डॉ. हार्वे कुशिंग (१८६९ -१९३९ )

drkushingब्रेन ट्यूमर, ब्रेन हॅमरेज या अचानक आया पॅरॅलिसिस का झटका ये सभी मस्तिष्क से संबंधित बीमारियाँ हैं। बीसवी सदी का आरंभ होने से पहले ये सारी बीमारियाँ सीधे मृत्यु का ही संदेशा देनेवालीं मानी जाती थीं। लेकिन बीसवी सदी के आरंभिक समय में डॉ. हार्वे कुशिंग ने मानवी मस्तिष्क का कार्य एवं उससे संबंधित उपचार-पद्धति इस विषय पर संशोधन करके वैद्यक शास्त्र में एक अतुलनीय व्यक्तित्व के रुप में अपना स्थान प्राप्त किया।

वैद्यकविशेषज्ञों की परंपरा रहनेवाले वाले खानदान में ८ अप्रैल १८६९ के दिन अमरिका के ओहिओ इस शहर में हार्वे कुशिंग का जन्म हुआ था। येल विश्‍वविद्यालय से सर्वसाधारण शिक्षा पूर्ण करने वाले कुशिंग ने हावर्ड मेडिकल स्कूल में वैद्यकीय शिक्षा के लिए प्रवेश किया। हावर्ड से वैद्यकीय पदवी (डॉक्टर ऑफ  मेडिसिन) प्राप्त करने के पश्‍चात् १८९५ में डॉ. हार्वे कुशिंग मॅसेच्युएट्स अस्पताल में ‘इंटर्न’ के रूप में काम करने की शुरुआत की।

इस के बाद बाल्टिमोर यहाँ नये से शुरु हुए जॉन हॉपकिन्स रुग्णालय में असिस्टंट रेसिडंट के रूप में कार्य करने लगे। डॉ. हालस्टेड, डॉ. विलियम वेल्श एवं डॉ. हावर्ड केली एवं सर विल्यम ऑसलर इनके जैसे वैद्यकीय क्षेत्र के महानुभवों ने उनके जीवन को दिशा प्रदान की।

डॉ. हालस्टेड की शल्यचिकित्सा पद्धति एवं रोगियों के रोगों का निदान करने के कौशल्य का सर्वाधिक प्रभाव डॉ. कुशिंग पर पड़ा। सच पूछा जाये तो डॉ. कुशिंग के द्वारा उस समय में अपने घर भेजे गए खतों में डॉ. हालस्टेट अस्पताल में अपनी ज़िम्मेदारियों को बड़े ही गंभीरतापूर्वक लेते हैं, इस बारे में अनेक बार उनकी प्रशंसा दिखाई देती है। उस समय गुरु के रूप में जब कभी भी उन्हें उनका सहवास प्राप्त हुआ उस समय का वे अस्पताल का सर्वोत्तम समय था इन शब्दों में वे उस समय का उल्लेख करते हैं।

brain1906डॉ.टालस्टेड को भी कुशिंग के प्रति विशेष आस्था थी। मृत्युपूर्व अपने एक सहकारी को लिखे पत्र में डॉ. हालस्टेड ने डॉ. कुशिंग का अपने ‘सर्वोत्तम वैद्यकीय सहायक’ कहकर उल्लेख किया है। दरमियान १८९८ में डॉ.कुशिंग को फ़ौज  में डॉक्टर के रुप में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस अवसर का डॉ. कुशिंग ने ‘अपने शल्य विशारद के रूप में किये गए कार्य काल में बहुत प्रभाव पड़ा’ ऐसा उल्लेख किया है।

यूरोप में दो वर्षों तक शिक्षा हासिल करने के पश्‍चात् अमरीका में वापस लौट आने वाले डॉ. कुशिंग पुन: हॉपकिन्स अस्पताल में कार्य करने लगे। इस समय में डॉ. हार्वे कुशिंग का ध्यान मस्तिष्क के शस्त्र क्रिया की ओर आकर्षित हुआ। अविश्रांत मेहनत एवं सर्व सामान्य लोगों को आश्‍चर्यचकित कर देने वाली अपार कार्यशक्ति इन दोनों के जोर पर अल्पावदि में ही उन्होंणे मस्तिष्क पर शस्त्रक्रिया करने वाले उत्कृष्ट शल्यविशारद के रुप में सम्मान प्राप्त किया। डॉ. हार्वे कुशिंग ने उस समय में अपने कौशल्य के जोर पर पूरा करने वाले मस्तिष्क की यशस्वी शस्त्रक्रियाओं के कारण ‘न्यूरोसर्जरी’ इस विषय को विशेष स्थान प्राप्त हुआ।

