अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तैवान को एफ-१६ लड़ाकू विमान देने के प्रस्ताव को मंजूरी – परिणामों के लिए तैयार रहने की चीन की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंगटन/बीजिंग – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तैवान को प्रगत लड़ाकू एफ-१६व्ही विमान प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है| यह प्रस्ताव शुक्रवार को अमरिका के संसद में भेजे जाने की जानकारी अमरिका के सूत्रों ने दी है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के इस निर्णय पर चीन क्रोधित हुआ है और अमरिका को इस निर्णय के विरोध में होनेवाले परिणामों के लिए तैयार रहें, ऐसा सूचित किया है| पिछले महीने में चीन ने अमरिका-तैवान में हुए दो अरब डॉलर्स के रक्षा करार पर भी धमकाया था| पर उसके बाद ट्रम्पने एफ-१६ प्रदान करने को मंजूरी देते हुए चीन के चेतावनी को नजरअंदाज करने की बात दिखाई हैं| 

मार्च महीने में अमरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने तैवान का दौरा किया तथा तैवान के अधिकारियों से भेंट की थी| उस समय तैवान के राष्ट्राध्यक्ष त्साई इंग वेन ने अमरिका से ६६ ‘एफ-१६ वाइपर’ लड़ाकू विमान प्रदान करने की मांग की थी| तैवान के बेड़े में इससे पहले भी अमरिका के एफ-१६ विमान है, पर वायपर यह अति प्रगत आवृत्ति होकर तैवान को हवाई दल की क्षमता बढ़ाने के लिए अमरिका के पास यह मांग करने की बात तैवान ने स्पष्ट की है| तैवान की इस मांग पर अस्वस्थ हुए चीन ने अमरिका को द्विपक्षीय संबंध बिगड़ेंगे, ऐसी चेतावनी दी थी| 

पर चीन की चेतावनी ठुकराते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने तैवान को ६० से अधिक एफ-१६ लड़ाकू विमान प्रदान करने का निर्णय लिया है| यह करार ८ अरब डॉलर का होकर तैवान ने इसका जोरदार स्वागत किया है| तैवान के माध्यमों में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने लिए निर्णय को बड़े शब्दों में लिखा गया है और प्रगत एफ-१६ वाइपर लड़ाकू विमानों के ग्राफिक्स प्रसिद्ध किए गए हैं| नए एफ-१६ लड़ाकू विमानों में एफ२२ और एफ-३५ इस फिफ्थ जेनरेशन फाइटर में होनेवाली एईएसए प्रगत राडार यंत्रणा होगी, ऐसा दावा किया है|

ट्रम्प के इस निर्णय पर चीन बुरी तरह क्रोधित हुआ है और विदेश मंत्रालय ने आक्रमक शब्दों में प्रतिक्रिया दर्ज की है| अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष का निर्णय ‘वन चाइना धारणा’ का उल्लंघन करनेवाला है| यह प्रस्ताव अत्यंत संवेदनशील एवं खतरनाक स्वरूप का है| इसका एहसास अमरिका को होना चाहिए तथा ऐसा नहीं हुआ तो, चीन से तीव्र कार्रवाई की स्वरूप में प्रतिक्रिया उमड़ सकती है| इसके परिणाम अमरिका को सहने होंगे, ऐसे शब्दों में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने अमरिका को धमकाया है| तैवान का मुद्दा चीन के सार्वमतभौमत्व से संबंधित है, यह अमरिका ध्यान में रखें, ऐसा भी उन्होंने आगे कहा है|

पिछले महीने में अमरिका ने तैवान के साथ १०८ एंब्रेक्स टैंक और मिसाइलों का लगभग २.२२ अरब डॉलर का करार घोषित किया था| इससे पहले भी तैवान को बड़े तादाद में शस्त्र प्रदान करने का निर्णय अमरिका ने लिया था| वर्ष १९७९ में हुए अमरिका एवं चीन के करार के अनुसार तैवान को शस्त्र सहायता प्रदान करना, यह अमरिका ने मंजूर किए ‘वन चाइना पॉलिसी’ के विरोध में जानेवाला नहीं| वह चौखट कायम रखकर अमरिका तैवान को रक्षा सहायता प्रदान कर सकता है, ऐसे शब्दों में विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पैट्रिक मर्फीने अमरीकी प्रशासन ने लिए निर्णय का समर्थन किया था|

Leave a Reply

Your email address will not be published.