हाँगकाँग के मुद्दे पर ‘फाईव्ह आईज्‌’ की चीन को फटकार

‘फाईव्ह आईज्‌’

लंदन/बीजिंग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने अपने खिलाफ उठनेवाली हर एक आवाज़ ख़त्म करने की मुहिम शुरू की है, ऐसे तीखें शब्दों में ‘फाईव्ह आईज्‌ अलायन्स’ ने चीन को फटकार लगाई है। इस गुट में अमरीका, ब्रिटेन, कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलैण्ड इन देशों का समावेश है। कुछ दिन पहले ही चीन ने, हाँगकाँग के लोकनियुक्त प्रतिनिधियों को निकाल बाहर करने के अधिकार प्रशासन को प्रदान किए हैं। इस कार्रवाई के बाद, हाँगकाँग समेत आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और ‘फाईव्ह आईज्‌ अलायन्स’ ने की हुई आलोचना भी उसीका ही हिस्सा बनता है।

‘फाईव्ह आईज्‌’

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने हाँगकाँग के लिए तैयार किए ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ पर १ जुलाई से अमल शुरू हुआ है। इस क़ानून के अनुसार चीन के खिलाफ होनेवाली कोई भी हरकत अवैध एवं राष्ट्रविरोधी कही गई है और ऐसीं हरकतें करनेवालों को उम्रकैद की सज़ा देने का प्रावधान है। नए कानून के तहत दाखिल होनेवाले मामलों की कार्रवाई गुप्त पद्धति से चलाने की अनुमति भी संबंधित यंत्रणाओं को दी गई है। चीन समेत हाँगकाँग की यंत्रणा ने कई लोगों को नये कानून के तहत गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू होने की बात कही जा रही है। चीन लगातार इस कानून का दायरा बढ़ा रहा है। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई इसी का हिस्सा बनती है।

‘फाईव्ह आईज्‌’

चीन के आदेशों पर हाँगकाँग के प्रशासन ने, शहर से चार जनप्रतिनिधियों को निकाल बाहर किया था। चीन के लिए राष्ट्रीय खतरा साबित होनेवाली हरकत करने का आरोप उनके खिलाफ लगाया गया था। इसपर हाँगकाँग में तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही थी। हाँगकाँग में १५ जनप्रतिनिधियों ने सामुदायिक तौर पर इस्तीफे देकर चीन की कार्रवाई का निषेध दर्ज़ किया। इस घटना की आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने दखल ली है और ‘फाईव्ह आईज्‌ अलायन्स’ ने चीन के खिलाफ जोरदार आलोचना भी की है।

फाईव्ह आईज्‌ अलायन्स’ ने इससे पहले भी हाँगकाँग के मुद्दे पर चीन को चेतावनी दी थी। लेकिन, चीन ने उससे ज़रा भी सबक नहीं लिया है, यह बात नई कार्रवाई से दिख रही है। दूसरें विश्‍वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर, अमरीका और ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणा ने एकसाथ मिलकर सहयोग बढ़ाने से संबंधित समझौता किया था। इसके बाद इस गुट में कनाड़ा, ऑस्ट्रलिया और न्यूझीलैण्ड का समावेश हुआ। अमरीका और रशिया के बीच हुए शीतयुद्ध के दौर में, इस गुट को अधिक मज़बूत करने की दिशा में कदम उठाए गए थे। शीतयुद्ध खत्म होने के बाद भी यह गुट कार्यरत रहा था, फिर भी इसकी गतिविधियों का दायरा कुछ मात्रा में कम हुआ था।

‘फाईव्ह आईज्‌ अलायन्स’ की प्रतिक्रिया पर चीन ने नाराज़गी व्यक्त की है और अंदरूनी मामलों में दखलअंदाज़ी बर्दाश्‍त नहीं करेंगे, यह चेतावनी भी दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.