‘ऑस्ट्रेलिया-आसियन समिट’ में साइबर सुरक्षा, व्यापार, साउथ चाइना सी और कोरिया पर महत्वपूर्ण चर्चा

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सिडनी: ऑस्ट्रेलिया की ‘आसियन’ देशों के प्रति वचनबद्धता और सार्वकालिक दोस्ती इस पर ‘ऑस्ट्रेलिया-आसियन समिट’ में मुहर लगाई गई है, इन शब्दों में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री माल्कम टर्नबुल ने ‘आसियन’ के साथ सहकार्य अधिक मजबूत होने का भरोसा दिलाया है| शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार ‘ऑस्ट्रेलिया-आसियन समिट’ का आयोजन किया गया था| इस परिषद का रविवार को समापन हुआ| इस परिषद में पिछले तीन दिनों में साइबर सुरक्षा, आतंकवाद, व्यापार, साउथ चाइना सी और उत्तर कोरिया इन मुद्दों पर मुख्य रूपसे चर्चा हुई है, ऐसा सूत्रों ने जानकारी दी है|

सन २०१६ में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने ‘साउथ चाइना सी’ के मुद्दे को लेकर चीन के खिलाफ निर्णय दिया था| उसके बाद चीन ने ‘साउथ चाइना सी’ और ‘आशिया-पसिफ़िक’ क्षेत्र में अपना वर्चस्व बढाने के लिए आक्रामक गतिविधियॉं शुरू की हैं| उसके लिए लष्करी तैनाती और आर्थिक बल का इस्तेमाल किया जा रहा है| चीन की इन कोशिशों को रोकने के लिए अमरिका ने जोरदार मोर्चा खोला है|

भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया यह तीन देश इस मोर्चे का हिस्सा हैं और इन देशों ने आसियन देशों के साथ सहकार्य अधिकाधिक बढाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं| पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है| ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने ‘इंडो-पसिफ़िक’ क्षेत्र में अपना सक्रिय सहभाग रहने की घोषणा की है| ऑस्ट्रेलिया ने आसियन देशों के साथ आयोजित की हुई परिषद इसी का ही एक हिस्सा है|

शुक्रवार को शुरू हुई इस परिषद को ‘आसियन’ सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने दिखाई उपस्थिती और ऑस्ट्रेलिया ने इन देशों के साथ सहकार्य बढाने के लिए उठाए हुए कदम, ध्यान आकर्षित करते हैं| ‘आईएस’ और अन्य आतंकवादी समूहों का बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया और ‘आसियन’ के बीच आतंकवाद विरोधी परस्पर सामजस्य अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं| इसमें आतंकवादियों को मिलने वाली अर्थसहायता और कट्टरवाद के खिलाफ सहकार्य बढाने के लिए संयुक्तिक रूपसे विविध उपाय लागू करने का प्रावधान है|

आतंकवाद के साथ साथ साइबर सुरक्षा का मुद्दा भी प्रादेशिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होने की भूमिका ऑस्ट्रेलिया और आसियन सदस्य देशों ने व्यक्त की है| इस दौरान ऑस्ट्रेलया के अंतर्गत रक्षा मंत्री पीटर ड्युटन ने ‘डार्क वेब’ का बढ़ता इस्तेमाल यह नया खतरा है, इस बात की तरफ ध्यान आकर्षित किया और उसे रोकने के लिए एकत्रित कोशिश आवश्यक है, ऐसा उल्लेख किया है| इस मुद्दे पर भी ऑस्ट्रेलिया और आसियन के बीच सामंजस्य अनुबंध किया गया है| इसमें ‘साइबर इंटेलिजेंस’ और पुलिस दलों के बीच सहकार्य का उल्लेख है|

परिषद के दौरान सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लुंग ने ‘साउथ चाइना सी’ के संघर्ष का उल्लेख किया| ‘साउथ चाइना सी’ के मुडी को लेकर संघर्ष भड़का तो उसका बहुत बड़ा नुकसान आसियन देशों को होगा, ऐसा इशारा लुंग ने दिया है| परिषद खत्म होते समय प्रसिद्ध किए गए संयुक्त अनुबंध में चीन की ओर से इस इलाके में चल रहे सैन्यकरण को लक्ष्य किया गया| इस अनुबंध में ‘आसियन’ देश ‘साउथ चाइना सी’ का सैन्यकरण न होने के लिए अधिक महत्व देंगे, ऐसा इस अनुबंध में अधोरेखित किया गया है|

ऑस्ट्रेलिया और आसियन देशों के बैठक में व्यापार क्षेत्र में शुरू रक्षावादी नीति को भी विरोध दर्शाया गया है| उसीके साथ ही उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखने के लिए ‘आसियन’ देश सहकार्य करेंगे, ऐसी आग्रही भूमिका रखी गई है|

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