ब्रिटन में व्यापक ‘रोबोटिक’ युद्धाभ्यास की शुरुआत

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लंडन – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल होनेवाले ‘किलर रोबोट्स’ तकनिकी के खिलाफ व्यापक अभियान शुरु है| इसी दौरान प्रगत राष्ट्रों द्वारा इन किलर रोबोट का जंग में इस्तेमाल करने के लिए अभ्यास प्रारंभ हुआ है| ब्रिटन में सोमवार से रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल होनेवाले ‘ऑटोनॉमस वॉरिअर’ नामक युद्ध अभ्यास को शुरुआत हुई है| इस अभ्यास में २०० से अधिक सैनिकों के साथ भविष्य में रक्षादलों द्वारा इस्तेमाल होनेवाले ७० अलगअलग प्रणालियों का सहभाग रहेगा, ऐसा बताया गया है| ब्रिटन के रक्षामंत्री गेविन विल्यमसन ने रोबोटिक युद्धाभ्यास का करारा समर्थन किया है|

‘ब्रिटन के इतिहास में रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल होनेवाला यह पहला बडा अभ्यास है और इस में ब्रिटीश सैनिकों को अलगअलग प्रकार की प्रणालियां संभालने का मौका मिलेगा| ब्रिटन द्वारा भविष्य की सेना खडी करने के लिए इससे पहले भी देश तथा विदेश के प्रगत कंपनियों की सहायता ली गयी है| पर अब प्रत्यक्ष युद्धभूमी पर उसका इस्तेमाल होगा| दुनिया में अस्थिरता बढ रही है और ऐसे समय में यह तकनीक ब्रिटीश सेना में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा तथा उनके सुरक्षा की भी जिम्मेदारी संभालेगा|’ ऐसे शब्दों में रक्षामंत्री विल्यमसन ने ‘ऑटोनॉमस वॉरिअर’ अभ्यास की जानकारी दी|

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ब्रिटन की सेना के ‘आर्मर्ड इन्फंट्री ब्रिगेड’ का हिस्सा रहे ‘रॉयल टँक रेजिमेंट बॅटल ग्रुप’ पर रोबोटिक युद्धाभ्यास की जिम्मेदारी सोंपी गयी है| उसके अलवा ब्रिटन के रक्षादल का हिस्सा रहे ‘रॉयल मरिन्स’, ‘रॉयल एअरफोर्स’, ‘डिफेन्स सायन्स ऍण्ड टेक्नॉलॉजी लॅबोरेटरी’ इन विभागों के साथ अमरिकी सेना भी अभ्यास में शामिल होगी| इसके साथ रोबोटिक तकनीक क्षेत्र में काम करनेवाली अलगअलग कंपनियां और उपक्रम ७० से अलग प्रणालियां तथा उत्पादों के साथ ‘ऑटोनॉमस वॉरिअर’ में शामिल हुए है|

करीब चार हप्तें चलनेवाले इस अभ्यास में प्रत्यक्ष रुप से युद्धभूमी पर इस्तेमाल होनेवाले तकनीक के अभ्यास को प्राथमिकता दी गयी है| इस में निगरानी, लंबे अंतर के लक्ष्य पर अचूक निशाना, तेजी से होनेवाली गतिविधियां, सेना को अत्यावश्यक माल की आपूर्ति, नागरी क्षेत्र में संघर्ष जैसे घटकों का समावेश है| ब्रिटन के रक्षादल द्वारा रोबोटिक और स्वायत्त तकनीक पर आधारित यह दुसरा युद्धाभ्यास है| इस से पहले सन २०१६ में ब्रिटीश नौसेना ने ‘अनमॅन्ड् वॉरिअर’ नामक अभ्यास में रोबोटिक तकनीकी की झलक दिखायी थी|

ब्रिटन के रक्षादलों के आधुनिकीकरण के लिए करीब ८० करोड पौंड के प्रावधान वाले अलग ‘डिफेन्स इनोव्हेशन फंड’ की निर्मिती की गयी है| रोबोटिक तकनीकी पर दिया जा रहा जोर इसी का हिस्सा है और आनेवाले समय में ब्रिटन इस तकनीक के इस्तेमाल को अधिक प्राथमिकता देगा, यह नये अभ्यास से दिखाई दे रहा है|

ब्रिटन के साथ ऑस्ट्रेलिया में भी ‘रोबोटिक’ तकनीक पर चलनेवाले प्रणालियों का अभ्यास लिया जा रहा है| इसे ‘ऑटोनॉमस वॉरिअर २०१८’ ऐसा नाम दिया गया है| यह अभ्यास ऑस्ट्रेलिया के नौसेना द्वारा आयोजित किया गया है और अन्य देशों के अधिकारी भी इस में शामिल होंगे, ऐसा बताया जा रहा है|

ब्रिटन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों द्वारा शुरु युद्धाभ्यास भविष्य में युद्धभूमी पर ‘किलर रोबोट्स’ के बढते प्रभुत्व के संकेत माने जाते है|

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