह निवेदन इन चारों आग्नेय एशियाई देशों ने इस दौरान किया। ‘साउथ चायना सी’ के मुद्दे का हल सहमति से निकालने की बात तय हुई है और इसके बावजूद चीन ने इस समुद्री क्षेत्र में शुरू की हुईं लष्करी गतिविधियों की भी आग्नेय एशियाई देशों ने इस दौरान कड़ी आलोचना की। पिछले कुछ महीनों में चीन ने इस समुद्री क्षेत्र में वियतनाम और फिलिपाईन्स के जहाज़ों पर की हुई कार्रवाई पर भी इस बैठक में आलोचना की गई।

कोरोना वायरस के कारण बनीं स्थिति का लाभ उठाकर चीन ‘साउथ चायना सी’ पर अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश करेगा, यह इशारा इस बैठक के दौरान दिया गया। इससे पहले १९९० के दशक में अशियाई देशों में उभरें आर्थिक संकट के दौर में और सार्स की महामारी के दौरान भी चीन ने ‘साउथ चायना सी’ पर अपना दावा मज़बूत करने के लिए लष्करी गतिविधियाँ शुरू कीं थीं, इसकी याद भी इस बैठक के दौरान ताज़ा की गई। इसके कारण कोरोना वायरस की महामारी के दौर में बनी स्थिति का, चीन यक़ीनन लाभ उठाएगा, ऐसी चिंता इन चारों देशों ने जताई है।

कुछ हफ़्ते पहले वियतनाम और फिलिपाईन्स ने, ‘साउथ चायना सी’ पर चीन ने जताए दावे को चुनौती दी थी। चीन के इस दावे के विरोध में अमरीका हमारी सहायता करें, यह निवेदन भी वियतनाम और फिलिपाईन्स ने किया था। इसके बाद अमरीका ने इस समुद्री क्षेत्र में अपने विमान वाहक युद्धपोत रवाना करके चीन को इशारा दिया था। फिलिपाईन्स ने भी अमरीका के साथ किए लष्करी समझौते के तय कार्यकाल का अवधि बढ़ाकर, अपने देश में स्थित लष्करी अड्डा अमरिकी युद्धपोतों के लिए खुला किया था। फिलिपाईन्स की इस भूमिका पर चीन ने आपत्ति ज़ताकर, फिलिपाईन्स को गंभीर परिणामों की चेतावनी भी दी थी। लेकिन, आग्नेय एशियाई देश चीन की इन धमकियों की परवाह नहीं कर रहें हैं, यही बात पिछले कुछ दिनों से तीव्रता से स्पष्ट होने लगी है। आसियान की बैठक में वियतनाम, फिलिपाईन्स, मलेशिया और ब्रुनेई ने चीन के विरोध में की हुई आलोचना भी यही दिखा रही है।

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