छोटे बच्चों के लिए सितंबर तक ‘कोवैक्सीन’ उपलब्ध होने की संभावना – ‘एम्स’ के संचालक डॉ.गुलेरिया की जानकारी

‘एम्स’नई दिल्ली – देश में छोटे बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन सितंबर तक उपलब्ध होने के आसार की जानकारी ‘एम्स’ के संचालक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने साझा की है। कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर किस हद तक असर होगा, इस मुद्दे पर अलग अलग बयान सामने आ रहे हैं। इसी बीच अमरीका समेत कुछ यूरोपिय देशों में १८ वर्ष से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया गया है। इस पृष्ठभूमि पर भारत में छोटे बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन कब उपलब्ध होगी, यह सवाल किया जा रहा है। इस पर जवाब देते समय डॉ.गुलेरिया ने यह अनुमान व्यक्त किया।

देश में फिलहाल टीकाकरण की गति बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। टीकाकरण की नई नीति कार्यान्वित होने के बाद मात्र दो दिनों में १.४० करोड़ लोगों का टीकाकरण किया गया। बुधवार के दिन कुल ५८ लाख लोगों का टीकाकरण हुआ। ३० जून तक रोज़ाना ५० लाख से अधिक टीके लगाने का लक्ष्य सरकार ने तय किया है। साथ ही जुलाई में वैक्सीन के डोस अधिक मात्रा में उपलब्ध होने पर रोज़ाना १ करोड़ लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य सरकार ने रखा होने की खबर अफसरों के दाखिले से प्राप्त हो रही है।

कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए या इस लहर का असर कम करने के लिए अधिकाधिक लोगों का टीकाकरण करना ही एक मात्र मार्ग है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। ‘एम्स’इसमें कोरोना की तीसरी लहर के दौरान पहली दो लहरों की तुलना में बच्चों में अधिक संक्रमण होगा, यह ड़र विशेषज्ञ लगातार व्यक्त कर रहे हैं। इस वजह से भारत में १८ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन का सुरक्षा कवच कब प्राप्त होगा, यह सवाल किया जा रहा है।

इस पर ‘एम्स’ के संचालक डॉ.गुलेरिया ने खुलासा किया है। भारत बायोटेक ने छोटे बच्चों के लिए विकसित की हुई ‘कोरोना वैक्सीन’ के परीक्षण जारी हैं। छोटे बच्चों पर हो रहे इस क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की रपट सितंबर तक प्राप्त होगी और इसके बाद तुरंत यह वैक्सीन छोटे बच्चों को प्रदान करने के लिए मंजूरी दी जाएगी, यह जानकारी डॉ.गुलेरिया ने प्रदान की।

‘ड्रग्ज कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ (डीसीजीआय) ने १२ मई के दिन छोटे बच्चों पर ‘कोवैक्सीन’ का परीक्षण करने के लिए मंजूरी प्रदान की थी और जून के पहले हफ्ते में यह परीक्षण शुरू किया गया था। इसके अलावा फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को भी मंजूरी प्राप्त हो सकती है। ऐसा होने पर छोटे बच्चों के टीकाकरण के लिए और एक वैक्सीन उपलब्ध होगी, यह जानकारी ‘टास्क फोर्स’ के अधिकारी ने प्रदान की है।

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