ईरान के नातांज़ प्रकल्प में हुए विस्फोट से पांच हज़ार सेंट्रिफ्युजेस नाकाम – अमरिकी अभ्यासगुट का दावा

वॉशिंग्टन – नातांज़ परमाणु प्रकल्प में दो हफ्ते पहले हुए शक्तिशाली विस्फोट में खास नुकसान ना होने का दावा ईरान कर रहा है। लेकिन, इस विस्फोट में नातांज़ प्रकल्प में लगभग पांच हज़ार सेंट्रिफ्युजेस नाकाम होने का दावा अमरिकी अभ्यासगुट ने किया है। इस वजह से ईरान का परमाणु कार्यक्रम कम से कम दो महीने पिछड़ गया है, ऐसा बयान भी अमरिकी अभ्यासगुट ने किया है। फिर भी ईरान ने यूरेनियम संवर्धन में की हुई बढ़ोतरी खतरनाक होने का इशारा इस अभ्यासगुट ने दिया है।

iran-natanz-nuclear-plantईरान के नातांज़ परमाणु प्रकल्प में ११ अप्रैल के दिन विस्फोट हुआ था। शुरू में बिजली निर्माण के संयंत्र में खराबी होने से वहां पर ब्लैकआउट हुआ, ऐसा ईरान ने माध्यमों के सामने कहा था। लेकिन, अगले २४ घंटों के दौरान ही ईरान के अफसरों ने इसे परमाणु आतंकवाद होने का आरोप लगाकर इस हादसे के लिए इस्रायल को दोषी ठहराया था। नातांज़ में हुए इस विस्फोट में ईरान के परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी के घायल होने के वीडियो और फोटो प्रसिद्ध हुए थे।

इसके बाद भी ईरान के नेताओं ने इस विस्फोट में परमाणु प्रकल्प में बड़ा नुकसान ना होने का दावा किया था। साथ ही इस प्रकल्प का वीडियो जारी करके वहां पर जारी यूरेनियम संवर्धन और नए सेंट्रिफ्यूजेस लगाने का काम ठीक तरह से शुरू होने की बात ईरान ने साबित की थी। इसके अलावा परमाणु प्रकल्प में जारी युरेनियम संवर्धन बढ़ाकर ६० प्रतिशत किए जाने का ऐलान ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने किया था। लेकिन, वियना में हुई बातचीत के दौरान अमरीका पर दबाव बढ़ाने के लिए ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने यह ऐलान किया था, ऐसा दावा अमरिकी अभ्यासगुट ने किया है।

‘ज्यूईश इन्स्टिट्यूट ऑफ अमरीका’ (एआयएनएसए) नामक अमरीका के इस अभ्यासगुट ने तैयार की हुई रपट में नातांज़ परमाणु प्रकल्प में हुए विस्फोट से ईरान का बड़ा नुकसान होने का बयान किया है। ईरान ने नातांज़ के दायरे में दो भूमिगत प्रकल्प स्थापित किए हैं। इनमें से ‘हॉल ए’ में ‘आयआर-१’ प्रकार के हज़ारों सेंट्रिफ्यूजेस पर काम हो रहा था। और ‘हॉल बी’ में संख्या में कम होने के बावजूद बड़ी अहमियत वाले ‘आयआर-२एम’, ‘आयआर-४’, ‘आयआर-५’ और ‘आयआर-६’ जैसे सेंट्रिफ्यूजेस का समावेश है।

आकार में बड़े ‘हॉल ए’ प्रकल्प में दो हफ्ते पहले बड़ा विस्फोट हुआ और इस दौरान वहां पर स्थित ५० फीसदी संवर्धित सेंट्रीफ्यूजेस पूरी तरह से नष्ट हुए। इन सेंट्रीफ्युजेस की संख्या पांच हज़ार तक होने की संभावना अमरिकी अभ्यासगुट के विदेश नीति के संचालक जोनैथन रुहे ने व्यक्त की है। इस वजह से ईरान का परमाणु कार्यक्रम दो महीने पिछड़ने की बात ब्लेज़ मिस्झल ने इस रपट में कही है।

लेकिन, ईरान ने ‘आयआर-८’ और ‘आयआर-९’ जैसे अतिप्रगत सेंट्रिफ्युजेस शुरू करने का किया हुआ काम ‘आयआर-१’ के हुए नुकसान का हर्ज़ाना कर सकता है। इसके लिए कुछ समय की जरुरत लग सकती है। लेकिन, नातांज़ के विस्फोट के बाद भी ईरान का परमाणु कार्यक्रम उतना ही खतरनाक होने का इशारा अमरिकी अभ्यासगुट के विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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