पोलैंड से शरणार्थीयों के बारे में नीती बदलने के लिए स्पष्ट इनकार

वार्सा/ब्रुसेल्स: युरोपीय महासंघ ने शरणार्थियों के बारे में जारी की नीति आत्मघाती होने का आरोप करके पोलैंड ने शरणार्थियों के संदर्भ में अपनी नीति कदापि न बदलने का कड़ा इशारा दिया है। युरोपीय महासंघ ने पोलैंड पर कारवाई करने के संकेत दिए थे, पर उन्होंने अपनी भूमिका कायम रखी है। शरणार्थियों के मुद्दे पर युरोपीय देशों में निर्माण हुए दो गट अधिक स्पष्ट रूप से सामने दिखने लगे हैं। कुछ दिनों पहले पोलैंड के वरिष्ठ नेता ने युरोप में शरणार्थियों का झुंड एवं आतंकी हमलों के सीधा संबंध का मुद्दा उपस्थित किया था।

युरोपीय महासंघ ने शरणार्थियों के झुंड को लेकर समस्या के लिए ‘रिलोकेशन स्कीम’ नामक योजना तैयार की थी। इसके अंतर्गत युरोप में आने वाले शरणार्थियों के झुंड विभिन्न देशों में भेजे जाएंगे। पर इस योजना पर पूर्व तथा मध्य युरोप के देशों में तीव्र विरोध किया है। पोलैंड के साथ हंगेरी एवं झेक रिपब्लिक इन देशोंने शरणार्थियों को स्वीकारने के लिए स्पष्ट इनकार दर्शाया है। युरोपीय महासंघ ने लगातार इशारे देकर भी इन देशों ने अपना विरोध कायम रखा है और महासंघ ने अब अपनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरु की है। इसके अनुसार महासंघ के शरणार्थियों को झूठलाने वाले सदस्य देशों को मिलने वाला अर्थसहाय्य कम किया जाएगा एवं उनसे अर्थदंड भी वसूल किया जाएगा।

महासंघ के इस कार्रवाई के बारे में अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए पोलैंड ने अपने शरणार्थियों के बारे में बनी नीति को फिर दोहराया है। शरणार्थियों के झुंड को विभिन्न देशों में स्थानांतरित करने की नीती गलत एवं खतरनाक है। युरोपीयन कमीशन को सुरक्षा, एकता और सामाजिक मूल्यों के मुद्दे पर सदस्य देशों के व्यवहार में दखलअंदाजी करने का अधिकार नहीं, ऐसा पोलैंड के अंतर्गत सुरक्षा मंत्री मारिस्झ ब्लायझैक ने कहा है। कमीशन को लिखे खत में उन्होंने युरोप में बढ़ते आतंकी हमलों का उल्लेख किया।

पैरिस, स्टॉकहोम, ब्रूसेल्स, बर्लिन, मैंचेस्टर, बार्सिलोना इन शहरों में आतंकी हमले हुए हैं। और कितने युरोपीय शहरों पर हमले होने के बाद महासंघ को जागेंगी? युरोप के किनारे पर आने वाले शरणार्थीयों को अंधेपन से युरोपीय देशों में प्रवेश देने के बाद, युरोप के गले में फंदा फ़सता जा रहा है, यह एहसास महासंघ को अभी भी नहीं हुआ है, इन कड़े शब्दों में पोलैंड के मंत्री ने शरणार्थियों के नीति पर कड़ी टीका की है। इनके विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले में जारी किए निवेदन में कमीशन पर जम के टीका की है।

पोलैंड के राष्ट्रीय सुरक्षा विभागने बार्सिलोना में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख करके, अपना देश शरणार्थियों को नहीं स्वीकारेगा यह घोषित किया है। कुछ दिनों पहले पोलैंड के वरिष्ठ मंत्रियों ने युरोप में दाखिल हुए इस्लाम धर्मीयों के विभिन्न भागों में ‘सुरक्षित क्षेत्र’ विकसित किए हैं। और यह भाग आतंकवादी कार्रवाई के लिए सहायक के तौर पर इस्तेमाल किए जाने का गंभीर आरोप किया था।

पोलैंड ने पहले भी लगातार युरोप में दाखिल होने वाले शरणार्थियों के झुंड के विरोध में आक्रामक भूमिका ली थी। युरोप में पिछले २ वर्षों में दाखिल हुए खाड़ी एवं अफ्रीकी शरणार्थियों को स्वीकारने के लिए खुलेआम इंकार दर्शाया था। जिससे यह मुद्दा पोलैंड एवं महासंघ के बीच तनाव का मुख्य कारण बना है।

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