आतंकवादी हमलों और निर्वासितों की पार्श्वभूमि पर युरोपियन नागरिकों में शस्त्रसज्जता बढ़ी

ब्रुसेल्स, दि. २४ (वृत्तसंस्था) – युरोप में पिछले सालभर के समय में हुए बड़े आतंकवादी हमलें और निर्वासितों का बढ़ता प्रवाह, इस पार्श्‍वभूमि पर युरोपीय नागरिकों ने हथियारबंद होने पर ज़्यादा ज़ोर देना शुरू किया है| जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्वित्झर्लंड, झेक रिपब्लिक जैसे देशों में इस तरह की गतिविधियाँ बढ़ती हुईं दिखाई दे रही हैं| अमरीका के ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ ने प्रकाशित किये रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है कि युरोप की जनता आतंकवादी हमलों से संतप्त हुई है और उसका जवाब सैनिकी बल के आधार पर देने की माँग कर रही है|

Europe-1कुछ दिन पहले ‘जर्मन नागरिकों को स्वरक्षा के लिए शस्त्र धारण करने का अधिकार चाहिए’ ऐसी सनसनीख़ेज माँग ‘आल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ (एएफडी) पार्टी की मुख्य फ्राऊक पेट्री द्वारा की गयी थी| उसके बाद ‘रॉयटर्स’ नामक वृत्तसंस्था ने प्रकाशित किये लेख में, जर्मनी के साथ युरोप के अन्य देशों में भी हथियारबंद नागरिकों में बढ़ोतरी होने का दावा किया गया है| एक के बाद एक होनेवाले आतंकवादी हमलों के बाद, आम जनता का सरकार और सुरक्षा एजन्सियों पर से भरोसा उठ गया होकर, हथियारों की बढ़ती माँग यह इसीका नतीजा माना जाता है|

Europeएक तरफ़ युरोप के नागरिक शस्त्रों की ख़रीदारी और ज़रूरी परमिट के लिए तैयारी कर रहे हैं; वहीं, दूसरी तरफ़ युरोपीय नेताओं ने भी उसका  खुला समर्थन करना शुरू किया है| झेक रिपब्लिक के राष्ट्राध्यक्ष मिलोस झेमान ने, ‘नागरिकों को हथियारबंद होने का अधिकार मिलना चाहिए’ ऐसी माँग की है| उन्होंने कहा कि नागरिक हथियारबंद हुए, तो ही वे आतंकवादियों को क़रारा जवाब दे सकते हैं| जुलाई महीने में जर्मनी में हुए हमले के बाद झेक राष्ट्राध्यक्ष ने यह बयान दिया था|

झेक राष्ट्राध्यक्ष की इस माँग के चलते, इस देश में हथियार रखनेवालों की तादात में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसी जानकारी सामने आयी है| सन २०१६ के पहिले पाँच महीनों में, झेक रिपब्लिक में हथियार रखनेवालों की संख्या छ: हज़ार से ज़्यादा बढ़ी है| पिछले कई सालों में, इसमें काफ़ी गिरावट आयी थी| ऐसे में यह बढ़ोतरी ग़ौरतलब साबित होती है| इस समय झेक रिपब्लिक में, परमिट के साथ हथियार रखनेवालों की संख्या क़रीब तीन लाख तक जा पहुँची है|

झेक रिपब्लिक के बाद स्वित्जर्लंड जैसे देश में भी, पिछले साल से हथियार रखनेवाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है| देश के लगभग १२ प्रांतों में सन २०१५ और २०१६ में, हथियारों के लिए परमिट माँगनेवालों की संख्या बढ़ती नज़र आ रही है| स्वित्जर्लंड जैसे देश में, अंतर्गत सुरक्षा यह मामला प्राय: ‘सिटीझन सोल्जर्स’ इस संकल्पना पर निर्भर है और कई घरों में स्वयंचलित रायफल्स रखी गयी हैं ऐसा कहा जाता है| लेकिन उसके बाद भी, पिछले दो सालों में, आतंकवादी हमलों को मद्देनज़र रखते हुए हथियारों की ख़रीदारी करनेवालों की तादात बढ रही है, ऐसी जानकारी हथियार बेचनेवाले व्यापारियों के संगठन ने दी है|

स्वित्जर्लंड के संसद सदस्य जीन ल्युक ऍडोर ने, पास में हथियार रख सकने के लिए देश में बनाये गये क़ानूनों को बदलने की माँग की है| उन्होंने आगे दावा किया कि स्विस लोगों को सार्वजनिक जगहों पर हथियार रखने का हक़ दिया जाना चाहिए; ऐसा होने से देश की सड़कें और भी सुरक्षित हो सकती हैं| सही प्रशिक्षण लिये हुए नागरिकों को उनकी और उनके परिवार की रक्षा करने का मौक़ा मिलना चाहिए, ऐसी माँग भी उन्होंने प्रस्तुत की| इस मसले पर वे अगले महीने संसद में एक विधेयक भी दाख़िल करेंगे, ऐसा उन्होंने कहा।

‘ऑस्ट्रियन चेंबर ऑफ कॉमर्स’ के हथियार बेचनेवाले व्यापारियों के गुट ने भी, देश में हथियारों की ख़रीदारी बढ़ी हुई होने की जानकारी दी है| निर्वासितों की बढ़ती संख्या की वजह से स्थानीय लोगों में डर पैदा हुआ है और उसका सामना करने के लिए हथियारों की ज़ोरदार ख़रीदारी शुरू है, ऐसा दावा गुट के प्रवक्ता ने किया|

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