चीन के ‘बीआरआय’ को चुनौती देने के लिए युरोपीय महासंघ द्वारा ‘ग्लोबली कनेक्टेड युरोप’ को मान्यता

चुनौतीब्रुसेल्स/वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की महत्वकांक्षी ‘बेल्ट ऍण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ को चुनौती देने के लिए युरोपीय महासंघ भी आगे आया है। सोमवार को संपन्न हुई महासंघ की बैठक में ‘ग्लोबली कनेक्टेड युरोप’ परियोजना को मान्यता दी गई होने की जानकारी महासंघ के विदेश प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने दी। युरोप की यह परियोजना चीन के ‘बीआरआय’ को लगा दूसरा बड़ा झटका माना जाता है। पिछले महीने में ‘जी७’ की बैठक में सदस्य देशों ने ‘बी३डब्ल्यू’ कार्यक्रम की घोषणा की थी।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने पिछले दशक में ‘बेल्ट ऍण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’(बीआरआय) इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की थी। विभिन्न देशों में बुनियादी सुविधाओं के जरिए चीन का प्रभाव बढ़ाना यह इस परियोजना के पीछे का मुख्य हेतु था। पिछले कुछ सालों में चीन ने इस परियोजना को अपनी शिकारी अर्थनीति का हिस्सा बनाया होकर, गरीब और अविकसित देशों की साधनसंपत्ती पर जबरदस्ती से कब्ज़ा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन की इस शिकारी अर्थनीति के विरोध में दुनिया भर से तीव्र प्रतिक्रियाएँ आ रहीं हैं और अमरीका तथा युरोप समेत दुनिया के शीर्ष देशों ने उसका प्रत्युत्तर देने की तैयारी शुरू की है।

चुनौतीदो साल पहले जापान ने ‘पार्टनरशिप फॉर क्वालिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर’ इस कार्यक्रम के माध्यम से चीन के ‘बीआरआय’ को चुनौती दी थी। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भी पैसिफिक क्षेत्र के छोटे ‘आयलंड नेशन्स’ के लिए स्वतंत्र वित्तसहायता की घोषणा की थी। उसके बाद पिछले महीने में ‘जी७’ गुट ने ‘बिल्ड बॅक बेटर वर्ल्ड’(बी३डब्ल्यू) कार्यक्रम की घोषणा करके इनको ज़बरदस्त झटका दिया। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की पहल से प्रस्तुत की गई इस परियोजना में, गरीब और मध्यम आर्थिक गुटों की परियोजनाओं को वित्त सहायता के साथ अन्य सहयोग प्रदान किया जाएगा।

‘जी७’ गुट में जर्मनी, फ्रान्स और इटली इन युरोपीय महासंघ के तीन अग्रसर सदस्य देशों का भी समावेश है। ऐसा होने के बावजूद भी महासंघ द्वारा चीन को रोकने के लिए स्वतंत्र परियोजना को मान्यता दी जाना गौरतलब साबित हो रहा है। ‘चीन आर्थिक और व्यापारी मार्ग से दुनियाभर में राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उसके बारे में चुनौतीकेवल चर्चा करने के बजाए उसके लिए ठोस विकल्प देना महत्वपूर्ण है’, इन शब्दों में जर्मनी के विदेश मंत्री हैको मास ने महासंघ की नई परियोजना का समर्थन किया। युरोपीय महासंघ की विदेश और विकास नीति को प्रोत्साहन देना, सुरक्षाविषयक हितसंबंध सुरक्षित रखना और युरोपीय मूल्यों का प्रसार, ये मुद्दे ‘ग्लोबली कनेक्टेड युरोप’ के केंद्र स्थान में होंगे, ऐसा महासंघ द्वारा जारी किए गए चुनौतीनिवेदन में बताया गया है।

महासंघ द्वारा चीन के ‘बीआरआय’ को चुनौती दी जा रही है कि तभी अमरीका ने युरोप के साथ ‘युनायटेड फ्रंट’ के संकेत दिए। अमरीका की वित्त मंत्री जॅनेट येलेन ने महासंघ के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में चीन विरोधी संयुक्त मोरचे का प्रस्ताव दिया। खुलापन, पारदर्शिता, निकोप प्रतिस्पर्धा इन जैसे मूल्यों को होनेवाले खतरे रोकने के लिए एकत्रित आने की जरूरत है, ऐसा येलेन ने स्पष्ट किया। येलेन के इन बयानों पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया आई होकर, चीन इन बयानों का निषेध करता है, ऐसा चिनी प्रवक्ता ने कहा है।

पिछले ही महीने में, व्यापार और तंत्रज्ञान क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने के लिए अमरीका और युरोपीय महासंघ ने ‘ईयू युएस ट्रेड ऍण्ड टेक्नॉलॉजी कौन्सिल’ की स्थापना करने का फ़ैसला किया था। उसके बाद येलेन द्वारा रखा गया यह प्रस्ताव यही संकेत दे रहा है कि चीन के विरोध में पश्चिमी देशों का मोरचा अधिक मज़बूत हो रहा है।

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