इम्रान खान के लिए पाकिस्तान के लष्कर की नाराज़गी हानिकारक – पाकिस्तानी पत्रकारों का दावा

इस्लामाबाद,  (वृत्तसंस्था) – पाकिस्तान में कोरोनावायरस के मृतकों की संख्या २८१ पर पहुँची होकर, कोरोना के साढ़ेतेरह हज़ार से अधिक मरीज़ पाकिस्तान में हैं। आनेवाले समय में इस महामारी का भयंकर विस्फोट पाकिस्तान में होगा, ऐसी भयावह संभावना, इस देश के वैद्यकीय विशेषज्ञ एवं पत्रकार जता रहे हैं। यदि वैसा हुआ, तो उसके लिए प्रधानमंत्री इम्रान खान का ढुलमुल रवैया ज़िम्मेदार होगा, ऐसी चेतावनी इम्रान खान के विरोधकों के साथ साथ उनके समर्थक भी कर रहे हैं। कोरोनावायरस की महामारी चल रही है और ऐसे में लॉकडाऊन करना है या नहीं, इसको लेकर पाकिस्तान की सरकार अभी भी बौखलायी हुई है। इस कारण पाकिस्तान का लष्कर इम्रान खान पर आत्यंतिक नाराज़ हुआ होकर, जल्द ही यह नाराज़ी इम्रान खान की सरकार के लिए हानिकारक साबित होगी, ऐसे दावें पाकिस्तान के माध्यम करने लगे हैं।

कोरोनावायरस की महामारी का पाकिस्तान में प्रवेश होने के बाद इम्रान खान ने तुरन्त ही लॉकडाऊन का निर्णय लेना अपेक्षित था। सिर्फ़ इसी मार्ग से इस संक्रमण को रोका जा सकता है, ऐसा पाकिस्तानी विश्लेषक और पत्रकार इम्रान खान को लगातार आगाह कर रहे थे। लेकिन पाकिस्तान जैसे गरीब देश को लॉकडाऊन परवड़ेगा नहीं, इससे देश में भूखमरी होगी, ऐसा दावा कर इम्रान खान ने इस माँग को ठुकराया था। इस कारण, जब सब जगह लॉकडाऊन लागू हो रहा था, तब पाकिस्तान में सारे व्यवहार चालू थे। इससे पाकिस्तान में इस संक्रमण का फैलाव बढ़ा होकर, अब तक इस महामारी ने २८१ लोगों की जान ली है। यह सरकारी संख्य है, लेकिन असल में इस महामारी ने उससे कई गुना अधिक जानें लीं हैं। लेकिन सरकार उसकी जानकारी खुली करने के लिए तैयार नहीं है, ऐसे आरोप होने लगे हैं।

ऐसे हालातों में भी आड़ियल प्रवृत्ति के लिए मशहूर होनेवाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान, ‘लॉकडाऊन यह कोरोनावायरस के संक्रमण का हल नहीं है’ ऐसा ही दावा कर रहे हैं। इस कारण, पाकिस्तान में हालाँकि अधिकृत रूप में लॉकडाऊन घोषित किया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री इम्रान खान को यह कल्पना मान्य नहीं होने का चमत्कारिक चित्र इस देश में दिखायी दे रहा है। संपूर्ण लॉकडाऊन के बदले स्मार्ट लॉकडाऊन करना चाहिए, ऐसा इम्रान खान का कहना है। लेकिन इसका विवरण उन्होंने ज़ाहिर नहीं किया है। प्रधानमंत्री ही इस मोरचे पर उदासीनता दिखा रहे हैं, तो फिर आम पाकिस्तानी जनता से सोशल डिस्टन्ससिंग तथा स्वास्थ्यविषयक सावधानी बरतने की उम्मीद नहीं रख सकते, ऐसी हताश प्रतिक्रिया पाकिस्तान के वैद्यकीय क्षेत्र के लोग दे रहे हैं।

जिन ग़रीबों का कारण बताकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लॉकडाउन करने से इन्कार कर रहे थे, उन्हें भी आवश्यक सुविधाओं की आपूर्ति करना सरकार से नहीं हो पाया है। इस कारण पाकिस्तान में भूखमरी से जानें जा रहीं हैं। साथ ही, कोरोनावायरस का फैलाव भी रुका नहीं है। इस कारण संक्रमण रोकने में और भूखमरी ख़त्म करने में, ऐसे दोनों मोरचों पर इम्रान खान दारुण असफल रहें दिखायी दे रहे हैं। उसके बहुत बड़े आर्थिक, सामाजिक और राजकीय परिणाम सामने आ रहे होकर, इम्रान खान के ख़िलाफ़ असंतोष बढ़ने लगा है। जिस पाकिस्तान के लष्कर ने इम्रान खान को सत्ता में बिठाया ऐसा दावा किया जाता है, वह पाकिस्तान का लष्कर ही अब इम्रान खान पर ग़ुस्सा हुआ होने की ख़बरें आ रहीं हैं।

इम्रान खान को राज्यप्रशासन का अनुभव नहीं है। उसी समय, निर्णय लेते समय विशेषज्ञों की सुनने की प्रगल्भता भी इम्रान खान नहीं दिखाते। उल्टे अपने अड़ियल रवैये के कारण ग़लत नीतियाँ भी ज़बरदस्ती से आगे ले जाने का उनका स्वभाव पाकिस्तान को खाई में धकेल रहा होने का दोषारोपण विरोधी पक्षनेता रख रहे हैं। कुछ पत्रकारों ने तो ऐसीं ख़बरें दीं हैं कि पाकिस्तान का लष्कर अब इम्रान खान को सत्ता से हटानेवाला होकर, नये नेता की नियुक्ती के तैयारी कर रहा है। एक बार कोरोनावायरस महामारी का उद्रेक हुआ, तो इम्रान खान के विरोध में होनेवाली जनभावना का इस्तेमाल कर उन्हें सत्ता पर से नीचे खींचा जायेगा, ऐसी योजना तैयार होने के दावे पत्रकारों ने किये हैं।

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