नेपाल के दल पर चीनी सैनिकों ने दागे आँसू गैस के गोले

काठमांडू – नेपाल के हुमला ज़िले की सीमा तय करनेवाले पिलरी की जाँच करने पहुँचे नेपाली दल पर चीनी सैनिकों ने आँसू गैस के गोले दागे। चीन ने अपनी ज़मीन पर कब्ज़ा करने के दावे नेपाल की सरकार ठुकरा रही है। लेकिन, नेपाली माध्यम और विरोधी दल यह आरोप लगा रहे हैं कि, नेपाल की सरकार सच्चाई छुपा रही है। इससे संबंधित अलग अलग जानकारी लगातार आगे आ रही है। हुमला ज़िले में ही चीन ने अतिक्रमण किए हुए इलाके में कुछ ही दिनों में इमारतों का निर्माण कार्य करने की बात सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर नेपाल के दल पर चीन ने आँसू गैस के गोले दागने की खबर सामने आने से प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की सरकार की मुश्‍किलें और भी बढ़ गई हैं।

nepal-chinaचीन के प्रभाव में काम करनेवाले प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार भारत के विरोध में अपनी ज़मीन पर कब्ज़ा करने के झूठे आरोप लगातार कर रही है। इसके लिए नेपाल की सरकार ने एक राजनीतिक नक्शा भी जारी किया। लेकिन उसी समय नेपाल के सरहदी ज़िलों में चीन ने कब्ज़ा किए हुए क्षेत्र को लेकर नेपाल की सरकार ने एक शब्द भी बयान नहीं किया, यह भी स्पष्ट हुआ है। नेपाल के कृषि विभाग की एक रपट से ही चीन धीरे धीरे नेपाल के सरहदी गांवों की ज़मीन पर कब्ज़ा करने में जुटा होने की बात सामने आयी थी। इसके लिए चीन नदियों के मार्ग में भी बदलाव कर रहा है और बॉर्डर पिलर नेपाल की सीमा में आगे बढ़ा रहा है, यह बात भी इस रपट में दर्ज थी।

लेकिन, नेपाल की सरकार चीन द्वारा कब्ज़ा की जा रही ज़मीन के मामलों की सच्चाई छुपाने की बड़ी कोशिश कर रही है। नेपाल का सीमा विवाद भारत के साथ जारी है, चीन के साथ नहीं, यह बयान नेपाल के विदेशमंत्री ने किया था। भारतीय माध्यम झूठी खबरें फैला रहे हैं, यह आरोप भी नेपाल ने किए थे। असल में नेपाल के स्थानीय माध्यमों में ही चीन ने कब्ज़ा किए ज़मीन से संबंधित अलग अलग जानकारी सामने रखी जा रही है। इसके विरोध में नेपाली जनता में ओली सरकार को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। देश के विरोधी दल भी इस मसले पर ओली सरकार से सवाल कर रहे हैं।

ऐसे में अब हुमला ज़िले में बॉर्डर पिलर की जाँच करने पहुँचे सियासी नेता और अधिकारियों का समावेश होनेवाले नेपाल के दल पर चीनी सैनिकों ने आँसू गैस के गोले दागने का समाचार सामने आया है। चीन के अतिक्रमण की सच्चाई जानने के लिए ही यह दल सरहद पर पहुँचा था। इस १९ सदस्यों के दल का नेतृत्व नेपाल कांग्रेस पार्टी के नेता जीवन बहादुर शाही कर रहे थे। इस वजह से इस मामले पर अब नेपाल की सरकार की मुश्‍किलें और भी बढ़ेंगी, यह बात स्पष्ट हो रही है। यहां के नामखा गांव के उपाध्यक्ष चीनी सैनिकों ने दागे आँसू गैस के गोलों से घायल हुए हैं।

इसी बीच, नेपाल के हुमला ज़िले में ज़मीन पर कब्ज़ा करके चीन ने कुछ ही दिनों में ९ इमारतों का निर्माण करने की जानकारी बीते महीने में ही स्पष्ट हुई थी। साथ ही इस इलाके में नेपाली नागरिकों को प्रवेश करने से भी चीन ने मनाई करने का वृत्त है। यहां के एक स्थानीय सरपंच ने दूर से ही चीन ने यहां पर किए निर्माण कार्य के फोटो निकालकर सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किए थे। चीन समर्थक नेपाल की सरकार जानबूझकर चीन के अतिक्रमण की ओर अनदेखा कर रही है, यह आरोप भी होने लगे हैं। चीन ने कब्ज़ा किया हुआ नेपाल का यह क्षेत्र भारत के उत्तराखंड़ के पिठोरागड़ की सीमा से मात्र ७० किलोमीटर दूरी पर है। इस वजह से यहां पर चीन ने कब्ज़ा करना भारत के लिए भी चिंता बढ़ानेवाली घटना साबित होती है।

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