तीनसुकिया के इंधन प्रकल्प में लगी आग १६० दिनों बाद बुझी

assam-gas-fild-fireदिसपुर – असम के तीनसुकिया जिले में स्थित बागजान गांव में ‘ऑईल इंडिया लिमिटेड’ कंपनी के इंधन प्रकल्प में लगी हुई आग साढ़े पांच महीनों बाद बुझाने में सफलता प्राप्त हुई है। यह आग बुझाने की कोशिश में जुटे दमकल के तीन सैनिकों की मृत्यु हुई थी। इस दौरान प्रकल्प के नज़दिकी इलाके के करीबन ३ हज़ार लोगों को सुरक्षा के लिए अन्य जगह पर स्थानांतरित करना पड़ा था।

इंधन प्रकल्प में लगी आग बुझाई गई है और अब स्थिति नियंत्रण में है। अब इस प्रकल्प के इंधन खनन हो रहे स्थान पर किसी भी प्रकार का दाब नहीं है और इस वजह से इंधन का रिसाव बंद हो रहा है या नहीं, इस पर नज़र रखी जा रही है। सिंगापुर स्थित अलर्ट डिज़ास्टर नामक कंपनी के विशेषज्ञ इस केंद्र में काम कर रहे हैं, ऐसी जानकारी ‘ऑईल इंडिया लिमिटेड’ के प्रवक्ता त्रिदिव हजारिका ने साझा की।

assam-gas-fild-fireइस प्रकल्प में २७ मई के दिन विस्फोट होने के बाद वायू का रिसाव होने लगा था और ९ जून के दिन शाम के समय यकायक यहां पर आग भड़की थी। इस आग की लपटें डेढ़ किलोमीटर दूर तक फैली थी। दमकल सैनिकों ने इस आग को काबू करने का काम शुरू किया। इस दौरान दमकल के तीन सैनिक जान से गए।

assam-gas-fild-fireअब तक इस आग में ४६,७८६ मेट्रिक टन क्रूड ऑईल और १२४.१५ मिलियन मेट्रिक स्टैण्डर्ड क्यूबिक मीटर गैस का नुकसान हुआ है। इस आग की घटना के कारण ऑईल इंडिया कंपनी ने तीन हज़ार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया था। इस आग में घर खोनेवाले हर एक परिवार को २५ लाख रुपयों का हर्ज़ाना दिया गया है। इस दौरान कई नागरिकों को राहत शिविरों में रहना पड़ा और उनके खर्च के लिए ऑईल इंडिया कंपनी प्रतिमहा ५० हज़ार रुपयों की सहायता प्रदान कर रही है।

इसी बीच, नैशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के पैनल ने ऑईल इंडिया कंपनी ज़रूरी अनुमति प्राप्त किए बिना नैसर्गिक गैस के खनन का प्रकल्प चला रही थी, यह आरोप रखा है और ‘एनजीटी’ कंपनी के विरोध में कार्रवाई करेगी, यह बात भी कही जा रही है।

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