१९९६ में हुई विस्फोटक एवं हथियारों की तस्करी के मामले में दाऊद और सालेम का साथी कुट्टी की झारखंड़ में हुई गिरफ्तारी

अहमदाबाद – मुंबई और गुजरात में आतंकी हमले करने के लिए विस्फोटक और हथियारों की तस्करी करने में शामिल अब्दुल माजिद कुट्टी नामक दाउद के फरार गुर्गे को गिरफ्तार किया गया है। बीते चौबीस वर्षों से वह फरार था। आखिर में गुजरात की एटीएस ने रविवार के दिन उसे झारखंड़ के जमशेदपुर से गिरफ्तार किया।

पाकिस्तान के कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ और गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम ने भारत में दुबारा आतंकी हमले करने की साज़िश वर्ष १९९६ में रची थी। २६ जनवरी, १९९७ के दिन मुंबई और गुजरात में बम विस्फोट एवं आतंकी हमले करने का प्लैन तैयार किया गया था। लेकिन, सौभाग्यवश इस साज़िश की जानकारी पुलिस को प्राप्त हुई और पुलिस ने इस जानकारी के आधार पर छापे मारकर हथियारों का बड़ा भंड़ार बरामद किया था।

india-jharkhandगुजरात पुलिस ने मेहसाना से चार किलो ‘आरडीएक्स’, दस ‘डिटोनेटर्स’, १३० पिस्तौल, ११३ ‘मैगज़िन्स और ७५० गोलियां बरामद की थीं। बाद में इस मामले में मुहम्मद फैजल मोहम्मद उस्मान (अजमेर), अनवर कुरेशी (मुंबई) और शकिल इब्राहिम कुरेशी (बरेली) इन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, इस दौरान भाग निकलने में कुट्टी कामयाब हो गया था।

इस मामले में मेहसाना की अदालत ने कुट्टी, दाउद इब्राहिम और अबू सालेम के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे। दाऊद इब्राहिम और अबू सालेम वर्ष १९९३ में हुए बम विस्फोटों से पहले ही भारत से भाग गए थे। इसके बाद कुट्टी १९९६ में फरार हुआ। बीते कुछ वर्षों तक वह विदेश में रह रहा था। लेकिन, २०१९ में ही वह भारत लौट आया और नाम बदलकर जमशेदपुर में रह रहा था, यह जानकारी गुजरात पुलिस ने साझा की।

भारत लौटने के बाद बीते डेढ़ वर्षों से कुट्टी जमशेद्पुर में मोहम्मद कमाल नाम से रह रहा था। कुट्टी के जमशेदपुर में होने की जानकारी गुजरात एटीएस के उपाधिक्षक के.के.पटेल को प्राप्त हुई और इसके बाद कुट्टी को गिरफ्तार करके गुजरात लाया गया है। पूछताछ के दौरान उसने वर्ष १९९७ के गणतंत्र दिवस पर बम विस्फोट करने की साज़िश करने में और हथियारों की तस्करी में उसके शामिल होने की बात कबूल की है, ऐसा गुजरात पुलिस ने कहा है।

कुट्टी असल में मुंबई के माहिम इलाके का निवासी है। वर्ष १९८४ में वह दुबई गया था। वहां पर एक कंपनी में कुछ समय तक नौकरी करके वह मुंबई लौट आया और दाऊद के गिरोह का हिस्सा बना था। दाऊद इब्राहिम के साथ अनीस इब्राहिम, अबू सालेम, मोहम्मद डोसा, मुस्तफा डोसा, छोटा शकील, टायगर मेमन और अन्य आरोपियों के साथ सोने की तस्करी में कुट्टी शामिल हुआ था। वर्ष १९९३ में मुंबई में हुए बम विस्फोटों के समय दाऊद इब्राहिम और उसके सभी करीबी साथी भारत से फरार हो गए। लेकिन, कुट्टी भारत में ही रह रहा था। वर्ष १९९६ में कुट्टी दुबई पहुँचा और वहां पर वह सालेम से मिला। इस भेंट के दौरान ही वर्ष १९९७ के गणतंत्र दिवस पर बम विस्फोट और आतंकी हमले करने की साज़िश की गई।

इस साज़िश को अंज़ाम देने के लिए पाकिस्तान से सटे राजस्थान में बारमेर की सीमा से विस्फोटक और हथियारों की तस्करी की गई। मुहम्मद फैजल मोहम्मद उर्फ पठान ने इस तस्करी का काम पूरा करने के बाद बारमेर से यह विस्फोटक और हथियारों का भंड़ार मुंबई लाने की ज़िम्मेदारी कुट्टी के पास थी, यह जानकारी गुजरात पुलिस ने प्रदान की।

यह हथियार और विस्फोटक बरामद होने के बाद कुट्टी फरार हुआ। कुछ समय तक वह बैंकॉक में रुका था। वहां पर उसकी जमशेदपुर के मोहम्मद इनाम से पहचान हुई। उसी की सहायता से कुट्टी ने मोहम्मद कमाल नाम से जाली पासपोर्ट बरामद किया और दुबारा सोने की तस्करी का काम शुरू किया था, यह जानकारी पुलिस ने प्रदान की।

वर्ष १९९६ में बरामद हुए हथियार एवं विस्फोटकों के इस भंड़ार की तस्करी करने के साथ हमला करने की साज़िश रचने के मामले में अबू सालेम को पहले ही उम्रकैद की सज़ा हुई है।

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