एक लाख करोड़ रुपयों के हवाला मामले में ‘ईड़ी’ ने किया नरेश जैन को गिरफ्तार

नई दिल्ली – प्रवर्तन निदेशायल (ईड़ी) ने एक लाख करोड़ रुपयों के व्यवहार करनेवाले देश के सबसे बड़े हवाला रैकेट की पोल खोल दी है। इस मामले में हवाला कारोबारी नरेश जैन को गिरफ्तार किया गया है। ब्रिटेन के साथ छह देशों में ‘वॉन्टेड़’ जैन के खिलाफ़ इंटरपोल ने दो नोटीस भी जारी किए थे। अंतरराष्ट्रीय अपराधिक गिरोहों के साथ भारत के कई बड़े उद्यमियों ने भी जैन के हवाला रैकेट का इस्तेमाल किया होने की जानकारी जाँच से सामने आयी है।

EDबीते कुछ वर्षों में ड्रग माफिया और अन्य अपराधिक नेटवर्क के लिए सैकड़ों जाली कंपनियों का इस्तेमाल करके एक लाख करोड़ रुपयों से अधिक रकम का हवाला कारोबार करने के मामले में जैन को गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ़ मनी लौंडरिंग प्रिवेंशन ऐक्ट के तहत अपराधिक मामला दर्ज़ किया गया है। जैन को दिल्ली के स्थानिय अदालत में पेश किया गया और सुनवाई के बाद उसे नौ दिनों के लिए ‘ईड़ी’ की कस्टड़ी में भेजा गया है। ‘ईड़ी’ ने की हुई जाँच के दौरान ५५४ शेल कंपनियां ९४० संदिग्ध बैंक खाते और करीबन १.०७ लाख करोड़ रुपयों के हवाला मनी को लेकर जाँच हो रही है। यह देश में सबसे बड़ा हवाला रैकेट होने की बात कही जा रही है।

ईड़ी की जाँच में कुछ बड़ी निजी कंपनियों का और एक बड़ी विदेशी चलन कंपनी की भी जाँच की जा रही है। ईड़ी ने ९७० लोगों की पहचान की है और उन्हें करीबन १८,६८० करोड़ रुपयों की रकम हवाला के माध्यम से हस्तांतरित की गई है। साथ ही ११४ विदेशी बैंक खातों में ११,८०० करोड़ रुपयों के हवाला व्यवहार होने की जानकारी प्राप्त होने की बात ईड़ी ने अपने निवेदन में कही है। ईड़ी ने कई जाली दस्तावेज़, मार्कशीट, जन्म के दाखिले, पैनकार्ड़ और वोटिंग कार्ड भी बरामद किए है। इन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके संदिग्ध बैंक खाते और शेल कंपनियां चलाई जाने की जानकारी प्राप्त हो रही हैं।

EDमनी लौंड़रिंग के मामले में जैन को पहले २००९ में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद बीते कुछ वर्षों से जैन दुबारा जाँच यंत्रणाओं के राड़ार पर था। वर्ष २०१६ में ईड़ी ने उसे १,२०० करोड़ रुपयों के विदेशी चलन के व्यवहारों के मामले में नोटीस जारी किया था। जैन बीते कुछ वर्षों से ‘हवाला’ रैकेट चला रहा था। उसके खिलाफ़ अपराधिक गिरोहों को नीधि देने का आरोप भी रखा गया है। वर्ष २०१८ में जैन के दिल्ली स्थित रोहिणी और विकासपुरी के दो ज़गहों पर छापे मारे गए थे। उस समय हज़ारों करोड़ों रुपयों के हवाला के दस्तावेज़ बरामद किए गए थे। विदेशी बैंक के खाते चलाने के लिए इस्तेमाल हो रही १४ ‘डिजिटल कीज्‌’ भी बरामद की गई थीं। साथ ही कथित शेल कंपनियों से संबंधित पेन ड्राईव, हार्डड्राईव एवं संबंधिक कागज़ात बरामद किए गए थे।

तैवान, वियतनाम, बांगलादेश, तुर्की, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, ब्राज़िल, बुर्किना फासो, कनाड़ा और अफ़गानिस्तान जैसे देशों में जैन ने अपने हवाला रैकेट का जाल बिछाया होने की जानकारी सामने आयी है। इसी बीच अमरिका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन, नेदरलैण्ड और यूएई के साथ कम से कम छह देशों में नरेश जैन के खिलाफ़ अपराधिक मामले दर्ज़ हैं। जैन वर्ष १९९५ में पहली बार भारत से भागकर दुबई पहुँचा था। वर्ष २००९ तक वह दुबई में था। दुबई पुलिस ने फरवरी २००७ में जैन और अन्य नौं लोगों को गिरफ्तार किया था। जमानत मंजूर होने के बाद वह दुबई से भागा था। ब्रिटेन की ‘सीरियस ऑर्गनाईज़्ड़ क्राईम एजन्सी’ (एसओसीए) ने वर्ष २००९ में भारत के सामने जैन और उसके साथियों के मनी लौंड़रिंग मामलों की रपट भी रखी थी। इसी के साथ ही इंटरपोल ने उसके खिलाफ़ दो वॉरंट जारी किए थे।

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