क्युबा में विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे – रशिया की अमरीका को चेतावनी

cuba-russia-us-4मॉस्को/हवाना/वॉशिंग्टन – क्युबा और नज़दीकी क्षेत्र की घटनाओं पर रशिया बारीकी से नजर रखे हुए हैं। एक सार्वभौम देश के अंदरूनी मामले में किसी भी विदेशी शक्ति का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी है। रविवार को सुबह सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत के कारोबार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए गए। इन प्रदर्शनों को अमरीका ने समर्थन दिया होकर, रशिया और लैटिन अमरीका के कुछ देशों ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। क्युबा के राष्ट्राध्यक्ष मिगेल डिआज-कॅनल ने, अपने देश में चल रहे प्रदर्शनों के पीछे अमरीका की साज़िश होने का आरोप किया है।

cuba-russia-us-1रविवार को क्युबा में हज़ारों नागरिक सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत के विरोध में सड़कों पर उतरने का चित्र देखने को मिला। क्युबा में सत्ताधारी हुकूमत के विरोध में इस प्रकार पहली ही बार व्यापक प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शन करनेवाले नागरिकों ने, कम्युनिस्ट हुकूमत देश की जनता को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने में असफल साबित होने का दावा किया। कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर नागरिकों को पर्याप्त अनाज, दवाइयाँ और अन्य जीवनावश्यक बातें उपलब्ध ना होने की शिकायत प्रदर्शनकारियों ने की। उसी समय, सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत ने नागरिकों की आज़ादी छीन लेने का आरोप भी आंदोलनकारियों ने किया।

cuba-russia-us-3राजधानी हवाना समेत देश के कई भागों में हुए इन व्यापक प्रदर्शनों की तीव्र गूँजें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दीं हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने, क्युबा में चल रहे आंदोलन को अमरीका का समर्थन होने का ऐलान किया। ‘क्युबन जनता एकाधिकारशाही होनेवाली हुकूमत से आजादी माँग रही है। इस प्रकार के प्रदर्शन क्युबा में इससे पहले कभी भी देखने को नहीं मिले थे। अमरीका क्युबा की जनता के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ी है। क्युबा की हुकूमत जनता की आवाज़ दबाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल ना करें’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अपनी भूमिका स्पष्ट की।

बायडेन के साथ ही अमरीका के कई वरिष्ठ नेताओं ने क्युबा के आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया। इनमें संसद की सभापति नॅन्सी पेलोसी, रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रॅहम और मार्को रुबिओ जैसे नेताओं का समावेश है। क्युबन जनता को समर्थन देने के लिए अमरीका में निवास कर रही क्युबन जनता ने भी जुलूस निकालने के बाद सामने आई है। मियामी शहर में स्थित क्युबन नागरिकों के गुट ने, बायडेन हस्तक्षेप करके क्युबा की हुकूमत की सत्ता का तख्ता पलट करने में सहायता करें, ऐसी आग्रही माँग भी की है।

cuba-russia-us-2क्युबा में हुए आंदोलन के विरोध में रशिया के तीव्र प्रतिक्रिया आई। रशिया के विदेश मंत्रालय ने अमरीका को चेतावनी देते हुए, विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, यह जताया है। ‘क्युबा को अस्थिर बनानेवालीं किसी भी प्रकार की विधायक हरकतें सहन नहीं की जायेंगी। क्युबा में सत्ताधारी हुकूमत, देश में शांति बनी रहें इसके लिए आवश्यक फ़ैसले करेगी, इसका हमें यकीन है’, ऐसा रशिया के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया झाखारोव्हा ने जताया। रशिया की इस भूमिका का लैटिन अमरीका के मेक्सिको, व्हेनेझुएला, बोलिव्हिया और निकरागुआ इन देशों ने समर्थन किया है।

सन १९५९ में क्युबा में हुई क्रांति के बाद फिडेल कॅस्ट्रो के नेतृत्व में कम्युनिस्ट हुकूमत सत्ता में आई थी। अमरीका ने कई बार कैस्ट्रो की हुकूमत का तख्ता पलटने के प्रयास किए थे। लेकिन वे असफल साबित हुए थे। अमरीका ने क्युबा पर बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए थे। सन २०१५ में तत्कालीन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने क्युबा पर लगाए प्रतिबंध कुछ हद तक शिथिल करने का फैसला किया था। लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में क्युबा का समावेश आतंकवादी समर्थक देशों की सूची में करके प्रतिबंध लगाए गए थे। अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने दो साल पहले किए एक बयान में, क्युबा तथा निकारागुआ की एकाधिकारशाहीवालीं हुकूमतों का तख्ता पलटने के लिए अमरीका सहायता करेगी, ऐसी चेतावनी दी थी।

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