ईरान के विरोध में गलत कदम बढाने पर खाडी क्षेत्र में यूरोपियन्स को खतरा होगा – ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी का बयान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तेहरान – यूरोप केई३यानी फ्रान्स, जर्मनी और ब्रिटेन यह तीन देश वर्ष २०१५ में किए परमाणु समझौते से प्रामाणिक रहे बिना गलत रास्ता चुनते है तो इससे खाडी देशों में तैनात यूरोपिय सैनिकों की जान के लिए खतरा बनेगा, यह धमकी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने दी है| पिछले कुछ दिनों से परमाणु समझौते का उल्लंघन करके ईरान युरेनियम संवर्धन बढाने की दिशा में कदम बढा रहा है| ईरान के इस निर्णय पर यूरोपिय देशों ने कडी आलोचना की थी| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने अमरिका का नया प्रस्ताव स्वीकारने की सलाह भी ईरान को दी थी| साथ ही ब्रिटेन और फ्रान्स ने खाडी क्षेत्र में ईरान के विरोध में सेना तैनात करने का निर्णय भी किया था| इसी पृष्ठभूमि पर ईरान ने ऐसे धमकाया है|

पश्चिमी देशों की सेना खाडी क्षेत्र से पीछे हटें| ईरान के साथ युद्ध के दौरान यह सैनिक कफन में अपने देश लौटना सही नही होगा| इस वजह से अपने ही हित के लिए, समझदारी से आप इस क्षेत्र से पीछे हटें| नही तो आज खाडी क्षेत्र में अमरिकी सैनिकों की जान के लिए खतरा बना है| कल यूरोपिय सैनिक भी इसी संकट में फंस सकते है, यह इशारा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने दिया है| साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर आलोचना करनेवाले यूरोपिय देशों को रोहानी ने लक्ष्य किया है

ईरान ने पांच बार परमाणु समझौते का उल्लंघन करने के लिए कदम उठाए है| ऐसे में हमें भी एक कदम उठाना होगा, ऐसा यूरोपिय देशों का कहना है| परमाणु समझौते में अपनी जिम्मेदारी निभाने दी दिशा में आप कदम बढाए, यह निवेदन ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है| साथ ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ईरानी जनता के सामने अपनी गलती स्वीकारें और पहले किए परमाणु समझौते में नए से शामिल हो, यह बयान रोहानी ने किया है|

राष्ट्राध्यक्ष रोहानी के इस इशारे से पहले ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ नेई३यानी यूरोप के जर्मनी, फ्रान्स और ब्रिटेन यह देश अमरिका के दबाव के सामने झुक रहे है, यह आलोचना की थी| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन, जर्मनी की चान्सेलर एंजेला मर्केल और फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने किए बयान की पृष्ठभूमि पर झरिफ ने इन देशों को आरोप रखें|

इसी बीच, वर्ष २०१५ में हुए समझौते के अनुसार यूरोपिय देश ईरान को लेकर अपनी जिम्मेदारी नही निभा रहे है, यह तक्रार ईरान कर रहा है| वही, पिछले डेढ वर्षों से ईरान धीरे धीरे अपने परमाणु कार्यक्रम की गति बढा रहा है, यह आरोप यूरोपिय देश करने लगे है|

पिछले हफ्ते में ईरान ने परमाणु केंद्र में युरेनियम संवर्धन और सेंट्रिफ्युजेस की संख्या बढाने का ऐलान किया था| ईरान का यह कदम इस देश को परमाणु बम के निर्माण से काफी नजदिक पहुंचानेवाला होने का दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने किया था|

पर, ईरान ने यह आरोप ठुकराए थे| पर, फिलहाल ईरान वर्ष २०१५ के समझौते से भी पहले से अधिक गति से युरेनियम का संवर्धन कर रहा है, यह ऐलान ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने किया है| ईरान के इस ऐलान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया प्राप्त हो सकती है| साथ ही अमरिका नए प्रतिबंधों का भी ऐलान कर सकती है|

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