इस वर्ष भी ‘डोकलाम’ जैसा संघर्ष होगा – चीन के विश्लेषकों का इशारा

बीजिंग : इस वर्ष भी भारत और चीन में फिर से डोकलाम जैसा संघर्ष भड़क सकता है, ऐसा इशारा चीन के विश्लेषकों ने दिया है। ‘शांघाई एकेडमी ऑफ सोशल सायन्स’ के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन’ के अभ्यासक ‘हू झियाँग’ ने यह इशारा दिया है और संघर्ष के लिए भारत जिम्मेदार होगा, ऐसा आरोप किया है। भारतीय नेता विवादास्पद विभाग को भेंट दे रहे हैं। साथ ही भारत के अधिकारी भड़काऊ विधान कर रहे हैं। इस द्वारा चीन को भारत से चेतावनीखोर संदेश दिए जा रहे हैं, ऐसी टीका झियाँग ने की है।

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पिछले कई दिनों से चीन से भारत के विरोध में आक्रामक गतिविधियां शुरू हुई है। भारत के सीमा के पास चीन ने अपनी हवाई सुरक्षा सक्षम करने का निर्णय लिया है। तथा हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के ६ युद्धनौका दाखिल होने की खबरें आई थी। भारत पर सामरिक दबाव बढ़ाने की जोरदार तैयारी चीन ने करने की बातें इन खबरों से स्पष्ट हो रही है। पर भारत के रक्षा दल से चीन के इन दावपेच को ‘उन्ही की भाषा’ में उत्तर दिया जा रहा है। उत्तराखंड के देहरादून के प्रवासी हवाई अड्डे पर ‘सुखोई’ लड़ाकू विमान उतारकर भारत ने चीन से जुड़े सीमा भाग में अपनी तैयारी दिखाई है। तथा हिंद महासागर में भारतीय नौदल के ८ युद्धनौका तैनात है, इसकी याद भी चीन को दिलाई गई है।

भारत के प्रधानमंत्री ने हालही में अरुणाचल प्रदेश को भेंट दी थी। इस भेंट पर चीन ने आक्षेप व्यक्त किया था। पर भारत ने उसे महत्व नहीं दिया था। अरुणाचल प्रदेश यह भारत का अविभाज्य भूभाग है और इस संदर्भ में कोई भी विवाद संभव नहीं है, ऐसे सीधे शब्दों में भारत ने चीन को फटकारा था। उस समय भारत के लष्कर प्रमुखने उत्तर पूर्व के राज्यों में होने वाले अवैध घुसपैठ के पीछे पाकिस्तान के साथ चीन का हाथ होने का इशारा दिया था। साथ ही भारत को अपने उत्तर पूर्व राज्यों से जोड़ने वाले ‘सिलीगुड़ी कॉरिडोर’ को चीन से खतरा होने की बात भारत के नौदल प्रमुख ने कही थी।

रक्षा दल प्रमुख से होने वाले यह विधान भारत के चीन के बारे में बदले हुए भूमिका के संकेत दे रहे हैं। इससे पहले चीन के आक्रामक भूमिका को भारत से आमतौर पर मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया जाता था पर अब परिस्थिति बदली है और भारत ने राजनीतिक संयम कायम रखना और चीन को उत्तर देने की शुरुआत की है। इस बारे में चीन को लगने वाली अस्वस्थता झियाँग इनके जैसे अभ्यासक से व्यक्त की जा रही है। उसमें भारत एवं चीन इनके संबंध बिगड़े इसके लिए अमरिका व जापान भारत को फुसला रहे हैं, ऐसा आरोप झियाँग ने किया है।

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