येमन में गठबंधन की सरकार के विमान पर हुआ हमला – २६ की मौत, ५० घायल

एडन – येमन के एडन स्थित हवाई अड्डे पर हुए बम हमले में २६ लोग मारे गए हैं। सौदी अरब से उड़ान भर कर यहां पर उतरें येमन की गठबंधन सरकार के विमान को लक्ष्य करने के लिए यह हमला किया गया। येमन की सौदी समर्थक गठबंधन की सरकार को मंजूरी ना देनेवाली एवं ईरान से पुरी तरह से समर्थन प्राप्त करनेवाली विद्रोहियों की ‘हौथी’ संगठन ही इस हमले के लिए ज़िम्मेदार होना का आरोप येमन की सरकार ने किया हैं। तभी, इस हमले के साथ ही येमन में हौथी बागियों के खिलाफ फिर से संघर्ष शुरू होने की संभावना भी बढ़ी हैं।

येमन में गठबंधन की सरकार के विमान पर हुआ हमला - २६ की मौत, ५० घायलदस दिन पहले ही येमन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति प्राप्त करनेवाली हादी सरकार और दक्षिण येमन के विद्रोही गुटों के गठबंधन की सरकार गठीत हुई थी। सौदी अरब का समर्थन प्राप्त करनेवाले राष्ट्राध्यक्ष हादी और इन विद्रोहियों के गुटों ने सरकार बनाने का विश्‍वभर में स्वागत हुआ था। इस वजह से इस संघर्षग्रस्त येमन में कुछ हद तक शांति स्थापित होगी, यह दावा किया जा रहा था। सौदी ने येमन की इस नई सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को खास दौरे का न्यौता दिया था।

सौदी का दौरा करके येमन की सरकार के कैबिनेट मंत्रियों का विमान बुधवार के दिन एडन के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। यह विमान रनवे पर था तभी हवाई अड्डे पर बड़ा विस्फोट हुआ। इस विस्फोट के ठिकाने पर भीड़ होते ही दुसरा विस्फोट हुआ। इस वजह से इस हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर २६ हुई। इस विस्फोट के साथ ही हवाई अड्डे के रिसेप्शन हॉल में भी विस्फोट होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा विस्फोट के बाद गोलीबारी होने की जानकारी भी प्रदान की जा रही हैं। यह हमला करने के लिए कत्युशा रॉकेटस्‌ का इस्तेमाल होने के दावे किए जा रहे हैं।

इस हमले से बच निकले येमन के गठबंधन की सरकार के नेताओं को कुछ दूरी पर स्थित ‘माशेक राष्ट्राध्यीय निवास’ स्थान पर रखा गया। इस निवास स्थान के बाहर भी विस्फोट होने का दावा किया जा रहा हैं। लेकिन, इससे संबंधित किसी भी तरह का खुलासा नही हुआ हैं। राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान में प्रधानमंत्री माईन अब्दुलमलिक समेत कैबिनेट के सभी नेता सुरक्षित हैं, यह जानकारी येमन के सूचना प्रसार मंत्री मुअम्मर अल इरयानी ने प्रदान की। साथ ही इस हमले के लिए येमान में स्थित ईरान समर्थक विद्रोहियों की हौथी संगठन ज़िम्मेदार होने का आरोप भी मुअम्मर ने किया। तभी येमन के प्रधानमंत्री अब्दुल मलिक ने इसे आतंकी हमला बताया है और यह हमला हमारे देश के विरोध में शुरू किए युद्ध का हिस्सा होने का बयान किया हैं। लेकिन, येमन के प्रधानमंत्री इस हमले को लेकर सीधा हौथी बागियों पर आरोप रखने से दूर रहे हैं।

येमन में ‘हुसैन बद्रेद्दिन अल हौथी’ नामक बागी नेता ने वर्ष १९९२ में इस गुट का गठन किया था। ईरान से समर्थन प्राप्त करनेवाले इस गुट ने इससे पहले येमन क हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह करने की कोशिश की थी। अल-हौथी के समर्थकों को हौथी बागी कहा जाता हैं। वर्ष २०१४ से येमन में हौथी के गुट ने हादी सरकार के विरोध में जोरदार संघर्ष शुरू किया।

हौथी विद्रोहियों के हमलों की वजह से राष्ट्राध्यक्ष हादी ने सौदी अरब में पनाह ली है और वह सौदी में रहकर ही येमन की सरकार चला रहे हैं। ऐसें में सौदी समेत यूएई और इजिप्ट इन अरब देशों ने हौथी बागियों के खिलाफ मोर्चा खोला हैं। बीते छह वर्षों से सौदी और अरब देशों का गठबंधन एवं हौथी बागियों के बीच शुरू इस संघर्ष में अबतक एक लाख से भी अधिक लोग मारे गए हैं और लाखों बेघर हुए हैं। इस संघर्ष की वजह से येमन में सबसे भीषण संकट उभरा हैं, ऐसी चिंता भी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने व्यक्त क हैं।

ईरान हौथी बागियों को पुरी सहायता प्रदान कर रहा हैं, यह आरोप अमरीका और सौदी कर रहे हैं। ईरान के मिसाइल, ड्रोन्स के पुर्जे हौथीयों से बराम होने की बात भी सामने आयी थी। इसकेअलावा ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ के कमांडर भी बीते दो महीनों से येमन के हौथी बागियों के खुलेआम संपर्क में होने के फोटो भी प्रसिद्ध हुए थे। ईरान ने हमेशा से ही येमन में हौथी बागियों को अपना समर्थन दिया है और वहां की हादी सरकार और सौदी की लष्करी कार्रवाई पर आलोचना की हैं। इस दौरान हम हौथी बागियों को हथियारों की आपूर्ति नही करते, यह दावा भी ईरान कर रहा हैं।

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