पृथ्वी पर चल रहे आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा करेंगे ‘अरब नाटो’ की बैठक में सऊदी के ‘क्राउन प्रिंस मोहम्मद’ का इशारा

रियाध: ‘आज से हम सब मिलकर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने वाले हैं। अपनी आसपास की दुनिया में, विशेषरूप से इस्लाम धर्मीय देशों में आतंकवाद के कई रूप पराजित हो रहे हैं। हम इस संघर्ष को आगे जारी रखने वाले हैं। आतंकवाद को पराजित करने वाले हैं। हम पृथ्वी पर चल रहे आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा करेंगे’, ऐसा सऊदी अरेबिया के ‘क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान’ ने कहा है। रविवार को सऊदी की राजधानी रियाध में ‘इस्लामिक मिलिट्री काउंटर टेररिज्म कोऍलिशन’ (आईएमसीटीसी) के स्थापना की घोषणा की गई। इस समय सऊदी के राजपुत्र ने आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

दो साल पहले सन २०१५ में सऊदी अरेबिया के तत्कालीन ‘डिप्टी क्राउन प्रिंस’ और रक्षा मंत्री ने अरब देशों के ‘इस्लामिक मिलिट्री अलायंस’ (आईएमए) की स्थापना की थी। इसमें खाड़ी के साथ अफ्रीका और दक्षिण पूर्व आशिया के ४१ इस्लामी देशों का समावेश है। लेकिन पिछले दो सालों में इस लष्करी मोर्चे ने किसी भी मुहीम में हिस्सा नहीं लिया था। इसके पहले मई महीने में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे के दौरान ‘अरब-इस्लामिक-यूएस समिट’ का आयोजन किया गया था। इस परिषद में ‘अरब नाटो’ के तौर पर पहचान प्राप्त किए मोर्चे ने ३४ हजार सैनिकों की टुकड़ी निर्माण करने की घोषणा की थी ।

उसके छ: महीनों के बाद यह मोर्चा प्रत्यक्षरूप से कार्यान्वित हो रहा है। इस मोर्चे में ईरान, इराक और सीरिया का समावेश नहीं है। इसके पीछे सऊदी अरेबिया और ईरान के बिच बढ़ता तनाव यह प्रमुख घटक माना जा रहा है। सऊदी के ‘क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान’ ने नए मोर्चे की स्थापना के बाद खाड़ी और अरब देशों में आतंकवाद नहीं दिखेगा, ऐसा भी घोषित किया है। आतंकवाद और कट्टरवाद की वजह से अपने धर्म की प्रतिमा और श्रद्धा को ठेंच पहुँच रही है। ऐसा दावा भी उन्होंने किया है।

‘अरब नाटो’ के प्रमुख के तौर पर पाकिस्तान के भूतपूर्व लष्कर प्रमुख जनरल राहिल शरीफ की नियुक्ति की गई है। ईरान, इराक और सीरिया का समावेश न होने की वजह से इस मोर्चे पर सिर्फ ‘अरब’ देशों का लष्करी समूह होने का आरोप किया जा रहा है। लेकिन ‘आईएमए’ के प्रमुख जनरल शरीफ ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है। कट्टरवादी सोच और बिना चेहरे वाले दुश्मन के खिलाफ हम एक हुए हैं, ऐसा दावा उन्होंने किया है।

बैठक के दौरान, सऊदी के प्रिंस साथ ही अन्य अधिकारीयों ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करने का आश्वासन दिया है, लेकिन अगली मुहीम के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी है। सीरिया और इराक में स्थित ‘आयएस’ इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ मुहीम अंतिम पड़ाव पर है, ऐसा माना जाता है। इसलिए ‘इस्लामिक मिलिट्री काउंटर टेररिज्म कोऍलिशन’ निश्चित रूपसे कौन से आतंकवाद समूह के खिलाफ संघर्ष करने वाले हैं, यह अभी तक निश्चित नहीं हुआ है।

रविवार को हुई परिषद और उसमें की हुई घोषणा मतलब, सऊदी के ‘क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान’ ने सत्ता पर पकड़ मजबूत करने के लिए साथ ही ईरान के खिलाफ संघर्ष अधिक तीव्र करने के लिए की हुई गतिविधि है, ऐसा दावा कुछ विश्लेषक कर रहे हैं।

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