रक्षामंत्री ने रफायल का स्वीकार करने की औपचारिकता पूरी की

पैरिस: फ्रान्स से भारत को प्राप्त हुए पहले रफायल विमान का स्वीकार करने की औपचारिकता रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने पूरी की है| इन विमान से रक्षामंत्री ने उडान भी भरी| ‘रफायल’ का मतलब ‘तूफान’ यह भी होता है| अपना यह नाम रफायल सिद्ध करेगा, यह भरौसा हमें है, यह वक्तव्य रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने इस दौरान किया| फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन से भेंट करके रक्षामंत्री ने दोनों देशों के रक्षा सहयोग पर व्यापक बातचीत की|

फ्रान्स के मेरिनिक हवाई अड्डे पर रक्षामंत्री ने रफायल का स्वीकार करके इस विमान का पूजन किया| विजयादशमी और वायुसेना के ८७ वें स्थापनादिन के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, इस पर रक्षामंत्री ने संतोष व्यक्त किया| साथ ही फ्रान्स यह भारत का धारणातामक देश होने की बात भी रक्षामंत्री ने इस दौरान कही| अगले समय में दोनों देशों के बीच धारणात्मक सहयोग और भी मजबूत एवं व्यापक होगा, यह विश्‍वास राजनाथ सिंग ने इस दौरान व्यक्त किया| इस कार्यक्रम में रफायल विमान के क्षमता की जानकारी देनेवाले वीडियो का प्रेजेंटेशन भी किया गया|

भारत ने वर्ष २०१६ में फ्रान्स के साथ ३६ रफायल विमान खरीदने के लिए करीबन ५९,००० करोड रुपयों का समझौता किया था| इसके अनुसार ‘मेटिऑर’ और ‘स्काल्प’ मिसाइलों से सज्जित रफायल विमान भारत को प्रदान होंगी| पहला विमान स्वीकारते समय राजनाथ सिंग ने यह कार्य तय समय में पुरा होने पर संतोष व्यक्त किया| रफायल विमानों का समावेश होनेपर भारतीय वायुसेना की क्षमता में काफी बडी बढोतरी होगी, यह विश्‍वास रक्षामंत्री ने व्यक्त किया| रफायल विमानों का एक स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला में बने वायुसेना के अड्डे पर तैनात होगा| वही, दुसरा स्क्वाड्रन पश्‍चिम बंगाल में हाशिमारा के हवाई अड्डे पर तैनात होगा| मंगलवार के दिन भारत को औपचारिकता से प्रदान किए गए रफायल विमान का नाम वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार भदौरिया के नाम से ‘आरबी००१’ रखा गया है|

इस दौरान, वर्ष २०२२ के सितंबर महीने तक भारत को सभी ३६ रफायल विमान प्राप्त होंगे, यह कहा जा रहा है| इसी दौरान भारत ने फ्रान्स से और भी ३६ रफायल विमान खरीदने के लिए बातचीत शुरू की है, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही है| लेकिन, इस नए व्यवहार का ब्यौरा अभी स्पष्ट नही हो सका है| रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन से भेंट करके करीबन ३५ मिनिटों तक बातचीत की| इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधी सहयोग और भी मजबूत और व्यापक करने के मुद्दे पर बातचीत होने की बात कही जा रही है|

भारत ने फ्रान्स की सहायता से स्कॉर्पिन वर्ग की पनडुब्बी का निर्माण शुरू किया है और इसके लिए फ्रान्स ने भारत को तकनीक प्रदान की है| साथ ही रफायल लडाकू विमानों का नौसेना के लिए तैयार किया गया संस्करण भी भारत को प्रदान करने के लिए फ्रान्स उत्सुक है| दोनों देशों में विकसित हो रही इस भागीदारी का काफी बडा लाभ भारत को प्राप्त हो रहा है| कुछ दिन पहले ही फ्रान्स ने भारत की शिकायत पर अपनी संसद में पीओके के राष्ट्रपति मसूद खान को भाषण करने की अनुमति देने से इन्कार किया था|

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