प्रथम हॉपकिन्स अस्पताल इसके पश्‍चात् बोस्टन के ब्रिग हॅम अस्पताल में शल्यविशारद के रुप में काम करते हुए डॉ.कुशिंग ने अनेक प्रकार के नवनवीन यंत्र विकसित  किए। प्रथम महायुद्ध के समय कुशिंग कुछ समय यूरोप में ब्रिटीश फ़ौज  के साथ भी कार्यभार संभालते रहे। मात्र उस समय उन्हें कुछ बुरे अनुभव भी प्राप्त हुए। एक बार तो स्थिति यहाँ तक आन पहुँची कि ब्रिटीश फ़ौज  ने उन पर कोर्ट मार्शल करने का इशारा किया था।

१९२०  के पश्‍चात् का समय डॉ.कुशिंग के लिए अत्याधिक प्रभावकारी साबित हुआ। नवनवीन विकसित किए गए यंत्रों से डॉ.कुशिंग ने मस्तिष्क से संबंधित अनेक प्रकार की जटिल शस्त्रक्रिया यशस्वी की। इसी कारण यूरोप एवं अमरीका के अनेक डॉक्टरों ने डॉ.कुशिंग से मार्गदर्शन लेना शुरु कर दिया।

परन्तु इन सब में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण साबित होता है, वह है डॉ. कुशिंग के द्वारा किया गया ‘मस्तिष्क़ से होने वाले रक्तस्राव (हॅमरेज) के विषय में संशोधन’। डॉ. विल्यम बोव्हिज की सहायता से उन्होंने ‘हाय फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रीक करंट’ का उपयोग करके १९२६ में रक्त जम जाने की प्रक्रिया में यश प्राप्त किया। डॉ. हार्वे कुशिंग के द्वारा न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में किया गया यह सर्वोत्तम कार्य माना जाता है। इसके साथ ही‘पिट्युटरी ग्लैंड्स’ के बीमारी के संदर्भ में डॉ. कुशिंग के द्वारा किये गये कार्य को भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। ‘पिट्युटरी ग्लैंड्स’ के बीमारी के विषय में उनके द्वारा किए गए संशोधन के कारण आज भी उस बीमारी को ‘कुशिंग डिसीज़’ के रूप में जाना जाता है।

बेहतरीन शल्यविशारद होने के साथ-साथ ही डॉ. हार्वे कुशिंग ये एक उत्तम शिक्षक एवं लेखक भी थे। डॉ. कुशिंग की सहायक के रूप में काम देखनेवाली डॉ. एलिझाबेथ आयझन हार्ट ये अमरीका की प्रथम महिला न्यूरोसर्जन के रूप में पहचानी जाती हैं। डॉ. हार्वे कुशिंग से मार्गदर्शन प्राप्त हुए डॉक्टरों ने हार्वे कुशिंग सोसायटी की स्थापना की। उस समय में डॉ. कुशिंग को उनके विद्यार्थियों द्वारा दी गई यह सर्वोत्तम भेट थी। आज के समय में यह संस्था अमरीका के न्यूरोसर्जनों की राष्ट्रीय संस्था के रूप में पहचानी जाती है।

न्यूरोसर्जरी क्षेत्र में किये गये संशोधन के लिए डॉ. हार्वे कुशिंग को अनेक पुरस्कार, सम्मान प्राप्त हुए। विशेष तौर पर कुशिंग के द्वारा हॉपकिन्स अस्पताल के अपने गुरु माने गये ‘सर विल्यम ऑसलर’ के जीवन पर लिखे गए चरित्र को साहित्यक्षेत्र के सर्वोच्च ‘पुलित्झर’ पुरस्कार से १९२६ में गौरवान्वित किया गया।

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