नियमों का पालन ना होने से कोरोना संक्रमण जंगल की आग की तरह फैल रही है – सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली – ‘कोरोना वायरस के विरोध की लड़ाई विश्‍वयुद्ध की तरह है। लेकिन, नियमों का सख्ती से पालन करने में कमी होने से यह महामारी जंगल की आग की तरह फैल रही है’, इन शब्दों में सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सभी राज्यों को फटकार लगाई है। कोरोना वायरस की महामारी से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यह बयान किया है।

corona-indiaकेंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों को भी सतर्क रहना होगा। नागरिकों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही कर्फ्यू या लॉकडाउन घोषित करने से कुछ दिन पहले नागरिकों को सूचित करना होगा। इस पृष्ठभूमि पर नागरिक अपने प्रतिदिन की ज़रूरतों का प्रावधान कर सकेंगे, यह बात भी सर्वोच्च न्यायालय ने कही है। न्या.अशोक भूषण के पीठ ने राज्य सरकारों को यह सलाह दी है।

साथ ही कोरोना वायरस की महामारी के दौर में आठ महीने दिन-रात मरीज़ों की सेवा करनेवाले डॉक्टर्स, नर्सेस एवं वैद्यकीय कर्मचारियों को आराम की बड़ी आवश्‍यकता है। इसके लिए उचित प्रावधान करने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिए हैं। इसके अलावा, कोरोना संक्रमितों पर इलाज़ कर रहे अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को सभी संबंधित अस्पतालों का ‘फायर सेफ्टी ऑडिट’ करने के आदेश भी दिए हैं।

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