कोरोनावायरस के दौर में डेढ़ सौ करोड़ लोगों की नौकरियाँ ख़तरे में – ‘आयएलओ’ की चेतावनी

जेनीवा,  (वृत्तसंस्था) – कोरोनावायरस की महामारी को रोकने के लिए शुरू हुए लॉकडाउन में कई उद्योग बंद हुए हैं और काम करने के घंटों में भी कमी होती देखी गयी है। इस स्थिति में, दुनियाभर में डेढ़ सौ करोड़ से भी अधिक लोग बेरोज़गार होने का संकट टूट पड़ेगा, ऐसी डरावनी चेतावनी ‘इंटरनैशनल लेबर ऑर्गनायझेशन’ (आयएलओ) ने दी है। उत्पादन एवं रिटेल क्षेत्र को इस स्थिति में सबसे अधिक झटका लगेगा और ४३ करोड से भी अधिक उद्योगों को बडा नुकसान उठाना होगा, यह चेतावनी ‘आयएलओ’ ने अपनी नई रिपोर्ट में दी है।

दुनिया के अलग अलग देशों में कार्यरत कामगार एवं मजदूर संगठनों का प्रतिनिधित्व करनेवाले प्रमुख संगठन के तौर पर ‘इंटरनैशनल लेबर ऑर्गनायझेशन’ की पहचान है। इस संगठन ने कोरोना वायरस की महामारी का असर स्पष्ट करनेवाली रिपोर्ट हाल ही में जारी की है। ‘कोविड-१९ ॲण्ड द वर्ल्ड ऑफ वर्क’ नाम की इस रिपोर्ट में दुनिया पर टूट रहें बेरोजगारी के भयंकर संकट की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है।

आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में ३३० करोड लोगों के लिए रोजगार प्राप्त हुआ हैं। इनमें सें करीबन २०० करोड लोगों की नौकरियाँ ‘इन्फॉर्मल इकॉनॉमी’ से जुडी हैं। दुनिया भर में प्राप्त हुईं इन नौकरियों में इस क्षेत्र की नौकरियाँ सबसे अधिक अस्थिर और संवेदनशील समझीं जा रही हैं।

फिलहाल कोरोना की महामारी के कारण इस क्षेत्र से जुडी कुल नौकरियों में से १६० करोड़ लोगों की आय को बडा झटका लग रहा है। लॉकडाउन एवं अन्य प्रावधानों की वजह से इन नौकरियों की आय में करीबन ६० प्रतिशत की कमी हुई है, यह जानकारी ‘आयएलओ’ ने साझा की।

सबसे ज्यादा कमी अमरिका और अफ्रीकी महाद्विप की नौकरियों और आय पर होती दिखाई पडी है। इन देशों में रोजगार एवं आय में ८० प्रतिशत से भी अधिक कमी हुई है। युरोप और मध्य एशियाई क्षेत्र में ७० प्रतिशत कमी देखी जा रही है और एशिया एवं पैसिफिक क्षेत्र के देशों में २१ प्रतिशत से भी अधिक कमी होने की चिंता इंटरनैशनल लेबर ऑर्गनायझेशन ने अपनी रिपोर्ट में व्यक्त की है।

करोड़ों लोगों के हाथ को काम न रहना, इसका मतलब उन्हें खाना, सुरक्षा और भविष्य ना रहेगा, यही होता है। दुनिया के कोने कोने में लाखों उद्योग आखिरी साँस ले रहें हैं। उनके हाथ में कुछ भी सेव्हिंग बचीं नहीं रही है और कर्ज प्राप्त करने की राह भी बची नहीं है। यह अर्थव्यवस्था की गंभीर सच्चाई बनी हैं। इस क्षण, हम सभी लोग मिलकर यदि उन्हें सहायता प्रदान करने में असफल हुएँ, तो ये लाखों उद्योग और नौकरियाँ हमेशा के लिए नष्ट होंगें, इन शब्दों में ‘आयएलओ’ के प्रमुख गाय रायडर ने, दुनिया को कोरोना की महामारी से संबंधित गंभीर परिणामों से अवगत कराया है।

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