डोकलाम के बारे मे चीन एवं भूतान के राजदूतों में चर्चा

नई दिल्ली: डोकलाम का विवाद सुलझने का दावा भारत और चीन से किया जा रहा है। फिर भी यह मुद्दा अबतक झुलसने की बात दिखाई दे रही है। भूतान के भारत मे स्थित राजदूत ने चीन के दूतावास मे जाकर डोकलाम पर चर्चा करने की बात स्पष्ट हुई है। उस समय डोकलाम से निकट होने वाले अपनी सीमा मे चीन द्वारा बड़ी तादाद मे सेना तैनात करके यहां रास्ता निर्माण का काम करने की बात स्पष्ट हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर, भारत ने चीन से जुड़े सीमा भाग मे मूलभूत सुविधाओं की परियोजनाओं को अधिक गति दी है।

भूतान के भारत मे स्थित राजदूतों ने पिछले महीने, चीन के भारत मे स्थित राजदूतों से चर्चा की थी। यह चर्चा २७ सितंबर के रोज नई दिल्ली मे चीन के दूतावास मे संपन्न हुई थी। कुछ दिनों पहले भारत के विदेश सचिव एस.जयशंकर ने भूतान का दौरा किया था। इस पृष्ठभूमि पर आयी इस खबर का महत्व बढ़ गया है। डोकलाम मे भारत एवं चीन की सेना एक दूसरों के सामने खड़े रहे थे। यह भूभाग भूतान का होकर चीन यहां रास्ता निर्माण नहीं कर सकता, ऐसी ठोस भूमिका भारत ने ली थी और भूतान का पक्ष लेकर भारत चीन के विरोध मे सेना नहीं खड़ा कर सकता, ऐसा चीन का कहना था।

यह विवाद शुरू होते समय भारत हमे भूतान से सीधी चर्चा नहीं करने दे रहा, ऐसी आलोचना चीन ने की थी। तथा भारत जबरदस्ती से भूतान को चीन के विरोध मे खड़ा कर रहा है, ऐसा आरोप अभी चीन ने किया था और भूतान ने चीन के विरोध मे भूमिका लेकर भारत का पक्ष मजबूत किया था। पर २७ सितंबर के रोज हुए चर्चा की जानकारी सामने आने के बाद, चीन भूतान को अपने पक्ष मे लाने के लिए बहुत ज्यादा प्रयत्न कर रहा है, ऐसा फिर एक बार स्पष्ट हुआ है।

दौरान, डोकलाम का विवाद मिटने का दावा भारत और चीन से किया जा रहा है। फिर भी यह विवाद का आज भी हल निकला नहीं है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। दोनों देशों की सेना ने यहां से कुछ कदम वापसी की है पर अभी भी इस जगह पर दोनों देशों की सेना तैनात है। चीन ने इस जगह पर अधिक सेना तैनात करके डोकलाम के निकट अपने भू भाग मे रास्ते का निर्माण शुरू किया है। तथा भारत की सेना भी यहां चीन के गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। चीन से जुड़े सीमा भाग मे मूलभूत सुविधाओं के विकास परियोजनाओं को भारत ने गति देने की खबरें सामने आई थी।

सन २०२० तक चीन से जुड़े इस सीमा भाग मे नीति पास, कांगला पास, लिपूलेख, त्सागांचोकला यह भाग एक दूसरे से जोड़े जाएंगे, ऐसी घोषणा भारतीय लष्कर ने की है। इस के लिए अतिरिक्त निधि का प्रावधान किया जाएगा, ऐसा लष्कर ने घोषित किया है।

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