देश के खुदरा व्यापारियों के लिए ‘ई-कॉमर्स पोर्टल’

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – देश के व्यापारियों के प्रमुख संगठन ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (कैट) ने खुदरा व्यापारियों के लिए तकनीक पर आधारित ‘भारतईमार्केट’ यह ई-कॉमर्स पोर्टल शुरू किया है। देश में बढ रहीं ई-कॉमर्स कंपनियों की वजह से देश में व्यापार क्षेत्र के सामने बडी चुनौती खडीं हुई है और इससे भारतीय व्यापार क्षेत्र को झटका लगने से यह पोर्टल शुरू करने का निर्णय किया गया है।

ई-कॉमर्स कंपनियाँ देश में बडी मात्रा में विस्तार कर रहीं हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इस क्षेत्र में कार्यरत हैं और इस क्षेत्र में इन कंपनियों ने किए बडे निवेश और यह कंपनियाँ कर रहीं ऑनलाईन सेल की वजह से स्थानिय खुदरा व्यापारियों को उनसे स्पर्धा करने में कठिनाई महसूस हो रही है। इस पृष्ठभूमि पर कैट ने खुदरा व्यापारियों के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल उपलब्ध किया है। इस वजह से खुदरा व्यापारी भी अपने सामान की ऑनलाईन बिक्री कर सकेंगे। उद्योग और अंदरुनि व्यापार प्रोत्साहन विभाग (डीपीआयआयटी) की सहायता से यह पोर्टल उपलब्ध कराया गया है। इस पोर्टल की वजह से देशभर में स्थित सात करोड व्यापारी जुडें जाएंगे। इस ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस में कैट अलग अलग तकनीकी कंपनियों की क्षमता को एक करेगी और इस वजह से ग्राहकों को उनके घर तक सामान पहुंचाना मुमकीन होगा। देशभर के ९५ प्रतिशत व्यापारियों को एक छत के नीचे लाने की कोशिश इस पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।

प्रत्यक्ष व्यापार करनेवालें व्यापारीं, उद्योजक ही इस ‘ई-प्लैटफॉर्म’ में शामिल होंगे। इसमें छोटे-मोठे उत्पादक और सभी प्रकार के व्यापारियों को शामिल किया जाएगा। प्रमुख तौर पर इस तकनीक का मालिकाना हक भी शेअर होल्डर पद्धती से भारतीय व्यापारी, उद्योजकों के हाथ में रहेगी। छोटे से छोटे व्यापारी भी इस नई कंपनी के शेअर्स खरीदकर इसमें मालिकाना हक प्राप्त कर सकेंगे, यह कहा जा रहा है। ऑनलाईन व्यापार का बडा झटका स्थानिय व्यापारियों को लग रहा था। पर, इस पोर्टल की वजह से ऑनलाईन व्यापार कर रहीं, दुनिया की ताकतवर कंपनियों को भारतीय व्यापारियों ने दी हुई यह एक बडी चुनौती साबित होगी। दुनिया में इस तरह का यह पहला ही प्रयोग है और भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय ने इस संकल्पना को मजबूत समर्थन प्रदान किया है। साथ ही, भारत सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स कारोबार के लिए नई नीति घोषित करने की तैयारी में है और इस नीति की वजह से भारतीय व्यापारियों के पोर्टल को मजबूती प्राप्त होगी, यह विश्‍वास कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ललित गांधी ने इस दौरान व्यक्त किया है।

प्रायोगिक स्तर पर प्रयागराज, गोरखपूर, वाराणसी, लखनौ, कानपूर और बंगळुरू इन छः प्रमुख शहरों में यह पोर्टल शुरू किया गया था। इसे खुदरा व्यापारी, ग्राहक एवं वितरकों का अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ था। इसके बाद शहरों को बढाकर अब ९० शहरों तक यह सेवा शुरू की गई है, यह जानकारी ‘कैट’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने साझा की। यह पोर्टल व्यापारियों ने व्यापारियों के लिए शुरू किया हुआ पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से ग्राहकों को घर तक सामान पहुंचाया जाएगा और ग्राहकों को व्यवहार शुल्क चुकाना होगा, यह बात इस दौरान स्पष्ट की गई है। अब दिसंबर तक देश के कम से कम ५० लाख व्यापारियों को इस प्लैटफॉर्म से जोडने का उद्देश्‍य रखा गया है और इसके बाद जल्द ही इस पोर्टल के जरिए १ करोड़ व्यापारियों को जोड़ा जाएगा।

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