एबोला की भयानक महामारी में २४५ से अधिक लोगों की मृत्यु; इतिहास की दुसरी सबसे बडी महामारी होने का दावा

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किंशासा – अफ्रीका में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉंगो (डीआर कॉंगो) में होनेवाले एबोला के महा भयंकर महामारी में २४५ से अधिक लोगों की जान गई है| अबतक दुनियाभर में हुए एबोला के महामारी में यह सबसे बड़ी दूसरी एवं प्राणघातक महामारी होने की जानकारी जागतिक आरोग्य संघटना ने दी है| इससे पहले भी सन २०१४ में हुए एबोला के महामारी में ११ हजार से अधिक लोगों की जान गई थी|

डीआर कॉंगो में एबोला की महामारी एबोला के इतिहास में सबसे बड़ी दूसरी महामारी ठहरी है| यह अत्यंत दर्दनाक बात है और अनेक परिवार परिवारों ने अपने निकटतम व्यक्तियों को गवायॉं है| यह महामारी खत्म करने के लिए जागतिक आरोग्य संघटना एवं सहयोगी संस्था डीआर कॉंगो सरकार को हमेशा मदद देंगे एवं संभव हर प्रकार की सहायता करेंगे ऐसे शब्दों में जागतिक आरोग्य संघटना के वरिष्ठ अधिकारी पीटर सलामा ने एबोला के महामारी के बारे में जानकारी दी है|

डीआर कॉंगो सरकार ने दिए जानकारी के अनुसार एबोला के महामारी की वजह से नवंबर महीने तक २४८ नागरिकों की जान गई है| एबोला कि बाधा हुए लोगों की संख्या ४२८ तक होकर उसमें अधिक बढ़ोतरी होने का डर व्यक्त किया जा रहा है| फिलहाल देश के पूर्वी भाग में एबोला की महामारी फैली है और अन्य भागों में भी महामारी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है| उस समय पड़ोसी अफ्रीकी देशों में महामारी फैलने की आशंका बढ़ने की चेतावनी जागतिक आरोग्य संघटना ने दी है|

एबोला की महामारी का मुकाबला करने के लिए कॉंगो सरकार एवं जागतिक आरोग्य संघटना सभी तौर पर प्रयत्न कर रही है| फिर भी उसपर नियंत्रण प्राप्त करने में असफलता मिलने की बात अबतक आ रहे आंकड़ों से दिखाई दे रहा है| इसकी वजह से अब महामारी रोकने के लिए अमरिका के विशेषज्ञों को लाना होगा, ऐसी मांग आगे आ रही है| आरोग्य क्षेत्र के दो अग्रणी के ‘जर्नल्स’ में इस प्रकार की मांग की गई है और अमरिका का अनुभव फायदेमंद हो सकता है, ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं|

डीआर कॉंगो में शुरू संघर्ष की वजह से अमरिका के विदेश विभाग ने अमरिकी नागरिक तथा विशेषज्ञों को इस देश में जाने पर प्रतिबंध जारी किया है|

डीआर कॉंगो में १९७६ वर्ष में पहली बार एबोला की महामारी हुई थी| उसके बाद अब तक ९ बार इस देश को एबोला के महामारी का झटका लगा है और अगस्त महीने में शुरू हुई यह महामारी का दसवां समय है| उस समय प्रतिबंधक योजना तथा आर्थिक प्रावधान उपलब्ध हो कर भी बलि लोगों की संख्या बढ़ने की बात चिंताजनक मानी जा रही है|

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