जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी हमला करने के लिए ‘जैश’की घिनौनी साज़िश

नई दिल्ली – जम्मू-कश्‍मीर में स्थित भारतीय सेना एवं निमलष्करी बल के अड्डों पर आतंकी हमलें करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद संगठन ने बडी साज़िश की है। पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय होनेवाले रावलपिंडी में इस देश की कुख्यात गुप्तचर संगठन आयएसआय के अफसर और जैश के नेताओं के बीच इस साज़िश को लेकर बैठक हुई है। भारतीय गुप्तचर विभाग के सूत्रों के हवाले से माध्यमों ने इस साज़िश की खबर जारी की है। इसी दौरान लश्‍कर-ए-तोयबा और जैश इन आतंकी संगठनों ने भारत के विरोध में हाथ मिलाया होने की खबरें भी सामने आ रहीं हैं।

जम्मू-कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा से जैश के करीबन पच्चीस से तीस आतंकी भारत में घुसपैंठ करने में सफल होने का समाचार है। साथ ही और करीबन ७० आतंकी पीओके से जम्मू-कश्‍मीर में घुसपैठ करने की तैयारी में बैठें होनें की खबरें भी प्राप्त हो रहीं हैं। उन्हें घुसपैठ करने का अवसर प्राप्त हों, इस लिए पाकिस्तान की सेना नियंत्रण रेखा पर गोलिबारी एवं मॉर्टर्स का हमला करती है, यह बात भी समय समय पर स्पष्ट हो चुकी है। इस पृष्ठभूमि पर, जैश का सरगना मौलाना मसूद अजहर का भाई मुफ्ती अब्दुल रौफ असगर ने रावलपिंडी में आयएसआय के अफसरों से भेंट करने की खबर प्राप्त हुई है। मौलाना मसूद अझहर फिलहाल काफी बीमार है और मुफ्ती अब्दुल रौफ असगर के हाथ में ‘जैश’ का नेतृत्व होने की बात कही जा रही है।

इस बैठक में ही, ११ मई को जम्मू-कश्‍मीर में स्थित भारतीय सेना एवं निमलष्करी बलों के ठिकानों पर फिदायिन हमलें करने की घिनौनी साज़िश की गई। भारत के गुप्तचर विभाग ने यह जानकारी प्राप्त की है और गुप्तचर विभाग के सूत्रों के हवाले से माध्यमों ने इससे संबंधित खबर प्रकाशित की है। पिछले वर्ष जैश ने पुलवामा में भीषण आतंकी हमला करके सीआरपीएफ के ४० सैनिकों की हत्या की थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में बने जैश के अड्डे पर हवाई हमला करके सैकडों आतंकियों को ख़त्म किया था। इस हमले का प्रतिशोध लेने के लिए जैश काफी बेताब हुआ होने की बात कई बार सामने आयी थी।

ऐसे में अब ११ मई को जैश के फिदायिन आतंकी, भारतीय सेना एवं निलष्करी बल के ठिकानों को लक्ष्य करेंगे, ऐसी जानकारी प्राप्त होने के बाद भारतीय सुरक्षा यंत्रणा हायअलर्ट पर होने की जानकारी माध्यमों ने साझा की है। साथ ही, पाकिस्तान से प्राप्त हुई एक और खबर की वजह से जैश और लश्‍कर-ए-तोयबा के आतंकी, भारत के विरोध में हाथ मिला रहें हैं, यह भी स्पष्ट हुआ है। भारतीय सुरक्षा बल ने जम्मू-कश्‍मीर में की हुई आक्रामक कार्रवाई की वजह से, इन दोनों आतंकी संगठनों की क्षमता बड़ी मात्रा में कम हुई है। साथ ही, अप्रैल महीने में सुरक्षा बलों ने घाटी में करीबन २८ आतंकियों को ढेर किया था। इसी वजह से ये दोनों आतंकी संगठन एक-दूसरे की सहायता प्राप्त करने के लिए मजबूर हुए दिख रहे हैं। पाकिस्तान-पुरस्कृत आतंकी संगठनों ने इससे आगे भारत में आतंकी हरकत को अंजाम दिया, तो पाकिस्तान को इसकी बड़ी क़ीमत चुकाने के लिए मजबूर किया जाएगा, यह चेतावनी भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने दी थी। रक्षादलप्रमुख जनरल बिपिन रावत तथा सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी पाकिस्तान को कड़े शब्दों में परिणामों का एहसास कराया हैं। इसके बावजूद, पाकिस्तान आतंकवाद की राह से दूर हटने के लिए तैयार नहीं है, यह बात आयएसआय की सहायता से ‘जैश’ ने की हुई इस साज़िश से स्पष्ट हो रही है।

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