आर्थिक सुधार की वजह से चीन में राजनीतिक बदलाव संभव – अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का सूचक बयान

वॉशिंगटन – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इनमें हुई सहमती के अनुसार अगले ९० दिनों में चीन की अर्थव्यवस्था की ढांचे में सुधार हो रहा है या नही, इस पर अमरिका का ध्यान रहेगा| यह सुधार चीन की सियासत में गहरे परीणाम कर सकते है| ऐसा हो यह अमरिका का उद्देश्य नही, लेकिन हमारी चीन को लेकर दूरदर्शिता सही है तो यह जल्द ही दिखाई देगा, इन शब्दों में अमरिका के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन इन्होंने चीन में मुमकिन सियासी गतिविधियों के संकेत दिये|

‘जी-२०’ में अमरिका और चीन के बीच हुए समझौता और उसके बाद चीन की कंपनी ‘हुवेई’ की मुख्य वित्तीय अधिकारी की कनाडा में हुई गिरफ्तारी की वजह से अमरिका-चीन संबंधों का मुद्दा फिर एक बार चर्चा में है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने चीन के साथ शुरू हुए व्यापार युद्ध में युद्ध विराम की तैयारी दिखाई है, फिर भी चीन पर बनाया दबाव किसी भी परिस्थिति में कम नही होगा, यह स्पष्ट किया है| ट्रम्प इनके साथ अमरिका के अधिकांश नेताओं ने चीन को इस विषय में लगातार चेतावनी दी जा रही है| इसी में बोल्टन इन्होंने सीधे चीन में सियासी बदलाव होने के संदर्भ में दिए संकेत ध्यान आकर्षित करनेवाले साबित हुए है|

अमरिका में माध्यमों को दिए मुलाकात में बोल्टन इन्होंने उपराष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स इनके वक्तव्य पर प्रश्‍न पुछा गया| चीन में सियासी सुधार होने के लिये पश्‍चिमी देश इसमें अधिक से अधिक निवेश करे, यह समझ गलत साबित हुआ है, यह पेन्स ने कहा था| बोल्टन इन्होंने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के इस वक्तव्य का समर्थन करके चीन के संदर्भ में ऐसा कुछ हुआ नही है, यह माना है| साथ ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनकी ओर से भी चीन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है, इसका भी उन्होंने समर्थन किया|

ट्रम्प इन्होंने चीन विरोध में शुरू किए व्यापार युद्ध की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था को बडा झटका मिला है और अन्य क्षेत्रों में भी इसके परीणाम होते हुए दिख रहे है| व्यापार युद्ध की माध्यम से अमरिका लक्ष्य कर रहा है तभी चीन ने अन्य देशों की ओर सहयोग के लिये हाथ बढाया है| फिर भी चीन की यह नीति अब तक जरूरी सफलता नही दे सकी है| इस वजह से महासत्ता होकर अमरिका को चुनौती देने की महत्वाकांक्षा रखनेवाला चीन समस्या से घिरा है और इसके परिणाम चीन के अंतर्गत स्तर होते दिखाई दे रहा हा|

पिछले वर्ष चीन की सियासत पर अपनी पकड और भी चुस्त करने में राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को सफलता मिली थी| लेकिन अब उन्हें अलग अलग स्तर से चुनौतियां मिल रही है और अर्थव्यवस्था को मिल रहे झटके इन चुनौतियों की तादाद बढा रही है|इस परिस्थिति में अमरिका का दबाव बढा तो चीन की सियासत पर उसके सीधे और तीव्र परिणाम हो सकते है| बोल्टन इनका वक्तव्य सूचक है और इससे आने वाले समय में चीन में सियासी उथल पुथल होने की संभावना बढ रही है|

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