‘क्वाड’ की बैठक से पहले भारत-जापान के प्रधानमंत्री की हुई चर्चा

नई दिल्ली – भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन ‘क्वाड’ सदस्य देशों के नेताओं की वर्चुअल बैठक का जल्द ही आयोजन होगा। इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने फोन पर बातचीत की। करीबन ४० मिनिटों तक चली इस चर्चा के दौरान मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का मुद्दा उठाया गया था। साउथ चायना और ईस्ट चायना सी क्षेत्र में चीन एकतरफा बदलाव करने की दिशा में जारी गतिविधियों पर दोनों नेताओं ने चिंता जताई थी। साथ ही हाँगकाँग एवं झिंजियांग प्रांत में जारी चीन की गतिविधियाँ और म्यांमार में बनी स्थिति पर दोनों नेताओं ने बातचीत करने की जानकारी जापान के विदेश मंत्रालय ने प्रदान की हैं।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन चीन की आक्रामकता की ओर ज्यादा ध्यान नही दे रहें हैं, ऐसी आलोचना की जा रही हैं। चीन को रोकेने के लिए ‘क्वाड’ में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए अमरीका उत्सुक ना होने के संकेत बायडेन राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद से प्राप्त हो रहे हैं। लेकिन, अगले दिनों में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अपना प्रशासन क्वाड के लिए सबसे अहम होने का बयान किया था। क्वाड के राष्ट्रप्रमुख की जल्द ही वर्चुअल बैठक का आयोजन करने का ऐलान भी अमरीका ने किया हैं। इस बैठक के पहले प्रधानमंत्री मोदी और सुगा की हुई चर्चा बड़ी अहमियत रखती हैं।

इससे पहले क्वाड देशों के विदेशमंत्रियों की वर्चुअल बैठक होनी थी। इस बैठक में क्वाड़ की ओर अनदेखा नही किया जाएगा और अमरीका को जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने सीधा इशारा दिया हैं, यह खबर जापान के वृत्तसंस्था ने जारी की थी। क्वाड को लेकर स्वारस्य दिखाती नही हैं तो फ्रान्स, ब्रिटेन और यूरोपिय देशों को क्वाड में शामिल किया जाएगा या इसके लिए रशिया का भी सहयोग प्राप्त करना संभव होगा, यह इशारा इन तीनों देशों ने अमरीका को दिया था। इसके बाद अमरीका की ‘क्वाड’ संबंधित भूमिका बड़ी गंभीर होने की बात कहकर अमरीका को राहत प्रदान की थी। इसके बाद क्वाड को लेकर बनी क्वाड से संबंधित अमरीका की भूमिका बड़ी गंभीर होती दिख रही हैं। इस वजह से क्वाड के नेताओं की बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री सुगा के बीच हुई बातचीत को सामरिक अहमियत प्राप्त होती दिख रही हैं।

चीन ने विवादित समुद्री सीमा में विदेशी जहाज़ ने प्रवेश करने पर अपने तटरक्षक बल को ऐसें जहाज़ पर गोलीबारी करने का अधिकार बहाल किया हैं। इसपर जापान ने तीव्र आपत्ति जताई हैं। इस मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी और सुगा की बातचीत होने की बात जापान के विदेशमंत्री ने जारी किए निवेदन में दर्ज़ किया गया हैं। इसके साथ ही हाँगकाँग में जनतांत्रिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए चीन की हो रहीं कार्रवाई झिंजियांग प्रांत के उइगरवंशियों पर हो रहें चीन के अत्याचारों के मुद्दे पर भी दोनों देशों के नेताओं की बातचीत होने की बात जापान के विदेश मंत्रालय ने कही हैं। म्यांमार की स्थिति पर दोनों देशों ने चिंता जताई हैं और इस मोर्चे पर दोनों देशों के नेताओं ने एकता के साथ काम करने का निर्धार व्यक्त किया हैं।

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