३९ लोगों की जान लेनेवाला ‘हिराखंड एक्सप्रेस हादसा’; हमले की शंका और बढ़ी; ‘एनआयए’ की जाँच का निष्कर्ष

नई दिल्ली, दि. २७ : आंध्र प्रदेश के कुनेरू में हिराखंड एक्सप्रेस को हुए हादसे की जाँच कर रही ‘राष्ट्रीय जाँच एजन्सी’ (एनआयए), ‘यह हमला था’ इस निष्कर्ष तक पहुँचे दिखायी दे रहे हैं| पिछले चार महीनों में तीन बड़े रेल हादसे हुए हैं| इसके पीछे पाकिस्तान की ‘आयएसआय’ का षडयंत्र रहेगा, ऐशी आशंका जताई जा रही थी| ३९ लोगों की जान लेनेवाले ‘हिराखंड एक्सप्रेस’ हादसे के बाद, ‘यह हमला होगा’ ऐसी गहरी आशंका रेल, पोलीस एजन्सियों द्वारा जतायी जा रही है|

हिराखंड एक्सप्रेसनवबंर महीने में उत्तर प्रदेश के ‘इंदौर-पटना’ एक्सप्रेस को हुए हादसे में १५० लोगों की जाने गयी थी| इसके पहले बिहार के घोरासान में, रेल पटरी पर ‘आयईडी’ लगाने की बात सामने आयी थी| ‘इंदौर-पटना’ एक्सप्रेस हादसे की पूछताछ के दौरान हुई गिरफ़्तारी के बाद, इस हमले की जानकारी सामने आयी थी| पाकिस्तान की खुफिया एजन्सी ‘आयएसआय’ ने, भारत को हमले का झटका देने के लिए रेल अपघात का सत्र शुरू करने की भीषण साज़िश रची है| इस साजिश द्वारा यह हमला किया गया था, ऐसी जानकारी संदिग्ध की पूछताछ के दौरान सामने आयी थी| बिहार पुलिस ने यह जानकारी दी थी|

बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किये मोतीलाल पासवान, उमाशंकर पटेल और मुकेश यादव इनकी ‘एनआयए’ द्वारा की गई पूछताछ में इस साजिश की जानकारी मिली थी| आनेवाले समय में, ‘आयएसआय’ इस तरह के कई हमले कर भारत में खूनखराबा करने की फिराक में है, ऐसा इन तीनों ने कहा था| इसके लिये नेपाल मार्ग से पाकिस्तान के एजंट भारत में घुसाए जा रहे हैं| इसके लिए दुबई से पैसे दिये जा रहे हैं| इस साज़िश को नाकाम करने के लिये ‘एनआयए’ की टीम जीतोड़ मेहनत कर रही है| इस मामले में जल्द ही, ‘आयएसआय’ के अन्य कुछ हस्तकों के गिरफ्तारी हो सकती है|

रेल हादसे के पीछे सुनियोजित साज़िश

पिछले साल भर में, रेलगाड़ियाँ पटरी से उतरने से हुए ४५ हादसों के पीछे हमले की आशंका जतायी जा रही है| हिराखंड एक्सप्रेस हादसे के बाद इस मामले की जानकारी सामने आयी है| बुधवार की रात में दिवा स्थानक के नजदीक रेल पटरी पर पुरानी पटरी का टुकड़ा डाला था| लेकिन मोटरमन ने सचेतता बरतते हुए रेल रूकवाई और हादसा टला| वहीं, कानपूर, हाजीपूर इन जगहों पर रेल पटरी खुली करके हमला करने की कोशिश हुई थी|

बिहार के सातजगत और दलसिंग सराई के बीच के लोहमार्ग पर दो पत्थर रखकर रुकावट डालने की साज़िश कुछ लोगो ने की थी| लेकिन रेलगश्तीपथक के दो कर्मचारियों ने यह साज़िश नाकाम कर दी थी| इसके कारण बहुत बड़ा हादसा टला था| क्योंकि इस मार्ग से मुझ्झफ्फरपूर-भागलपूर इंटरसिटी एक्सप्रेस पास होनेवाली थी|

ये सारी घटनाएँ रेल हादसा करने की नियोजनबद्ध साज़िश रची होने का अंदेशा दे रहे हैं| पिछले साल भर में हुए हादसों की वजह से रेल को लगभग ८०० करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है| इस पृष्ठभूमि पर, रेल अधिकारियों ने गैंगमन और रेल पुलिस को, संयुक्त रूप में गश्ती लगाकर पटरी की सुरक्षा के लिए एहतियात बरतने की सूचना की है|

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