आतंकवादी पाकिस्तान का पूरा बहिष्कार करें – बेल्जियम के संसद सदस्यों का आवाहन

ब्रुसेल्स – अभी अथवा कुछ समय बाद, अमरीका को अफगानिस्तान में बनी तालिबान की हुकूमत को मान्यता देनी ही पड़ेगी, ऐसा दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया है। खुलेआम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किए तालिबान के इस समर्थन की गूंजें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई देने लगी हैं। बेल्जियम के संसद सदस्य फिलिप डिविंटर ने, पाकिस्तान की सहायता से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया, यह बात सारी दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक बनी होने की चेतावनी दी। तालिबान जितना ही पाकिस्तान से भी दुनिया को खतरा संभव है और इसी कारण इस देश का पूरा बहिष्कार किया जाए, ऐसी माँग टिविंटर ने की।

पूरा बहिष्कारयुरोपीय देश बेल्जियम के सिनेटर होनेवाले फिलिप डिविंटर ने माध्यमों के साथ संवाद करते समय, पाकिस्तान के आतंकवाद पर कड़े शब्दों में प्रहार किए। पाकिस्तानी आतंकवादी देश साबित होता है और ऐसे देशों के साथ हम किसी भी प्रकार के संबंध नहीं रख सकते। पाकिस्तान अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन करता आया है। इससे पहले भी ऐसा हुआ था और इसके आगे भी ऐसा ही होता रहेगा, ऐसा बताकर डिविंटर ने पाकिस्तान के पूरे बहिष्कार की माँग की। साथ ही, युरोपीय देशों को, अफगानिस्तान में बनी तालिबान की हुकूमत से होनेवाला खतरा इस समय डिविंटर ने अधोरेखांकित किया।

‘अफगानिस्तान में अमरीका की पराजय के बाद, यह देश तालिबान के कब्जे में गया है। अब तालिबान के पास पैसा और आतंकवाद मचाने का काफी सारा अनुभव आया है। इसका इस्तेमाल करके तालिबान युरोपीय देशों में कट्टरतावाद बढ़ाएगा। इसका बहुत बड़ा खतरा युरोप के सामने खड़ा हुआ है। बेल्जियम की सरकार ने इसकी गंभीर दखल लेनी ही चाहिए। इन सब के पीछे होनेवाले पाकिस्तान के साथ हमें किसी भी प्रकार के संबंध ना रखते हुए, इस देश का बहिष्कार करना ही होगा। पाकिस्तान को वैसा कठोर संदेश देना अत्यावश्यक बना है’, ऐसा सिनेटर डिविंटर ने आगे कहा।

तालिबान जितना ही खतरनाक होनेवाले पाकिस्तान से दुनिया को लष्करी, आतंकवादी और सुरक्षा विषयक खतरे संभव है। उन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान जैसे आतंकवादी देश को रोकने के प्रयास करनेवालों के साथ हम डटकर खड़े रहेंगे, यह संदेश हमारी ओर से जाना चाहिए, ऐसा आवाहन भी इस समय डिविंटर ने किया।

‘युरोपिय फाऊंडेशन फॉर साऊथ एशियन स्टडीज्-ईएफएसएएस’ के एक्झिक्युटिव्ह डायरेक्टर जुनैद कुरेशी ने भी, तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद बढ़ी हुई आतंकवादी हरकतों पर गौर फरमाया। तालिबान को अभिप्रेत राजनीतिक व्यवस्था तालिबान पूरी दुनिया में लागू करना चाहता है और उसके लिए यह आतंकवादी संगठन प्रयास किए बगैर नहीं रहेगा, ऐसी चेतावनी कुरेशी ने दी। तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता मिलने के बाद, पाकिस्तान के और जम्मू-कश्मीर के आतंकवादी संगठनों की ताकत बढ़ी है, ऐसा दावा भी कुरेशी ने किया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान हालाँकि खुलेआम तालिबान का समर्थन कर रहे हैं, फिर भी अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय तालिबान की ओर अभी भी आतंकवादी के रूप में ही देख रहा है, यह बात सामने आ रही है। युरोपीय देशों में इस बारे में अधिक जागरूकता होने की बात स्पष्ट हुई होकर, युरोपीय महासंघ में पाकिस्तान के विरोध में गतिविधियाँ शुरू हुईं हैं। अफगानिस्तान के आतंकवादविरोधी युद्ध में अब तक की हुई सहायता की दखल लेकर युरोपीय महासंघ ने पाकिस्तान को ‘जनरलाईझ्ड स्किम ऑफ प्रेफरन्सेस-जीएसपी’ दर्जा दिया था। इस कारण युरोपीय देशों में आयात पाकिस्तान के उत्पादनों पर अन्य देशों की तरह कर लगाया नहीं जाता था। इसका बहुत बड़ा फ़ायदा पाकिस्तान की निर्यात को मिला। लेकिन अब पाकिस्तान को मिली यह जीएसपी छूट यूरोपीय महासंघ निकाल देने की तैयारी में है।

इसे पाकिस्तान को बहुत बड़ा नुकसान पहुँच सकता है। इतना ही नहीं, बल्कि आनेवाले समय में पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए युरोपीय महासंघ के सदस्य देशों द्वारा पहल की जाने की गहरी संभावना है। तालिबान को दिए समर्थन की इतनी बड़ी कीमत पाकिस्तान को चुकती करनी पड़ेगी, इस बात पर इस देश के कुछ विचारी विश्लेषक और पत्रकारों ने सरकार का गौर फरमाया था। लेकिन पाकिस्तान की सरकार इसे पूरी तरह अनदेखा कर रही है।

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