चिनी वायरस’ शब्दप्रयोग ना करें चीन की भारत से विनती

नयी दिल्ली – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनावायरस के मुद्दे पर चीन को पकड़ा है। चीन ने यदि समय पर ही इस संक्रमण की जानकारी दी होती, तो दुनिया पर थोंपे गये इस संकट को टाला जा सकता था, ऐसा कहते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प कोरोनावायरस का ज़िक्र ‘चिनी वायरस’ ऐसा कर रहे हैं। इस कारण बेचैन हुए चीन ने भारत के सामने मिन्नतें करना शुरू किया है। चीन के विदेशमंत्री व्यांग यी ने भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर के साथ चर्चा की। कम से कम भारत तो इस वायरस का उल्लेख ‘चिनी वायरस’ ऐसा ना करें, ऐसी उम्मीद चीन के विदेशमंत्री ने व्यक्त की। इस शब्दप्रयोग के कारण अपने देश की छवि मलिन हो रही है, ऐसा चीन के विदेशमंत्री ने कहा है।

‘कोविड-१९’ अर्थात् कोरोनावायरस को लेकर दुनियाभर से चीन की आलोचना हो रही है। उसमे से अपनी प्रतिमा सँवारने की चीन जानतोड़ कोशिश कर रहा है। चीन के वुहान स्थित सिक्रेट प्रयोगशाला में से यह वायरस बाहर निकला होने की ख़बरें आयीं थीं। इस पार्श्वभूमि पर चीन के ये सारे क्रियाकलाप शुरू हैं।

इस वायरस का उल्लेख ‘चिनी वायरस’ ऐसा ना करें, ऐसा चीन दुनिया को कह रहा है। चीन ने राजनैतिक स्तर पर मुहिम छेड़ी होकर, विभिन्न देशों की सरकारों से संपर्क कर, इस वायरस को ‘चिनी वायरस’ संबोधित ना करें, इसके लिए मिन्नतें कर रहा है। वुहान से हालाँकि सबसे पहले इस संक्रमण का उल्लेख हुआ था, मग़र फिर भी उसका उद्गम यहीं से हुआ, इसका कोई सबूत नहीं है। किसी वायरस को एक देश के साथ जोड़ना ग़लत है, ऐसा चीन का कहना है।

चीन के विदेशमंत्री व्यांग यी ने इस संदर्भ में भारत के विदेशमंत्री से संपर्क किया। इस समय उन्होंने, कोरोनावायरस के लिए ‘चिनी वायरस’ यह शब्दप्रयोग ना करें, ऐसा आवाहन किया। इस वायरस पर चीन का लेबल लगाकर चीन के छवि मलिन करने की कोशिश की जा रही है। यह कोशिश आन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए भी ख़तरा साबित हो सकती है। भारत इस संकुचित मानसिकता का विरोध करेगा, ऐसी उम्मीद चीन के विदेशमंत्री यी ने जताई।

‘कोविड-१९’ के विरोध में भारत विजयी होगा, ऐसा विश्वास उन्होंने ज़ाहिर किया। साथ ही, चीन अपने अनुभव के आधार पर भारत से सहयोग करने के लिए तैयार है, ऐसा व्यांग यी ने कहा।

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