अफ़गानिस्तान में ‘आयएस खोरासन’ का कमांडर गिरफ़्तार

काबूल – आयएस खोरासन इस खतरनाक आतंकवादी संगठन का अफ़गानिस्तान का कमांडर मुनीब मोहम्मद को अफगानी सुरक्षा यंत्रणा ने गिरफ़्तार किया। मार्च के आख़िरी हफ़्ते में अफ़गानिस्तानस्थित काबूल में शीखधर्मियों के गुरुद्वारा पर हुए आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार आयएस खोरासन ने किया था। उसके बाद अफगानी सुरक्षा यंत्रणा ने इस आतंकवादी संगठन के विरोध में आक्रमक मुहिम हाथ में ली थी।

बुधवार को अफगानी सुरक्षा यंत्रणाओं ने मुनीब मोहम्मद को गिरफ़्तार किया। वह मूलत: पाकिस्तान का नागरिक है। आयएस खोरासन में शामिल होने से पहले वह अल-कायदा का सदस्य था। वैसे ही, उसके ‘लश्कर-ए-तोयबा’, ‘हक्कानी नेटवर्क’, ‘सिपाह-ए-सहाबा’, ‘जमेत-उल-उलेमा-ए-इस्लाम’, ‘पेशावर शुरा’ इन आतंकवादी संगठनों के साथ उसके संबंध थे। उसी समय, वह पाकिस्तानी गुप्तचर यंत्रणा ‘आय.एस.आय.’ के संपर्क में था। मुनीब आयएस खोरासन तथा अन्य आतंकी संगठनों से सलाहमशवरा करके ख़ूनख़राबा करवाता था, यह बात प्राथमिक जाँच में स्पष्ट हुई है। और भी नयी जानकारी सामने आयेगी, ऐसा अफगानी सुरक्षा यंत्रणा ने बताया।

मार्च के आख़िरी हफ़्ते में अफ़गानिस्तानस्थित काबूल में शीखधर्मियों के गुरुद्वारा पर हुए आतंकी हमले में २७ लोगों की जान गयी है। इस हमले की जिम्मेदारी का स्वीकार आयएस खोरासन ने किया था। उसके बाद अफगानी सुरक्षा यंत्रणा ने आयएस खोरासन का प्रमुख अस्लम फारुखी को गिरफ़्तार किया था। उसका इस हमले से ताल्लुक़ था। उसके बाद पाकिस्तान ने उसे अपने कब्ज़े में देने की माँग की थी। अफ़गानिस्तान ने यह माँग ठुकरायी थी। अफ़गानिस्तान के बेगुनाहों की जान लेनेवाले को हम नहीं छोड़ेंगे, ऐसा अफ़गानिस्तान ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप में बताया था। अब पाकिस्तान का मुनीब ग़िरफ़्तार हुआ होने के कारण, क्या उसे अपने कब्ज़े में देने की माँग पाकिस्तान करेगा, यह सवाल उपस्थित हुआ है। लेकिन पाकिस्तान ने माँग की भी, तो भी अस्लम की तरह ही मुनीब को पाकिस्तान के कब्ज़े में देने से अफगानी यंत्रणाएँ इन्कार करेंगी, ऐसा दिखायी देता है।

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