रक्षामंत्री ने दिया चीन को नया इशारा

नई दिल्ली – विश्‍व की कोई भी शक्ति भारतीय सैनिकों को लद्दाख में गश्‍त करने से रोक नहीं सकती। इस क्षेत्र में देश की संप्रभुता की रक्षा करते समय कर्नल संतोष बाबू और उनके १९ सहयोगी शहीद हुए थे, यह बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया है। राज्यसभा में लद्दाख की स्थिति की जानकारी देते समय रक्षामंत्री ने चीन को और एक कड़ी चेतावनी दी। भारत अपनी संप्रभुता से किसी भी तरह से समझौता नहीं करेगा। पूरा देश सीमा पर तैनात सैनिकों के पीछे पूरी एकता के साथ ड़टकर खड़ा है, यह बात राजनाथ सिंह ने चीन को इशारे देते समय कही। साथ ही रक्षामंत्री के बयान में गलवान वैली में हुए संघर्ष के दौरान चीनी सेना का भारत से अधिक नुकसान होने का संदर्भ देखा गया। इस बात से चीन को बड़ी मिर्च लगी है।

रक्षामंत्री

राज्यसभा में बोलते समय रक्षामंत्री ने प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर जारी गतिविधियों की जानकारी दी। साथ ही इस पर भारत ने अपनाई भूमिका भी स्पष्ट तौर से पेश की। चीन के रक्षामंत्री से हमारी बातचीत हुई और विदेशमंत्री जयशंकर ने चीन के विदेशमंत्री से भी चर्चा की। इस चर्चा के दौरान सीमा विवाद का राजनीतिक बातचीत के माध्यम से हल निकालने की बात मंजूर की गई थी। इसके बावजूद चीन ने प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर अपनी सेना की गतिविधियां जारी रखी हैं। इसके साथ ही वहां की यथास्थिति में बदलाव करने की कोशिश भी चीन की सेना कर रही है। भारत यह बात कभी भी बर्दाश्‍त नहीं कर सकता। अब तक चीनी सेना की हरएक कोशिश भारतीय सैनिकों ने नाकाम की है। भारतीय सेना का शौर्य और मनोबल अतुलनीय है, यह बयान राजनाथ सिंह ने किया।

भारतीय सेना को लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर गश्‍त करते समय चीन की सेना रोक रही है क्या, यह सवाल राज्यसभा के कुछ सदस्यों ने किया था। इस पर उत्तर देते समय रक्षामंत्री ने लद्दाख में गश्‍त करने से भारतीय सेना को विश्‍व की कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती, यह बात स्पष्ट की। प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष होने से कर्नल संतोष बाबू और उनके १९ सहयोगियों को वीरगती प्राप्त हुई, इस पर रक्षामंत्री ने ध्यान केंद्रीत किया। साथ ही इस संघर्ष में भारत से अधिक नुकसान चीन को उठाना पड़ा है, यह बयान भी रक्षामंत्री ने किया। उन्होंने साझा की हुई इस जानकारी से चीन को बड़ी मिर्च लगती दिखाई दे रही है।

रक्षामंत्री

चीनी सेना के लिए भारत के खिलाफ़ प्रचार युद्ध की ज़िम्मेदारी संभाल रहे कम्युनिस्ट हुकूमत का मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने गलवान संघर्ष से संबंधित भारत झूठी जानकारी प्रदान कर रहा है, ऐसी फि्ज़ूल की बयानबाज़ी की है। साथ ही लद्दाख के क्षेत्र में चीनी सैनिकों को सबसे बेहतर सामान की आपूर्ति हो रही है और वहां पर उन्हें गरम खाना भी प्राप्त हो रहा है। इसके चलते और कुछ दिनों तक चीनी सैनिक इस क्षेत्र में तैनात रह सकते हैं, ऐसे दावे ग्लोबल टाईम्स कर हा है। इसके अलावा संबंधित क्षेत्र में चीन की बुनियादी सुविधा भी भारत की तुलना में काफी प्रगत होने की डींग भी ग्लोबल टाईम्स मार रहा है। साथ ही चीनी सेना का मनोबल, क्षमता और संख्या से भारतीय सेना की तुलना ही नहीं हो सकती ऐसी बाते चीन का यह सरकारी पत्र बड़े बढ़चढ़ कर कह रहा है।

ग्लोबल टाईम्स कितनी भी बयानबाज़ी क्यों न करे तब भी लद्दाख के क्षेत्र में तैनात चीनी सैनिकों की स्थिति काफी खराब होने की बातें सामने आने लगी हैं। लद्दाख के माहौल की आदत ना होनेवाले चीनी सैनिकों को अब वहां पर सांस लेने में दिक्कत होने के समाचार भी प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही इस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिक कबड्ड़ी खेलने के वीडियो भी प्रसिद्ध हुए हैं। अगले दौर में जिस मात्रा में ठंड़ बढ़ेगी उस मात्रा में चीनी सेना की दिक्कतें भी बढ़ेंगी, यह बात अभी से स्पष्ट हो रही है। इसी कारण लद्दाख की सीमा पर युद्ध करना तो दूर, वहां पर ड़टे रहना भी चीनी सैनिकों के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। ऐसी स्थिति में ग्लोबल टाईम्स कर रहे फिज़ूल बयानबाज़ी पर भरोसा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय माध्यम तैयार नहीं हैं। प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर चीन नहीं बल्कि भारतीय सेना वर्चस्व बनाए हुए है, यह बात अंतरराष्ट्रीय माध्यमों को माननी पड़ रही है।

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